पेड़ की खोह मे नहीं, खेत के अपने घर में रहता है असढू बैगा का परिवार
पेड़ की खोह मे नहीं, खेत के अपने घर में रहता है असढू बैगा का परिवार
संजय गुप्ता (मांडिल) ब्यूरो चीफ
मुरैना 21 अगस्त 2007 । प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले मंडला के मोहगांव ब्लॉक के ग्राम कंचनगांव में असढू बैंगा ग्राम में अपनी भूमि पर अस्थाई झोपड़ी बनाकर रह रहा है। उसके साथ उसका 30 वर्षीय पुत्र शिवप्रसाद भी रहता है जो पिछले 10-12 सालों से मानसिक रूप से अस्वस्थ होने पर कभी-कभी पेड़ की खोह में भी रह जाता है जबकि उनका अस्थायी मकान उनके खेत में बना हुआ है।
असढू बैगा ग्राम में अपनी भूमि में अस्थाई झोपड़ी बनाकर रह रहा है। वह पेड़ की खोह में नहीं रहता है। ग्राम पंचायत द्वारा इन्दिरा आवास योजना के अन्तर्गत उसका प्रकरण तैयार किया जाकर जनपद पंचायत मोहगांव को भेजा जा चुका है। उसके पास लगभग चार एकड़ भूमि है। जिससे उसे अधिया के रूप में अनाज मिलता है। इसके अतिरिक्त रोजगार गारंटी योजना में उसका कार्ड बना हुआ है। उसे 74 दिनों की मजदूरी 3 हजार 700 रूपये प्राप्त हुए है।
ग्राम पंचायत देवगांव विकासखंड मोहगांव के ग्राम कंचनगांव के कालोनी टोला में असढू पिता श्री सुकलाल बैगा उम्र 65 वर्ष अपने एकमात्र पुत्र शिवप्रसाद बैगा उम्र 30 वर्ष के साथ निवासरत है। असढू बैगा का आवासी मकान 3-4 वर्ष पूर्व अतिवृष्टि से जर्जर होकर गिर गया जिसके पश्चात असढू बैगा स्वयं की भूमि पर अस्थायी झोपड़ी बनाकर रह रहा है। असढू बैगा का इन्दिरा आवास योजना के अन्तर्गत प्रकरण ग्राम पंचायत स्तर से तैयार किया जाकर जनपद कार्यालय मोहगांव को भेजा जा चुका है। असढू बैगा का पुत्र शिवप्रसाद गत 10-12 सालों से मानसिक रूप से अस्वस्थ्य है जिसका ग्रामीण इलाज उसके पिता द्वारा कराया गया।
असढू पिता सुकलाल को बैगा परिवार होने के कारण अत्न्योदय योजना का पीला राशन कार्ड प्राप्त है जिसमें प्रत्येक माह खाद्यान्न प्राप्त कर भरण-पोषण किया जा रहा है। पेज पीकर जीवन यापन करने वाली बात सही नहीं है। यह भी कि असढू के नाम लगभग 4 एकड़ भूमि है जिससे उसे अनाज अधिया में मिलता है। इसके अतिरिक्त असढू बैगा को पंजीयन क्रमांक 37 का राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में जाबकार्ड प्राप्त है जिसमें असढू बैगा को 74 दिवस का रोजगार प्राप्त हुआ है तथा 3700 रूपये मजदूरी भी प्राप्त हुई है।
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