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सितंबर 30, 2007 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

केन्द्र सरकार ने नियम नहीं बनायें तो मध्य प्रदेश की सरकार बन भूमि पर कब्जाधारी को पट्टे देने का काम शुरू कर देगी- चौहान

वर्ष 2005 तक के कब्जाधारी को पट्टे मिलेंगे , जनादेश को मुख्यमंत्री का खुला समर्थन केन्द्र सरकार ने इस संबंध में नियम नहीं बनायें तो मध्य प्रदेश की सरकार देश की पहली सरकार होगी जो बन भूमि पर कब्जाधारी को पट्टे देने का काम शुरू कर देगी - चौहान   हर अंहिसात्मक आंदोलन को संरक्षण व सहयोग मिलना चाहिए - नरेन्द्र सिंह तोमर मुरैना 5 अक्टूबर 2007// मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वन भूमि पर 13 दिसम्बर 2005 तक के हर कब्जाधारी आदिवासी को पट्टे दिए जांयेगें । इसके लिए केन्द्र सरकार नियम बना रही है । यदि एक माह में केन्द्र सरकार ने इस संबंध में नियम नहीं बनायें तब भी मध्य प्रदेश की सरकार देश की पहली सरकार होगी जो बन भूमि पर कब्जाधारी को पट्टे देने का काम शुरू कर देगी । मुख्यमंत्री आज मुरैना में एकता परिषद द्वारा आयोजित जनादेश 2007 सत्याग्रह पदयात्रा को सम्बोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि गरीबों और आमजन के हक में किये जाने वाले हर अंहिसात्मक आंदोलन को सरकार का खुलासमर्थन मिलेगा । सर्वोदयी नेता श्री बालजी भाई की उपस्थिति में आयोजित इस सभा में भाजपा प्

अम्‍बाह पोरसा आन्‍दोलन के शहीदों को असामाजिक तत्‍व माना सरकार ने

अम्‍बाह पोरसा आन्‍दोलन के शहीदों को असामाजिक तत्‍व माना सरकार ने EDITORIAL BY: NARENDRA SINGH TOMAR "ANAND" उफ शर्मनाक, म.प्र. की घृणित राजनीति का सबसे काला अध्‍याय   ग्‍वालियर । मुरैना जिला के विख्‍यात अम्‍बाह पोरसा काण्‍ड में हुये विकट जन विद्रोह और जन आक्रोश से हुये पुलिस व जनता के बीच चले लम्‍बे सशस्‍त्र संघर्ष और उसमें मारे गये लोगों के लिये सरकार ने जिन शब्‍दों का प्रयोग किया है, उससे मुरैना चम्‍बल की आम जनता न केवल असामाजिक तत्‍व घोषित हो गयी है बल्कि इस मामले की लीपापोती के लिये की जा रही सरकारी जॉंच मशक्‍कत की मंशा भी साफ कर दी है । कल म.प्र. सरकार की केबिनेट के मंत्रियों की बैठक में इस जन आन्‍दोलन और जन संघर्ष को '' पुलिस व असामाजिक तत्‍वों के बीच मुठभेड़ '' कहा गया है और शहीद हुये लोगों को असामाजिक तत्‍व । स्‍मरणीय है कि, पुलिसिया गुण्‍डागर्दी के चलते एक बेगुनाह भारतीय सेना के नौजवान की पुलिस ने हत्‍या कर दी थी, जिस पर उपजे जन आक्रोश के चलते दूसरे दिन सबेरे जनता और पुलिस के बीच भारी जन संघर्ष हुआ जिसमें हजारो

पत्र सूचना कार्यालय ने हिन्दी पखवाड़ा मनाया

पत्र सूचना कार्यालय ने हिन्दी पखवाड़ा मनाया सूचना और प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने 14 से 28 सितम्बर , 2007 तक हिन्दी पखवाड़ा मनाया । इस दौरान कार्यालय के कामकाज में हिन्दी के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देने और उसको महत्व देने के उद्देश्य से हिन्दी भाषा में निबंध लेखन , टिप्पण , अनुवाद , टिप्पणियां , टंकण और प्रश्नोत्तरी में प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं । अधिकारियों तथा कर्मचारियो के लिए 11 विभिन्न वर्गों में प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं । उप महानिदेशक श्री एस.एम. खान ने आज विजेताओं को प्रमाणपत्र तथा नकद पुरस्कार प्रदान किए ।  

इंडियन लैंग्वेज न्यूज पेपर्स ऐसोसिएशन की बैठक में प्रधानमंत्री का भाषण

इंडियन लैंग्वेज न्यूज पेपर्स ऐसोसिएशन की बैठक में प्रधानमंत्री का भाषण प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने आज यहां इंडियन लैंग्वेज न्यूजपेपर्स ऐसोसिएशन की 66 वीं आम बैठक को सम्बोधित किया। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं # प्रकाशनों से सम्बध्द पत्रकारों को भाषा पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए पुरस्कार भी प्रदान किए।     इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए भाषण का पाठ इस प्रकार है : '' भारतीय भाषाओं के प्रकाशन से सम्बध्द प्रतिष्ठित पत्रकारों और अखबार कर्मियों की इस बैठक में उपस्थित होने पर मुझे बेहद खुशी हुई है। आप सभी ने राष्ट्र निर्माण की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है और अभी योगदान का यह सिलसिला जारी है। मैं आप सब में से उन व्यक्तियों को बधाई देता हॅू जिन्होंने आईएलएनए का अत्यंत प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किया है। यह पुरस्कार हाल के वर्षों में भारतीय भाषाओं के अखबारोें के क्षेत्र में प्रभावशाली कार्य निष्पादन के लिए दिया जाता है।        दुनिया भर में यह आशंका व्यक्त की जाती रही है कि टेलीविजन और इंटरनेट के विकास से पत्र-पत

पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों का सम्मेलन शुरू

पुलिस महानिदेशकों / महानिरीक्षकों का सम्मेलन शुरू गृह मंत्री ने खुफिया व्यवस्था को सशक्त बनाए जाने पर बल दिया        अपराध और उग्रवाद का सामना करने की किसी भी योजना में गुप्तचर संस्थानों के विकास और इन्हें सुदृढ बनाने को पहली प्राथमिकता दी जानी चाहिए। गृह मंत्री श्री शिवराज पाटिल ने आज यहां पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के सम्मेलन का उद्धाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि अपराध , हिंसा , और दहशतगर्दी पर काबू पाने में कोई भी शस्त्र या उपकरण सतर्कता से ज्यादा उपयोगी नहीं हो सकता। उन्होंने राज्य सरकारों से जोर देकर कहा कि वे अपनी विशेष शाखाओं को आधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकियों से सुसज्जित करें।       श्री पाटिल ने आगे कहा कि कमजोर वर्गों के विरूध्द किए जाने वाले अपराधों पर दृढ संक़ल्प और सतत निगरानी के साथ नियंत्रण पाया जाना चाहिए और भर्ती के समय इन लोगों की पुलिस में उचित भागीदारी की मांग की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।       गृह मंत्री ने कहा कि राज्यों में सुरक्षा का भाव पैदा किए बिना उद्यमियों द्वारा निवेश किया जाना सम्भव नहीं होगा। पुलिस चौकसी

किफायती प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए भारत-अमरीका समझौता

किफायती प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए भारत-अमरीका समझौता भारत और अमरीका के बीच स्वास्थ्य विज्ञान पर विचार-विमर्श के लिए आज यहां एक बैठक हुई। भारत सरकार के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित इस बैठक में लोगों के स्वास्थ्य देखभाल में सुधार के लिए जैव-चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्रों का पता लगाने और इनमें मिलकर अनुसंधान करने के उद्देश्य से सार्वजनिकनिजी संस्थानों के भारतीय और अमरीकी वैज्ञानिकों के बीच विशेषज्ञता के आदान-प्रदान पर विशेष रूप से चर्चा हुई।   अमरीका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) के अंतर्गत नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ बायो-मेडिकल इमेजिंग एंड बायो-इंजीनियरिंग तथा भारत   सरकार के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। समझौते का उद्देश्य निदान तथा चिकित्सा के क्षेत्र में किफायती प्रौद्योगिकियों का विकास करना है। समझौते के तहत   संघात , मातृत्व तथा शिशु देखभाल और मधुमेह , उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसे पुराने रोगों तथा संक्रामक बीमारियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। दोनों देश कार्यशालाओं के आयोजन , अनु

श्रीमती पुरन्देश्वरी जेनेवा में अंतर संसदीय संघ की बैठक में भाग लेंगी

श्रीमती पुरन्देश्वरी जेनेवा में अंतर संसदीय संघ की बैठक में भाग लेंगी मानव संसाधन विकास (उच्च शिक्षा)        राज्य मंत्री श्रीमती डी. पुरन्देश्वरी जेनेवा (स्विटजरलैंड) में 5 से 10 अक्टूबर 2007 तक चलने वाले अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) के 117 वें सम्मेलन में भाग लेंगी। इस सम्मेलन में निम्न मुद्दों पर चर्चा होगी। ( क) राष्ट्रीय सुरक्षा , मानव सुरक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच संतुलन स्थापित करना और लोकतंत्र को खतरों से बचाने में संसद की भूमिका। ( ख) विदेशी सहायता से संबंधित नीतियों की संसद द्वारा निगरानी। ( ग) श्रमिकों का प्रवासन , मानव तस्करी , जेनोफोबिया और मानव अधिकार       उल्लेखनीय है कि अन्तर-संसदीय संघ अपने उद्देश्यों का संयुक्त राष्ट्र के साथ आदान प्रदान करता और इसके प्रयासों में सहयोग देता है। संघ , संयुक्त राष्ट्र के साथ नजदीकी सहयोग से कार्य करता है। इसके अतिरिक्त समान विचार धारा वाले क्षेत्रीय अन्तर संसदीय संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय अन्तर-सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के साथ भी सहयोग करता है।       आईपीयू , राजनीतिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने वाला मुख्य