सजने लगी है राखियों की दुकानें

सजने लगी है राखियों की दुकानें

संजय गुप्‍ता (मांडिल) ब्‍यूरो चीफ

मुरैना 21 अगस्त 2007

       आ गया राखियों का त्‍योहार इस रक्षाबंधन त्‍योहार पर बहिनें अपने भाई के लिये लम्‍बी कामयाबी के लिये भगवान से दुआऐं मांगती है तथा भाई भी  रक्षा के लिये ईश्‍वर से कामना करता है । अब दुकानें शहर में सजने लगी है और राखियों के लिये भीड़ देखने को मिलती है । दुकान छोटी या बड़ी दुकानदार दुकान को अच्‍छे ढंग से संजोकर राखियां बेचता है ।

            हलवाई भी इस त्‍योहार पर ना-ना प्रकार की मिठाई बनाता है जो कि इस त्‍योहार में वह विशेष रूप से तैयार करता है । ग्रहणी भी इस त्‍योहार पर पकवान बनाती है अतिथियों का आदर सत्‍कार एक दूसरे करते है एवं खुशियां बांटते है । यह त्‍योहार प्रसन्‍नता एवं खुशियां एवं हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है ।

 

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