एयर इंडिया और इंडियन एयर लाइंस के विलय की कानूनी प्रक्रिया सम्पन्न
एयर इंडिया और इंडियन एयर लाइंस के विलय की कानूनी प्रक्रिया सम्पन्न
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने एयर इंडिया और इंडियन एयर लाइंस का विलय करके नेशनल एविएशन कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसीआईएल) नाम से एक नई कम्पनी बनाने के आवेदन को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसे 30 मार्च, 2007 को कम्पनी अधिनियम 1956 के तहत पहले ही शामिल कर लिया गया था। आज रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज के साथ इस मंजूरी को दाखिल करने के साथ ही एयर इंडिया और इंडियन एयर लाइंस के एनएसीआईएल में विलय की कानूनी प्रक्रिया पूरी हो गई है। श्री वी. तुलसीदास इस नई कम्पनी के चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक होंगे और श्री विश्वपति त्रिवेदी संयुक्त प्रबंध निदेशक होंगे।
विलय के जरिए बनी नई विमान सेवा एयर इंडिया ब्रान्ड नाम से घरेलू तथा अन्तर्राष्ट्रीय विमान सेवाएं चलाएगी। इस नए विमान सेवा में 112 विमानों का बेड़ा होगा। नई विमान सेवा एशियाई क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ विमान सेवाओं के बराबर होगी और दुनिया की शीर्ष 30 विमान सेवामों में इसकी गणना होगी। नई विमान सेवा अपने विस्तार कार्यक्रम के तहत इसी वर्ष 21 नए विमान खरीदेगी, जिसमें सात बोइंग 777, दस ए-320 और चार बोइंग 737-800 समूह के विमान शामिल हैं। इस नई विमान सेवा ने कुल 111 विमान खरीदने का कार्यक्रम बनाया है।
एयर इंडिया ने बोइंग 777 200 एलआर विमान के साथ मुम्बई और न्यूयॉर्क के बीच नॉन स्टॉप उड़ान के साथ अपनी पहली विमान सेवा शुरू कर दी है। किसी घरेलू विमान सेवा द्वारा भारत और अमरीका के बीच यह पहली नॉन स्टॉप उड़ान है और नए ब्राण्ड एयर इंडिया मे शामिल होने वाले बोइंग 777 का यह पहला विमान है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस ब्राण्ड से घरेलू तथा अन्तर्राष्ट्रीय वायु मार्गों पर सस्ती दरों पर विमान सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। यह उन लोगों को सस्ती दरों पर विमान सेवा प्रदान करेगी, जो कम लागत पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर विमानों के जरिए यात्रा करना चाहते हैं। एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमानों में उड़ान के दौरान मनोरंजन, भोजन और अन्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इन सेवाओं के चलते यह विमान सेवा अन्य सस्ती विमान सेवाओं से अपनी अलग पहचान बनाएगी।
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