प्रदेश के महाविद्यालयों में निर्वाचन अब 23-24 अगस्त को

प्रदेश के महाविद्यालयों में निर्वाचन अब 23-24 अगस्त को

आचार संहिता का कड़ाई से पालन होगा, लिंगदोह समिति की अनुशंसा के अनुसार निर्वाचन पध्दति में परिवर्तन

मध्यप्रदेश के महाविद्यालयों में अकादमिक सत्र 2007-08 के लिए छात्र संघ के चुनाव अब आगामी 23-24 अगस्त को होंगे। पहले यह तिथि 29-30 अगस्त, 2007 निर्धारित की गयी थी।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सभी राज्यों में लिंगदोह समिति की अनुशंसाओं के पालन के निर्देशानुसार वर्तमान निर्वाचन पध्दति में परिवर्तन किये गये हैं। निर्वाचन के लिए एक आचार्य संहिता निर्धारित की गयी है, जिसका पूर्ण रूप से पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधितों को राज्य शासन द्वारा आदेश जारी किये गये हैं। लिंगदोह समिति के द्वारा सुझाये गये मार्गदर्शी सिध्दांतों को वर्तमान में प्रचलित निर्देशों के अतिरिक्त लागू करने के लिये समस्त प्राचार्य जिम्मेदार होंगे। छात्र संघ के आगामी निर्वाचन में इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाने को कहा गया है।

लिंगदोह समिति की अनुशंसा के अनुरूप छात्र संघ का गठन अकादमिक सत्र शुरू होने के 6 से 8 सप्ताह के भीतर होना चाहिए। मध्यप्रदेश में छात्र संघ के गठन के निर्वाचन के लिये 29-30 अगस्त, 2007 का कार्यक्रम जारी किया गया था। समिति की अनुशंसा एवं सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप अब इस तिथि के पूर्व दिनांक 23-24 अगस्त, 2007 को उक्त निर्वाचन सम्पन्न किया जाना निर्धारित किया गया है।

वर्तमान में छात्र संगठन में प्रत्येक कक्षा से सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को प्रतिनिधि नामांकित किया जाता है। इसके साथ ही प्रत्येक कक्षा से एक प्रतिनिधि को निर्वाचित कर संयुक्त रूप से गठित समिति के द्वारा छात्र संगठन के पदाधिकारियों को निर्वाचित किया जाता है। अब लिंगदोह समिति की अनुशंसा के अनुरूप नामांकित छात्रों को इस समिति से हटाकर मात्र प्रत्येक कक्षा के निर्वाचित प्रतिनिधियों की समिति ही पदाधिकारियों के निर्वाचन के लिये सक्षम रहेगी।

अनुशंसा के अनुरूप चुनाव में उम्मीदवार की आयु 17 से 22 वर्ष के बीच होना चाहिये तथा स्नातकोत्तर छात्रों के लिये 24 से 25 एवं शोध छात्रों के लिये 28 वर्ष अधिकतम आयु सीमा निर्धारित की गई है। छात्र संगठन के लिये आगामी चुनाव में इस आयु को पालन करवाना सुनिश्चित किया जाएगा।

लिंगदोह समिति के अनुशंसा के अनुरूप प्रत्येक उम्मीदवार को निर्वाचन में अधिकतम 5 हजार रुपये की राशि व्यय करने का ही अधिकार होगा तथा छपी हुई प्रचार सामग्री यथा पोस्टर, पम्पलेट का प्रयोग पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। उम्मीदवारों को केवल हाथ से तैयार किये गये पोस्टर, पम्पलेट तथा हेण्ड बिलों के प्रयोग की अनुमति दी गई है। व्यय सीमा तथा छपी हुयी प्रचार सामग्री पर प्रतिबंध का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

निर्वाचन समाप्ति के 10 दिन पश्चात प्रत्येक उम्मीदवार को अपने निर्वाचन से संबंधित सत्यापित लेखा निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा तथा इस लेखे का अवलोकन किसी भी विद्यार्थी के द्वारा किया जा सकेगा। खर्च की सीमा से अधिक व्यय अथवा गलत लेख प्रस्तुत करने पर पदाधिकारियों को पद से हटाया जा सकता है। छात्रों को निर्वाचन के लिये छात्रगणों के स्वेच्छा से लिये गये सहयोग के अतिरिक्त अन्य स्रोतों से राशि प्राप्त करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

निर्वाचन के लिये एक आदर्श आचरण संहिता समिति की अनुशंसा की गई है। इसके अनुसार आदर्श आचरण संहिता का पालन किया जाएगा। आचार संहिता के अनुसार अन्य बातों के अलावा विद्यार्थी निर्वाचन की प्रक्रिया में राजनीतिक दलों से प्राप्त हो सकने वाले फण्ड को रोकने की दृष्टि से प्रत्याशियों को विशेष रूप से स्वेच्छिक दान किसी भी संस्था या विद्यार्थी इकाई से प्राप्त करने पर बंदिश रहेगी। कोई भी प्रत्याशी ऐसी किसी भी गतिविधि में भाग नहीं लेगा जो चल रहे मतभेदों को बिगाड़े या आपसी द्विवेश पैदा करें, या विभिन्न जातियों, समुदायों, धार्मिक और भाषायी या विद्यार्थियों के समूहों में तनाव उत्पन्न करें।

चुनाव के दिन किसी प्रकार का प्रचार नहीं किया जायेगा। मतदाताओं को छोड़कर बिना किसी परिचय पत्र, चुनाव आयोग, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय के प्राधिकारी से प्राप्त परिचय पत्र, लेटर में कोई भी मतदान कक्ष में प्रवेश नहीं करेगा।

समस्त प्रत्याशी चुनाव क्षेत्र को निर्वाचन के 48 घंटे बाद स्वच्छ रखने के लिये सामूहिक रूप से उत्तरदायी होंगे। उपर्युक्त अनुशंसाओं की अवहेलना करने पर प्रत्याशियों को अयोग्य घोषित कर दिया जावेगा या उनके निर्वाचित पद से हटा दिया जायेगा। निर्वाचन आयोग# महाविद्यालय#विश्वविद्यालय प्राधिकारी ऐसे प्रत्याशियों के विरूध्द उपयुक्त अनुशासनिक कार्यवाही कर सकेंगे।

निर्वाचन पर नियंत्रण रखने एवं निर्वाचन के संचालन के लिये एक शिकायत निवारण सेल का गठन निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ होने के एक दिन पूर्व से किया जायेगा। इस सेल में डीन (छात्र कल्याण) के अतिरिक्त एक वरिष्ठ संकाय सदस्य, एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और अंतिम वर्ष के दो वरिष्ठ छात्र एक छात्र एवं एक छात्रा को नामांकित किया जायेगा। निर्वाचन के दौरान प्राप्त होने वाली शिकायतों की जांच इस सेल के द्वारा की जावेगी। इस समिति के आदेश के विरूध्द महाविद्यालय के प्राचार्य के समक्ष अपील करने का अधिकार दिया गया है। प्राचार्य के द्वारा अपील का निराकरण की प्रक्रिया भी निर्धारित की गयी है।

संस्था प्रमुख प्रकोष्ठ के निर्णयों पर पुर्नविचार कर सकेगा। जब उसके समक्ष अपील की जाये। संस्था प्रमुख प्रकोष्ठ द्वारा लिये गये निर्णय को मान्य या अमान्य या संशोधित कर सकेगा।

 

 

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