ऐसा कोई कार्य न करें, जिससे मतदान प्रक्रिया प्रभावित हो - कलेक्टर (विधानसभा उप निर्वाचन-2020) पीठासीन अधिकारी, पी-1 गंभीरता से प्रशिक्षण प्राप्त करें

 

 संजय गुप्‍ता मांडिल, ब्‍यूरो मुरैना/

   


जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनुराग वर्मा ने कहा है कि जिले की पांच विधानसभा क्षेत्रों के लिये पीठासीन अधिकारी, पी-1 का प्रथम प्रशिक्षण 11 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें जो भी पीठासीन अधिकार, पी-1 प्रशिक्षण को गंभीरता से प्राप्त करें, चुनाव के दौरान हड़बड़ी में ऐसा कोई कार्य न करें, जिससे मतदान प्रक्रिया प्रभावित हो। यह निर्देश उन्होंने बुधवार को पॉलीटेक्निक कॉलेज मुरैना में प्रशिक्षण बतौर संबोधित कर रहे थे। उनके साथ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री तरूण भटनागर सहित अन्य प्रशिक्षण के लिये बनाये गये अधिकारी उपस्थित थे।
    कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने मतदाता को मतदान करने के पूर्व थर्मल स्क्रीनिंग से टेम्प्रेचर लेने के बाद मतदाता को ग्लव्स हाथ में पहनाना होगा। ग्लव्स पहनने के बाद मतदाता रजिस्टर पर हस्ताक्षर करेगा। इसके बाद कंट्रॉल यूनिट से पी-3 कंट्रॉल बटन दबायेगा, तभी मतदाता वोटिंग कम्पाउन्ड में पहुंचकर हेण्ड जोन करेगा। बिना ग्लव्स पहने हुये ईव्हीएम मशीन को हेण्डजोन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे पीठासीन अधिकारी एवं पी-1 दोनो मिलकर सभी बिन्दुओं को समझें। इसमें दोनों ही अधिकारी एक दूसरे के पूरक है। 
इस बार 90 मिनट पहले होगा मॉकपोल मतदान का समय भी बढ़ा, मतदान दलों का प्रथम चरण का द्वितीय दिन, सिखाईं ईवीएम से मतदान कराने की बारीकियां
    इस बार के चुनाव में मतदान शुरू होने के 90 मिनट पहले मॉकपोल होगा। पहले 45 मिनट पहले मॉकपोल होता था। मतदान का समय भी बढ़ाया गया है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान के समय में एक घंटे का इजाफा किया गया है। विधानसभा उप चुनाव कार्यक्रम के तहत 3 नवम्बर को सुबह 7 बजे से सायंकाल 6 बजे तक मतदान होगा। पहले शाम 5 बजे तक मतदान होता था। इस आशय की जानकारी मतदान दलों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर्स द्वारा दी गई। प्रशिक्षण के दौरान कोविड गाइडलाइन के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया गया।
    प्रथम चरण के प्रशिक्षण में पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी क्रमांक-1 को प्रशिक्षित किया गया है । इस प्रशिक्षण में मतदान अधिकारियों को खास  तौर पर ई.व्ही.एम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) अर्थात बैलेट यूनिट व कंट्रोल यूनिट के बारे में तकनीकी एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण विस्तार से दिया जा रहा है। साथ ही वीवीपैट के काम करने की प्रक्रिया भी मतदान दलों को समझाई जा रही है।
    पीठासीन अधिकारी को मतदान केन्द्र की स्थापना, मतदान शुरू होने से पूर्व की जाने वाली घोषणा, एजेन्टो की मौजूदगी में मोकपोल, ग्रीन पेपर सील लगाना, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए रक्षोपाय, मतदान केन्द्र में और बाहरी 200 मीटर की परिधि में प्रतिबंधात्मक आदेशों के पालन आदि का प्रशिक्षण भी दिया गया।
    पीठासीन अधिकारियों को समझाइश दी गई कि निर्वाचन सामग्री प्राप्त करते समय यह सुनिश्चित कर लें कि सूची के अनुसार सभी सामग्री उन्हें मिल गई है। मुख्य रूप से मतदान यूनिट, नियंत्रण यूनिट, वीवीपैट, निविदत्त मतपत्र, मतदाताओं का रजिस्टर, निर्वाचक नामावली की चिन्हित प्रति और नामावली की अतिरिक्त प्रतियाँ, ग्रीन पेपर सील, सीलिंग वैक्स एवं अमिट स्याही महत्वपूर्ण सामग्री में शामिल है।

कोविड गाइडलाइन का होगा पालन, वोट डालने के लिये दिए जायेंगे टोकन
    मतदान केन्द्र परिसर में कोविड गाइडलाइन का पालन कराया जायेगा। हर मतदाता को टोकन दिया जायेगा और बारी आने पर वह अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेगा। सभी मतदाताओं को हैण्डग्लब्स  और जो मतदाता फेस मास्क लगाकर नहीं आयेंगे उन्हें मास्क भी मुहैया कराए जायेंगे। मतदान अधिकारी क्र.-1 के सामने एक बार में एक से अधिक मतदाता खड़ा नहीं रह सकेगा।
हर मतदाता के तापमान की जाँच होगी
    मतदान केन्द्र में प्रवेश के समय हर मतदाता की थर्मल स्क्रीनिंग की जायेगी। तापमान अधिक होने पर मतदाता को बैठने के लिये कहा जायेगा और आधे घंटे बाद फिर से थर्मल स्क्रीनिंग की जायेगी। यदि तापमान सही आया तो उसे मतदान की अनुमति दी जायेगी, अन्यथा मतदान के आखिरी घंटे में वह अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेगा।

 

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