श्रमिकों का पंजीयन अब केवल पांच रूपये में

श्रमिकों का पंजीयन अब केवल पांच रूपये में

श्रमिकों के लिए पंजीयन शुल्क में कमी तथा विभिन्न योजनाओं की स्वीकृति के अधिकारों के विकेन्द्रीकरण के कारण अब भवन निर्माण से जुड़े कुशल एवं अर्धकुशल श्रमिकों को अब हिताधिकारी के रूप में पंजीयन कराने के लिए केवल पांच रूपये पंजीयन शुल्क देना होगा। अभी यह पंजीयन शुल्क 15 रुपये एवं 10 रुपये प्रति श्रमिक था। अब सभी श्रमिकों का पंजीयन शुल्क एक समान हो गया है। इसके अलावा मण्डल द्वारा संचालित योजनाओं की स्वीकृति के अधिकारों का विकेन्द्रीकरण किया है। इसी प्रकार मजदूरों का हिताधिकारी के रूप में हर जिले में पंजीयन के लिए निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि, स्थानीय जनप्रतिनिधि और श्रम अधिकारी की समिति बनाई जायगी ताकि अपात्र श्रमिकों का पंजीयन रोका जा सके। इसके तहत अब जिला स्तर पर श्रम अधिकारी 10 हजार रुपये स्वीकृत कर सकेंगे। दस हजार रुपये से 25 हजार रुपये तक की स्वीकृति स्थानीय कलेक्टर की अनुमति से की जा सकेगी। 25 हजार रुपये से अधिक के प्रकरणों में मण्डल के अध्यक्ष को स्वीकृति का अधिकार रहेगा। पूर्व में हर प्रकरण मण्डल अध्यक्ष द्वारा स्वीकृत किया जाता था।

मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल द्वारा श्रम संगठनों की सलाह पर यह निर्णय लिए गए हैं। प्रदेश में संचालित सभी निर्माण कार्यों से मण्डल को उपकर नहीं मिल पा रहा है। इसके लिये मण्डल द्वारा कुछ निर्माण कार्य चिन्हित किये गये हैं। इनमें जिला पंचायत द्वारा संचालित निर्माण कार्य, बी.ओ.टी. के अंतर्गत बनने वाली सड़कें, रेलवे द्वारा संचालित कार्य, राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत संचालित निर्माण कार्य तथा विभिन्न नगरीय निकायों के अंतर्गत संचालित निर्माण कार्य आदि शामिल हैं। यदि इन सभी कार्यों से मण्डल को पूरा उपकर मिले तो मण्डल आर्थिक दृष्टि से समृध्द हो सकेगा। मण्डल ने सभी कल्याण योजनाओं को प्रभावी रूप में क्रियान्वयन करने के लिए प्रदेश में संचालित सभी निर्माण कार्य से मण्डल को उपकर मिल सके इस ओर तत्पर कार्रवाई के लिए निर्देश अधिकारियों को दिए है।

 

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