राज्यों को 2007-08 में एनआरईजीए में शामिल 130 जिलों में अधूरी एसजीआरवाई परियोजनाओं को बंद करने के निर्देश

राज्यों को 2007-08 में एनआरईजीए में शामिल 130 जिलों में अधूरी एसजीआरवाई परियोजनाओं को बंद करने के निर्देश

       ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्यों को एक पत्र के माध्यम से निर्देश दिया था कि वर्तमान वर्ष में 31 मार्च से पहले शुरू किये गए  एसजीआरवाई के कामों की स्थिति का सटीक मूल्यांकन करें और ऐसे कामों का पूर्ण ब्यौरा तैयार करें । मंत्रालय ने अपने पहले के पत्र में एसजीआरवाई कार्यक्रमों को रोकने तथा ऐसे जिलों में जहां एनआरईजीए चल रहा है, वहां एनआरईजीए के साथ इनके विलय के बारे में स्पष्ट निर्देश दिये थे । मंत्रालय ने यह भी सूचित किया है कि एनआरइजीए के दूसरे चरण वाले जिलों में यदि अभी भी एसजीआरवाई के तहत काम अधूरे हैं तो यह सुनिश्चित किया जाए कि इन्हें 31 अगस्त, 2008 तक निश्चित रूप से बंद कर दिया गया है तथा उन पर आगे कोई खर्च न किया जाए और 31 अगस्त, 2007 को एसजीआरवाई की संपूर्ण शेष राशि को जिला स्तर पर एनआरईजीए के कामों के लिए बनाए गए अलग खाते में अविलंब हस्तांतरित कर दिया जाए । वैसे अधूरे काम, जिनको एनआरईजीए के अंतर्गत स्वीकति मिली है,  अनुसरण में बनाये गये कामों के चयन के बारे में एनआरईजीए में निर्धारित प्रक्रिया के अनुपालन के बाद उनको एनआरईजीए के अंतर्गत नई परियोजनाओं के रूप में शुरू किया जा सकता है ।

            अधूरे स्वीकृत कार्यों में एनआरईजीए के अंतर्गत नई परियोजनाओं के रूप में शुरू करना, एनआरईजीए के अंर्तगत परियोजना की स्वीकृति और अन्य शर्तों तथा परिस्थितियों पर निर्भर करेंगा-

·       एनआरईजीए के प्रावधानों के अनुसार ऐसे कामों की सूची को ग्रामसभा और पंचायती राज संस्थान द्वारा स्वीकृति दी जाएगी ।

·       रोजगार मांगने वाले सिर्फ श्रम कार्ड धारकों को ही श्रमिक के रूप में नियुक्त किया जाएगा ।

·       जिला स्तर पर मजदूरी और  ामग्री के 60 तथा 40 के अनुपात को बनाए रखा जाएगा ।

·       मस्टर रोल्स का रख रखाव एनआरईजीए के निर्देशों के अनुसार करना होगा ।

·       इन कार्यों को रोजगार के लिए उपलब्ध कराये जा रहे कार्यों में गिना जाएगा और 100 दिन के रोजगार की गारंटी में इनकी गणना की जाएगी तथा श्रमिकों के जॉब कार्ड में इनकी प्रविष्टि की जाएगी ।

·       अधूरे एसजीआरवाई कामों की सूची ग्रामकस्बेजिला पंचायत के कार्यालयों में तथा पीओडीपीसी के कार्यालयों में लगाई जाएगी ताकि ऐसे कामों की सूचना पारदर्शी हो ।

      प्रत्येक जिले को ऐसे सभी अधूरे एसजीआरवाई कार्यों को प्रमाणित करना होगा जो एनआरईजीए के अंतर्गत स्वीकृत हैं । ऐसे कार्यों के लिए जो एनआरईजीए के अंतगत स्वीकृत नहीं हैं, उन्हें राज्य तथा केन्द्र सरकार के कार्यक्रमों के वास्ते उपलब्ध अन्य स्रोतों से वित्त प्रदान कर सकता है ।

      एसजीआरवाई के तहत ऐसे कार्यों की संपूर्ण लागत राज्य वहन करेंगे जिन्हें एनआरईजीए अधिसूचना जारी होने के बाद पहली अप्रैल, 2007 को दूसरे चरण में 117 जिलों क लिए मंजूर किया गया था । साथ ही 15 मई, 2007 के बाद उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में इन कार्यों का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी क्योंकि इन कार्यों को खासतौर पर प्रतिबंधित किया गया है ।

 

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