बौध्दिक सम्पदा अधिकार पर वार्ता के लिए भारत-स्विटजरलैण्ड संयुक्त समिति

बौध्दिक सम्पदा अधिकार पर वार्ता के लिए भारत-स्विटजरलैण्ड संयुक्त समिति

दोनों पक्षों को फायदा होगा - कमल नाथ

भारत और स्विटजरलैण्ड ने बौध्दिक सम्पदा अधिकार के बारे में समझौते पर हस्ताक्षर किए

       केन्द्रीय वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री श्री कमलनाथ तथा स्विटजरलैण्ड के आर्थिक मामले विभाग की फेडरल काउंसलर सुश्री डोरिस ल्यूथारड ने आज यहां बौध्दिक सम्पदा अधिकार के बारे में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए ।

       समझौते पर हस्ताक्षर के बाद श्री कमल नाथ ने कहा कि बौध्दिक सम्पदा अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में समझौते से दोनों देशों के बीच सहयोग बढेग़ा । वाणिज्य तथा उद्योग मंत्रालय के तहत औद्योगिक नीति तथा संवर्धन विभाग का पेटेंट, डिजाइन तथा ट्रेड मार्क महानियंत्रक का कार्यालय और स्विटजरलैण्ड का फेडरल इंस्टीटयूट ऑफ इंटलेक्च्यूल प्रापर्टी मिलकर इस समझौते को कार्यान्वित करेंगे ।

       समझौते के अनुसार, बौध्दिक सम्पदा के मुद्दों पर वार्ता प्रक्रिया विकसित करने के लिए एक संयुक्त समिति गठित की जाएगी, जिसमें निम्निलिखित को शामिल किया जाएगा -

·        बौध्दिक सम्पदा के संरक्षण के बारे में राष्ट्रीय स्तर पर विचारों, सूचना तथा अनुभवों का आदान-प्रदान

·        बौध्दिक सम्पदा सेबंधित अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर वार्ता

·        द्विपक्षीय संबंधों में बौध्दिक सम्पदा क्षेत्र से जुड़े विशिष्ट मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए एक फोरम के रूप में कार्य करेगा

·        दोनों देशों के बौध्दिक सम्पदा संस्थानों के बीच नियमित तकनीकी आदान-प्रदान के लिए संस्थागत सहयोग का विकास

·        बौध्दिक संपदा में प्रशिक्षण के लिए भारत और स्विटजरलैण्ड के बीच अनुभवों का आदान-प्रदान

·        ऐसे प्रशिक्षणों के वास्ते यथोचित मॉडयूल और पाठयचर्या क  िकास

·        बौध्दिक सम्पदा के विशिष्ट मुद्दों का संयुक्त अध्ययन

·        बौध्दिक सम्पदा अधिकारों के बारे में जन जागरूरकता बढाने के उददेश्य से अनुभवों और सवश्रेष्ठ तौर-तरीकों का आदान-प्रदान

·        नकली तथा पायरेटिड उत्पादों का निर्माण, वितरण, बिक्री और उपभोग को रोकने के लिए कार्य नीतियों पर विचार-विमर्श तथा नकली और पायरेटिड उत्पादों के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों में जागरूकता बढाना

·        भौगोलिक संकेतकों के संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग के लिए अनुभव का आदान-प्रदान और वार्ता

·        पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण् के क्षेत्र में सहयोग के लिए अनुभवों का आदान-प्रदान और वार्ता। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि संयुक्त समिति की क्रमश: भारत और स्विटजरलैण्ड में वर्ष में एक बार बैठक हुआ करेगी ।

       भारत हाल ही में ब्रिटेन, फ्रांस, यूरोपीय पेंटेंट कार्यालय, अमेरिका के पेटेंट और ट्रैड मार्क कार्यालय तथा जापान पैंटेट कार्यालय के साथ द्विपक्षीय सहयोग के समझौते कर चुका है ।

 

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