शिवपुरी में सब्जी और डेरी व्यवसाय की अपार संभावनाएं
शिवपुरी में सब्जी और डेरी व्यवसाय की अपार संभावनाएं
स्वजल धारा का क्रियान्वयन महिलाओं के समूह को  सौंपने पर विचार - अपर मुख्य सचिव श्री भार्गव
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी  विभाग के अंतर्गत संचालित की जा रही स्वजल धारा का क्रियान्वयन महिलाओं के समूहों  को सौंपने पर विचार किया जा रहा है। इससे महिला समूह आर्थिक उत्थान की ओर अग्रसर  होंगे। अपर मुख्य सचिव एवं विकास आयुक्त श्री प्रदीप भार्गव ने गत दिवस टूरिस्ट  बिलेज शिवपुरी के सभाकक्ष में आयोजित विभिन्न विभागों के अधिकारियों और बैंकर्स की  बैठक को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
श्री प्रदीप भार्गव ने कहा  कि स्वजल धारा योजना के अंतर्गत हर जनपद स्तर पर एजेंसी नियुक्त की जाकर, शासकीय स्कूलों तथा आंगनवाडी केन्द्रों पर शौचालय बनाने की  व्यवस्था की जावेगी। इस कार्य में धनराशि की कोई कमी नहीं है। यह कार्य 25 मार्च 2008 तक पूर्ण कराये जायेंगे। इस उद्देश्य से  महिला संगठनों को एजेंसी बनाकर, शौचालय बनाने की कार्रवाई को  अंतिम रूप दिया जावेगा। पीएचई, स्कूल शिक्षा और महिला बाल  विकास के अधिकारी समन्वय स्थापित कर, इस दिशा में सभी  गतिविधियों को पूर्ण करेंगे। पीएचई विभाग के अधिकारी इन सभी कार्यों को पूर्ण  कराने के लिए समन्वय करेंगे। बैठक में डीपीआईपी के राज्य परियोजना समन्वयक डॉ.  रविन्द्र पस्तोर, संभागायुक्त डॉ. कोमल सिंह, जिला कलेक्टर श्री मनीष श्रीवास्तव, लीड बैंक ऑफिसर  श्री नरेन्द्र विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी, जनपद  पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और बैंकों के शाखा प्रबंधक उपस्थित थे।
इस अवसर पर संभागायुक्त डॉ.  कोमल सिंह ने कहा कि शिवपुरी जिले का कोलारस और बदरवास विकास खंड का क्षेत्र सब्जी  और डेयरी उत्पादन के लिए उपयुक्त है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि  किसानों को उन्नत किस्म की सब्जी और फसलें देने के लिए समुचित कार्रवाई करे, साथ ही डेरी उत्पादन की दिशा में भी रोजगार के अवसर देने की  व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। स्वर्णजयंती स्वरोजगार योजना के अंतर्गत भी विभिन्न  प्रकार की ट्रेनिंग दी जाकर, स्वाबलंबन की दिशा में पहल की  जा सकती है।
जिला कलेक्टर श्री मनीष  श्रीवास्तव ने बठक में बताया कि शिवपुरी जिले में स्वजल धारा योजना के अंतर्गत  कार्य को गति देने की पहल की जा रही है । शासकीय विद्यालय, आंगनवाडी केन्द्रों में भी इस दिशा में कार्रवाई प्रारंभ की  गई है। निजी क्षेत्रों में शौचालय बनाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया जा रहा  है। कृषि विभाग के माध्यम से किसानों को उन्नत किस्म के खाद बीज की व्यवस्था  सुनिश्चित की गई है। स्वसहायता समूहों को भी विभिन्न व्यवसायों के लिए प्रेरित  किया जा रहा है। विभिन्न ट्रेडों के अंतर्गत आई.टी.आई. के माध्यम से ट्रेनिंग दी  जा रही है। साथ ही एसजीएस वाय योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग की व्यवस्था की योजना  बनाई जा रही है।
डीपीआईपी के राज्य परियोजना  समन्वयक डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने कहा कि शिवपुरी जिले में सब्जी और डेरी व्यवसाय की  अपार संभावना है। इस दिशा में किसानों की खेती की संभावना के लिए शेयर होल्डर भी  बनाया जा सकता है। इस जिले में सब्जी की अच्छी पैदावार होती है,जिसे ग्वालियर और समीपवर्ती मंडी में बेच कर, किसान लाभान्वित हो रहे है। डेरी की दिशा में भी यहां के किसानों को  लाभान्वित किया जाकर, रोजगार के अवसर बढ़ाये जा सकते है।  उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, वन और खनिज विभाग के  प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में करने के दिशा में निर्देश संबंधित विभागीय  अधिकारियों को दिए। जिससे संबंधित क्षेत्रों के लोग लाभान्वित होकर आर्थिक दिशा की  ओर अग्रसर हो सके।
इसके बाद अपर मुख्य सचिव  श्री प्रदीप भार्गव ने अधिकारियों के दल के साथ शिवपुरी जिले के करैरा विकासखण्ड  के ग्राम डमरौन कला और डामरौन खुर्द के ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के ग्राम वन  प्रोजेक्ट और तालाबों का निरीक्षण किया तथा पिछोर विकासखण्ड के ग्राम नावली में  डीपीआईपी के माध्यम से संचालित समूहों के हितग्राहियों से चर्चा की। इसके साथ ही  ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत ग्रामीणों से रूबरू होकर, उन्हें उपलब्ध कराये गये रोजगार की जानकारी प्राप्त की। इसी  कारण शिवपुरी जनपद के ग्राम सतनवाड़ा में ग्रामवन के अंतर्गत लगाये गये पौधों और  तालाब निर्माण का कार्य भी देखा। उन्होंने सभी पौधे शत-प्रतिशत जीवित रखने के  निर्देश अधिकारियों को दिए। उल्लेखनीय है कि इन सभी ग्रामवनों का रोपण ग्रामीण  महिला समूहों और अनुसूचित जाति व जनजाति के समूहों के द्वारा किया जा रहा है।
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