मणिपुरी नृत्यांगना प्रीति पटेल दर्शकों से हुई रुबरु (खजुराहो नृत्य महोत्सव)

संजय गुप्‍ता मांडिल, मुरैना ब्‍यूरो चीफ मुरैना, 29 फरवरी, 08/कला अकादमी के प्रतिष्ठा आयोजन ''संवाद कार्यक्रम'' द्वारा नृत्य कला ज्ञान के आदान-प्रदान में आज प्रसिध्द कला समीक्षक श्री प्रयाग शुक्ल के संयोजन में मणिपुरी नृत्य पर केन्द्रित कार्यक्रम आयोजित किया गया। उस्ताद अलाउद्दीन खान संगीत एवं कला अकादमी के तत्वावधान में आयोजित ''संवाद'' कार्यक्रम में मणिपुरी नृत्यांगना प्रीति पटेल के समूह ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। 33 वें खजुराहो नृत्य महोत्सव में अपना नृत्य प्रदर्शन करने वाली मणिपुरी नृत्यांगना प्रीति पटेल ''संवाद'' में उपस्थित दर्शकों, आलोचकों, कला गुरूओं से समक्ष रूबरू हुई।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में कला अकादमी के निदेशक श्री अरूण पलनीटकर ने म.प्र. शासन द्वारा साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों एवं गतिविधियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के समन्वयक श्री प्रयाग शुक्ल ने मणिपुरी नृत्य का इतिहास, संरक्षण, विकास, नृत्य के प्रकार और उनकी शैली आदि को सविस्तार बताया, खास तौर से रासलीला को दर्शकों के समक्ष समझाया। उन्हौंने रासलीला की परम्परा को नृत्य के उदाहरण सहित प्रस्तुत किया।
मणिपुरी प्राचीनतम नृत्यों में गिना जाता है और साथ ही भारत के शास्त्रीय नृत्यों में सबसे नवीनतम माना जा सकता है। रासलीला नृत्य मणिपुर का मुख्य नृत्य हैं। मणिपुर में वैष्णव धर्म के साथ ही कला का भी प्रदुर्भाव हुआ। मणिपुर रास नृत्य लयवध्द और गायन पर आधारित होता है और इसमें कलाकारों द्वारा नृत्य प्रदर्शन करते समय अंग संचालन को चित्ताकर्षक और प्रवाहमय बनाया जाता है। नर्तक आम तौर पर दोनों ओर हिलोरें लेता है या एक ही जगह घूमता है। रास नृत्य का केन्द्र बिन्दु कृष्ण होते हैं।
इस अवसर पर प्रीति पटेल ने रासलीला, मार्शल आर्ट का प्रदर्शन कराया जिसमें निहत्थे, तलवार के साथ, भाले के साथ प्रस्तुति दी।

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