बुनियादी ढाँचा विकास में सरकार की अग्रणी भूमिका जारी रहेगी

28 फरवरी 08/अर्थव्यवस्था में विकास की दर को बनाए रखने में उपयुक्त बुनियादी ढाँचे के महत्व को समझते हुए और विकास की प्रक्रिया में समग्रता को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ग्यारहवी योजना में बुनियादी ढाँचे के विकास में अग्रणी भूमिका निभाती रहेगी । आज संसद में प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण 2007-2008 में कहा गया है कि औद्योगिक विकास की दर में हाल में आई मंदी से बुनियादी ढाँचे के कुछ क्षेत्रों के कार्य निष्पादन में भी अप्रैल-दिसम्बर 2007-2008 में पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले कुछ कमी आई है । इनमें बिजली उत्पादन, रेलवे माल ढुलाई और इस्पात, सीमेंट तथा पेट्रोलियम उत्पादन जैसे क्षेत्र शामिल हैं। बिजली क्षेत्र में हालॉकि योजना के अनुसार क्षमता में वृध्दि प्राप्त करना संभव नहीं है लेकिन पिछले वर्षों के मुकाबले चालू वर्ष में निश्चित रूप से क्षमता में अधिक वृध्दि हुई है । प्रमुख बंदरगाहों और मालवाहक विमानों के कार्गो में भी पिछले साल से बढोत्तरी हुई है । दूरसंचार क्षेत्र में लगातार विकास जारी है ।
हाल के वर्षों में अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास को देखते हुए बुनियादी ढाँचे की रूकावटों को दूर करने का महत्व बढ गया है । सरकार ने कानून में व्यवस्था कर इस कार्य में निजी क्षेत्र को शामिल करने के प्रयास किए हैं । आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों से भी निजी क्षेत्र की भागीदारी महतवपूर्ण हो गयी है ताकि सरकारी और निजी क्षेत्र अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार विभिन्न कार्यों का निष्पादन कर सकें ।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि औद्योगिक क्षेत्र के विकास दर में मंदी से उच्च विकास जारी रहने के बारे में कुछ क्षेत्रों में चिन्ता व्यक्त की गई है । कपड़ा, दस्तकारी, चमड़ा आदि जैसे निर्यातोन्मुखी क्षेत्रों की उपलब्धियों में कमी से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने कुछ अल्पावधि उपाय किए हैं ।
ग्यारहवी पंचवर्षीय योजना के दौरान बिजली क्षेत्र में 9.5 प्रतिशत के विकास की संभावना है । योजना अवधि के दौरान बिजली उत्पादन क्षमता में 78,577 मेगावाट की वृध्दि करने का लक्ष्य है ताकि राष्ट्रीय बिजली नीति - 2005 के लक्ष्य को पूरा किया जा सके । ग्यारहवी योजना में शामिल कई परियोजनाओं में धीरे-धीरे प्रगति हो रही है और इनमें से अधिकतर योजना की अवधि के दौरान चालू हो जाएंगी । आशा है कि चालू वित्त वर्ष में क्षमता वृध्दि में 10,821.8 मेगावाट की वृध्दि होगी, जिसमें 8,015 मेगावाट ताप बिजली, 2,587 मेगावाट पनबिजली और 220 मेगावाट परमाणु बिजली होगी । कोयले पर आधारित प्रत्येक 4,000 मेगावाट या इससे अधिक क्षमता की अल्ट्रा मेगा बिजली परियोजना को बिजली वित्त निगम की सहायक कंपनी का रूप दे दिया गया है । पनबिजली क्षमता के विकास के लिए बिजली मंत्री की अध्यक्षता में एक कार्यबल बनाया गया है । राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत सभी गाँवों तक बिजली पहुँचाने के लिए इसे ग्यारहवीं योजना में भी जारी रखा जाएगा । इस योजना के पहले चरण में बिना बिजली वाले लगभग 1.15 लाख गाँवों को और 2.34 करोड़ गरीबी की रेखा से नीचे के धरों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए 28 हजार करोड़ रूपए की राशि रखी गई है ।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2005-06 और 2006-07 में संसाधनों के बेहतर उपयोग से रेलवे के कार्य में सुधार हुआ है । अप्रैल-नवम्बर 2007 के दौरान राजस्व जुटाने वाले माल यातायात में 8.2 प्रतिशत की वृध्दि हुई जो पिछले वर्ष की इस अवधि में 9.9 प्रतिशत थी । टैरिफ और किराए तय करने तथा व्यापारिक गतिविधियों के मामले में रेलवे ने कई सक्रिय प्रयास किए हैं । पारदर्शिता, सरलीकरण और रेल शुल्कों को स्पर्धात्मक बनाने की पूरी कोशिश की गई है ताकि अधिक यातायात को आकर्षित किया जा सके ।
सड़क क्षेत्र का उल्लेख करते हुए सर्वेक्षण में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के अन्तर्गत 7,962 किमी लम्बाई की राजमार्ग सड़कों को 30 नवम्बर 2007 तक पूरा किया गया है । इनमें ज्यादा हिस्सा 5,629 किमी स्वर्णिम चतुर्भुज के अन्तर्गत आता है । लगभग 7,744 किम राजमार्ग सड़कें निर्माणाधीन है । स्वर्णिम चतुर्भुज का लगभग 96 प्रतिशत काम नवम्बर 2007 तक पूरा हो चुका है तथा उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम गलियारों का काम इस वर्ष दिसम्बर तक पूरा हो जाने की संभावना है । राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के चरण-॥। में 12,109 किमी मार्ग को चौड़ा करने को मंजूरी दी जा चुकी है, जिसपर करीब 80,626 करोड़ रूपये की लागत आएगी । चरण-4 में 20 हजार किमी लम्बे मार्ग को दो लेन का बनाने का प्रस्ताव है । चरण-5 में 6,500 किमी मार्ग को 6 लेन का बनाया जाएगा जिसपर 41,210 करोड़ रूपए का खर्च आएगा । चरण-6 में एक हजार किमी लम्बे एक्सप्रेस मार्गों का निर्माण होगा और चरण-7 में मुद्रा मार्गों और सहायक मार्गों का निर्माण होगा । सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में विशेष त्वरित सड़क विकास कार्यक्रम की निगरानी के लिए उच्चस्तरीय अन्तर-मंत्रालय समिति का गठन किया है । ग्यारहवीं योजना में सड़कों और पुलों के लिए 314152 करोड़ रूपए के निवेश की व्यवस्था रखी गई है ।
नागरिक उड्डयन क्षेत्र के संबंध में सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारतीय आकाश को खोलने से भारत में विमान सेवा के क्षेत्र में कई नई कम्पनियाँ आ गई हैं । सरकार ने दो राष्ट्रीय विमान सेवा कंपंनियों - इंडियन एअरलाईन्स और एअर इंडिया का विलय करके इसे शत-प्रतिशत भारत सरकार की कंपनी बनाने का फैसला किया है । इस व्यवस्था के अनुसार नेशनल एविएशन कंपनी ऑफ इंडिया लि. बनाई गई । सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि 2004 से 2007 के बीच घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय विमान यात्रियों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है और कार्गो यातायात में 45 प्रतिशत से अधिक की वृध्दि हुई है ।
अप्रैल-अक्टूबर 2007 के दौरान प्रमुख बन्दरगाहों पर 13.9 प्रतिशत अधिक कार्गो को संभाला गया जबकि पिछले वर्ष की इस अवधि में यह विकास 9.5 प्रतिशत था। कन्टेनर यातायात में भी 2006-07 तक के पाँच वर्षों में 13.9 प्रतिशत वार्षिक की वृध्दि दर्ज की गई ।
दूरसंचार क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण विकास हुआ है, जिसकी अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है । 27 करोड़ से अधिक कनेक्शनों के साथ भारत का दूरसंचार नेटवर्क दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है । दूरसंचार-घनत्व मार्च 2006 में 12.7 था, जो दिसम्बर 2007 में बढक़र 23.9 प्रतिशत हो गया । ग्रामीण क्षेत्र में दूरसंचार-घनत्व नवम्बर 2007 तक 7.9 प्रतिशत दर्ज किया गया । दूरसंचार क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश जुलाई 2007 तक 20,718 करोड़ रूपये था जो इस अवधि में कुल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का 8.1 प्रतिशत है । सर्वेक्षण में कहा गया है कि पाँचवी योजना के अंत तक 20 करोड़ ग्रामीण कनेक्शनों के साथ ग्रामीण दूरसंचार घनत्व 25 प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य है । 2010 तक इंटरनेट और ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या भी क्रमश: चार करोड़ और दो करोड़ हो जाएगी । 11वीं योजना के दौरान सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों, जनस्वास्थ्य सेवा केन्द्रों और ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है ।
शहरी बुनियादी ढाँचे के संबंध में सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2005-06 में जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के शुरू हो जाने से शहरी स्थानीय निकायों में सुधार की प्रक्रिया शुरू हो गई है । इस क्षेत्र के लिए परियोजनाएं मंजूर करते समय सरकारी-निजी क्षेत्र की भागीदारी पर जोर दिया जाता है । वर्ष 2007-08 में शहरी बुनियादी ढाँचे और प्रशासन के उप-मिशन लिए 2,805 करोड़ रूपये की राशि रखी गई है । 26 राज्यों में पहली जनवरी 2008 तक 63 शहरों की सूची में से 51 शहरों के लिए 25.287 करोड़ रूपए की लागत से 279 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है । इन परियोजनाओं को मंजूरी देते समय उन क्षेत्रों को अधिक प्राथमिकता दी जाती है जिनसे आम आदमी और शहरी गरीबों को सीधा लाभ मिले जैसे जलापूर्ति, स्वच्छता और जल निकासी की व्यवस्था । इनमें से 90 परियोजनाएं इस साल दिसम्बर तक पूरी हो जाने की संभावना है । शहरी सेवाओं के विकास के लिए 3,35,350 करोड़ रूपये के निवेश की व्यवस्था रखी गई है ।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में बुनियादी ढाँचे के लिए निवेश के महत्व पर जोर देते हुए सर्वेक्षण में कहा गया है कि 9 प्रतिशत विकास दर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजना अवधि के अंत तक सकल घरेलू उत्पाद के 9 प्रतिशत तक के निवेश का लक्ष्य है, जो 2006-07 में लगभग 5 प्रतिशत था। भौतिक बुनियादी ढाँचे में ही बीस लाख दो हजार करोड़ रूपये के निवेश का अनुमान है, जिसे गैर-त्रऽण और त्रऽण संसाधनों से पूरा किया जाएगा । बुनियादी ढाँचों के लिए वित्त जुटाने के बारे में उपाय सुझाने और अड़चनों का पता लगाने के लिए वित्त मंत्रालय ने श्री दीपक पारिख की अध्यक्षता में दिसम्बर 2006 में एक समिति का गठन किया था । समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है । सरकारी-निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढाने के लिए आर्थिक कार्य विभाग ने नीति, योजना, कार्यक्रम और क्षमता निर्माण के संबंध में कई उपाय किए हैं । इन परियोजनाओं के लिए धन की व्यवस्था के लिए कई कदम उठाए गए हैं जिनमें इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनान्स कंपनी लि. (आईआईएफसीएल) का गठन शामिल है जो परियोजनाओं के लिए आवश्यक त्रऽण उपलब्ध कराएगी ।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि बुनियादी ढाँचे के विकास की परियोजनाओं को पूरा करने के रास्ते में बहुत चुनौतियाँ हैं । बुनियादी ढाँचों के लिए वित्त की व्यवस्था करने के वास्ते उचित तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है । ये चुनौतियाँ गंभीर हैं लेकिन इनसे पार पाना असंभव नहीं है ।

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