जनसम्पर्क विभाग की वेबसाईट पर संस्कृत समाचार प्रसारित करने का एक वर्ष पूर्ण, संस्कृत विद्वानो द्वारा सराहना

जनसम्पर्क विभाग की वेबसाईट पर संस्कृत समाचार प्रसारित करने का एक वर्ष पूर्ण, संस्कृत विद्वानो द्वारा सराहना

भोपाल : तीन अगस्त, 2007

बहुभाषाओं में समाचार प्रसारित करने वाली जनसम्पर्क विभाग की वेबसाईट में संस्कृत में समाचार पस्तुत करने के एक वर्ष हो गये है। विभाग की वेबसाईट . द्रत्दढदृ.दृध्दढ़ में एक वर्ष पूर्व एक अगस्त 2006 से संस्कृत में समाचार प्रसारित होना शुरू हुए थे। वेबसाईट पर हिन्दी, संस्कृत, उर्दू एवं अंग्रेजी में प्रतिदिन समाचार प्रसारित किये जाते है जिन्हें दिन में निरंतर अपडेट किया जाता है। संस्कृत वेबसाईट पर एक वर्ष पूर्ण होने पर संस्कृत विद्वानो ने मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की है।

मध्यप्रदेश शासन के जनसम्पर्क विभाग की वेबसाईट ने लोकप्रिय होने का एक नया रिकार्ड बनाया है विभाग की वेबसाईट पर विगत वर्ष में ही दो करोड़ सात लाख 56 हजार से अधिक हिट्स रिकार्ड किये गये है। प्रतिदिन एक लाख लोगों द्वारा वेबसाईट देखी जाती है। यह वेबसाईट विदेशों में भी देखी जाती है। इन विदेशी उपभोक्ताओं में मुख्यत: अमेरिका, स्विटजरलैण्ड, हांगकांग, चीन, ब्रिटेन, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, जापान, इजराइल, पाकिस्तान, सिंगापुर और फ्रांस आदि देश शामिल है।

इस वेबसाईट पर विभिन्न भाषाओं के समाचार के अलावा फीचर, आलेख, फोटोग्राफ्स एवं प्रदेश के बारे में विभिन्न जानकारियों कें अतिरिक्त साप्ताहिक रोजगार और निर्माण एवं मध्यप्रदेश संदेश जैसे विभागीय प्रकाशन भी उपलब्ध है।

संस्कृत भाषा में प्रसारित होने का एक पूर्ण होने पर देवभाषा संस्कृत के विद्वानों ने सरकार की इस पहल की प्रशंसा की है। वाराणसी के श्रीराम जानकी मंदिर के महंत स्वामी  बेदान्ती जी महाराज ने सरकार के इस प्रयास को संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण माना है।

वाराणसी के ही साधू बेला आश्रम के बाबा गौरीशंकर दास उदासीन ने कहा कि इससे संस्कृत के विद्वानों के अतिरिक्त सामान्यजन भी लाभ प्राप्त कर सकेंगे। गाजीपुर (उ.प्र.) के प्रो. विजयनारायण पाण्डेय ने सरकार के इस प्रयास को अत्यन्त स्तुत्य एवं वन्दनीय बताया । वाराणसी में वैदिक कर्मकांड के पं. विश्वेश्वर दतार व पं. महेश प्रसाद शास्त्री ने प्राचीनतम देवभाषा संस्कृत के उत्थान के लिये जनसम्पर्क विभाग द्वारा शुरू किये गये प्रयास के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को साधुवाद दिया है। नरसिंहपुर (म.प्र.) संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य पं. भगवानदास शास्त्री एंव सहायक बलराम शास्त्री व भोपाल के व्याकरणाचार्य पं. ललित तिवारी, डा. रामचन्द्र तिवारी पूर्व प्राचार्य हमीदिया कॉलेज भोपाल, संस्कृत सेवा समिति के पं.रामकुमार दुबे आदि ने कहा है कि सरकार के इस प्रयास से संस्कृत भाषा को बढ़ावा मिला है।

 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

11वीं योजना के दौरान 78,000 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता जोड़ने का प्रस्ताव

आज विद्युत बंद रहेगी

संजय दत्त यदि अभिनेता के बजाए नेता होते