अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जित करने पर महिला परिवहन निरीक्षक को दो वर्ष की सजा

अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जित करने पर महिला परिवहन निरीक्षक को दो वर्ष की सजा

भोपाल : तीन अगस्त, 2007

विशेष न्यायालय भोपाल ने तत्कालीन परिवहन निरीक्षक कु. शाहिदा सुल्तान को अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जित करने के मामले में दो वर्ष के सश्रम कारावास और दो हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनायी है। प्रकरण में एक सहआरोपी श्री जावेद मिर्जा को भी दो वर्ष के सश्रम कारावास और दो हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनायी गई है।

लोकायुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार कु. शाहिदा सुल्तान, तत्कालीन निरीक्षक, परिवहन विभाग, की तलाशी 8 मई, 97 को रेल्वे स्टेशन, भोपाल में ली गई थी। उनके पास से अटैची में रखे हुए छह लाख तीन हजार 600 रुपये बरामद हुए थे। इस संबंध में आरोपिया के द्वारा कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, अत: उनके विरुध्द अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जित किया जाना प्रथम दृष्टया पाये जाने से धारा 13 (1) , 13 (2) पी.सी. एक्ट का अपराध 8 मई, 97 को पंजीबध्द किया गया।

प्रकरण में श्री जावेद मिर्जा (अशासकीय व्यक्ति) ने आरोपिया कु. शाहिदा सुल्तान को बचाने के लिए लगभग एक सप्ताह बाद यह तथ्य प्रस्तुत किये कि छह लाख रुपये उसके थे तथा उसने (श्री जावेद मिर्जा) कु. शाहिदा सुल्तान को भोपाल ले जाने के लिए दिये थे। विवेचना में यह पाया गया कि श्री जावेद मिर्जा ने कूटरचित दस्तावेज तैयार किये हैं व श्री जावेद मिर्जा के छह लाख रुपये नहीं थे।

आरोपिया के निवास स्थान की तलाशी ली गई तथा इन्वेंट्री बनाई गई। आरोपिया के पास यामाहा मोटर सायकल भी पाई गई थी। अनुपातहीन सम्पत्ति के इस प्रकरण की विवेचना में चैक अवधि में आरोपिया की आय तीन लाख 21 हजार 968 रुपये पाई गई जबकि व्यय 8 लाख 68 हजार 635 रुपये पाया गया। इस प्रकार से आरोपिया के द्वारा अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जित किया जाना पाया गया।

प्रकरण की विवेचना पर अभियोजन योग्य साक्ष्य पाये जाने से कु. शाहिदा सुल्तान की विधि एवं विधायी विभाग से अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर आरोपिया कु. शाहिदा सुल्तान के विरुध्द धारा 13 (1) , 13 (2) पी.सी. एक्ट तथा सह आरोपी श्री जावेद मिर्जा (अशासकीय) जिसने आरोपिया के पक्ष में झूठे कूटरचित दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किये, के विरुध्द धारा 193 भा.द.वि. के अंतर्गत चालान विशेष न्यायालय, भोपाल के समक्ष 20 मई, 98 को प्रस्तुत किया गया।

विशेष न्यायालय भोपाल द्वारा पारित निर्णय में मुख्य आरोपिया कु. शाहिदा सुल्तान, तत्कालीन परिवहन निरीक्षक, को धारा 13 (1) , 13 (2) पी.सी. एक्ट 1988 के अंतर्गत दोषी पाते हुए दो वर्ष के सश्रम कारावास व दो हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया एवं सह आरोपी श्री जावेद मिर्जा (अशासकीय) को धारा 193 भा.द.वि. के अंतर्गत दोषी पाते हुए दो वर्ष के सश्रम कारावास व दो हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

 

 

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