मानव संसाधन विकास मंत्री श्री अर्जुन सिंह द्वारा आईसीटी पर ई-9 देशों के सम्मेलन उदघाटित

मानव संसाधन विकास मंत्री श्री अर्जुन सिंह द्वारा  आईसीटी पर ई-9 देशों क सम्मेलन उदघाटित

संदर्भ सामग्री

       मानव संसाधन विकास मंत्री श्री अर्जुन सिंह ने आज यहां बंगलौर में सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) पर ई-9 देशों के सम्मेलन का उदघाटन किया। यह सम्मेलन 6 अक्टूबर 2007 तक चलेगा। सम्मेलन का उद्देश्य साक्षरता को बढावा देने में आईसीटी के इस्तेमाल के बारे में जागरूकता पैदा करना, साक्षरता के लिए आईसीटी के इस्तेमाल के सर्वश्रेष्ठ तौर तरीकों का आदान-प्रदान और साक्षरता के लिए आईसीटी के बारे में निजी क्षेत्रों के साथ सहयोग के जरिए तलाशना है।

       सम्मेलन को 5 सत्रों में बांटा गया है।

पहला सत्र- साक्षरताशिक्षा में आईसीटी के उपयोग के बारे में देशों के अनुभवों को परस्पर बांटना

       साक्षरता तथा शिक्षा में आईसीटी का महत्व सुविख्यात है और अलग-अलग देश अलग-अलग मॉडलों का अनुकरण कर रहे हैं। सम्मेलन में भाग लेने वाले देश उनके यहां साक्षरता की मौजूदा स्थिति, मौजूद समस्याओं, हाल में किए गए प्रयास आदि के बारे में एक संक्षिप्त दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे। इसमें साक्षरता के उन्मूलन में आईसीटी की भूमिका की भी जानकारी दी जाएगी। सत्र के दौरान प्रस्तुति में विशेष अन्वेषणों तथा इनसे प्राप्त अनुभवों को भी दर्शाया जाएगा। अभिनव तौर तरीकों की जानकारी, साक्षरता किट के लिए आईसीटी और सरकार तथा गैर सरकारी संगठनों के उदाहरण काफी उपयोगी सिध्द होंगे।

दूसरा सत्र-एशिया में सफलता के उदाहरण, साक्षरता और शिक्षा के लिए आईसीटी

       सत्र के दौरान इस क्षेत्र में अपनाए जा रहे विभिन्न सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीकों पर विचार किया जाएगा और यूनेस्को तथा आईसीटी आधारित साक्षरता कार्यक्रमों को चलाने में शामिल संगठनों द्वारा प्रस्तुतियां पेश की जाएंगी। सत्र के पहले भाग में एशिया-पैसिफिक एजुकेशनल इन्नोवेशन और डेवलपमेंट (एपीईआईडी) तथा सभी के लिए शिक्षा का एशिया-प्रशांत कार्यक्रम (अपील) दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में शिक्षा तथा साक्षरता और आईसीटी की सफलता के उदाहरण पेश करेंगे तथा सामुदायिक शिक्षण केन्द्रों में आईसीटी के इस्तेमाल की जानकारी देंगे।

तीसरा सत्र- अन्य सफल उपाय

       आईसीटी से संबंधित साक्षरता पहल पर इस सत्र के दौरान विशेष रूप से चर्चा होगी इनमें उन प्रयासों को शामिल किया गया है जो भारत तथा अन्य देशों में काफी सफल रहें हैं। सत्र मे सरकारी तथा गैर-सरकारी परियोजनाओं को भी शामिल किया जाएगा। इस सत्र के बाद एक संक्षिप्त चर्चा भी होगी।

चौथा सत्र - निजी क्षेत्रों के साथ सहयोग

       आर्थिक तथा सामाजिक प्रक्रियाओं पर प्रभाव डालने वाली नई प्रौद्योगिकियों के विकास और प्रदायगी में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हाल के वर्षों में साक्षरता तथा शिक्षण में इन प्रौद्योगिकियों की भूमिका बढी है। इसके फलस्वरूप शिक्षा संबंधी उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग भी बढा है। इस सत्र में निजी साझीदारों द्वारा की गई पहल पर विचार किया जाएगा और ई-9 देशों में सामाजिक तथा शिक्षात्मक विकास के लिए इन कार्यनीतियों को आगे बढाने के जरिए तलाशे जाएंगे।

पांचवा सत्र- सामूहिक परिचर्चा

       साक्षरता में आईसीटी के महत्व के बारे में जानकारी बढाने तथा सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीकों के प्रसार के अलावा इस कार्यशाला का उद्देश्य सहभागी देशों में इस बारे में एक ऐसी आम समझ कायम करना भी है, जिसके जरिए ये सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीके संबंधित देशों में अपनाये जा सकें। पांचवे सत्र में सामूहिक परिचर्चा होगी जिसके दौरान सहभागी देशों को तीन समूह में बांटा जाएगा और ये समूह निम्नलिखित क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे।

       समूह 1 - साक्षरता में आईसीटी की उपयोगिता के बारे में जागरूकता बढाना

       समूह 2 - सर्वश्रेष्ठ तौर तरीकों का प्रसार

       समूह 3 - साक्षरता में आईसीटी के लिए निजी क्षेत्रों के साथ सहयोग

       ई-9 देशों में बंगला देश, ब्राजील, चीन, मिस्र, भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, नाइजीरिया और पाकिस्तान शामिल हैं।

 

 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मतदाता जागरूकता के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन

नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने की आज अंतिम तारीख आज 17 उम्मीदावरों ने नाम निर्देशन पत्र दाखिल किये

वोटिंग प्रतिशत टर्नआउट कम होने वाले मतदान केन्द्रों के अन्तर्गत घर-घर जाकर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्वीप की गतिविधियां चलायें - कलेक्टर श्री वर्मा