देश के शेष सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्र राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के दायरे में

देश के शेष सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्र राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के दायरे में

       भारत सरकार ने देश के शेष जिलों के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एनआरईजीए) का विस्तार करने का निर्णय लिया है। ग्रामीण विकास मंत्री डॉ0 रघुवंश प्रसाद सिंह ने आज यहां इसका खुलासा करते हुए बताया कि आज ही प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया है । 02 फरवरी, 2006 को एनआरईजीए के अंतर्गत सर्वाधिक पिछड़े 200 जिले अधिसूचित किए गए थे । वित्त वर्ष 2007-08 में और 130 जिलों को इस अधिनियम के दायरे में लाया गया । इस प्रकार जिलों की संख्या बढक़र 130 हो गयी थी ।

       अधिनियम में प्रावधान था कि सितम्बर, 2005 में अधिसूचित होने के बाद इसे पांच वर्षों के अंदर पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा लेकिन इस अधिनियम से ग्रामीण क्षेत्रों को खासकर ग्रामीण गरीबों को लाभ पहुंचने की संभावनाओं का देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि इस अधिनियम को अप्रैल 2008 से पूरे देश में लागू कर दिया जाए । इसके लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी तथा अधिसूचित जिले एनआरइजीए में शामिल होने के लिए तैयारियां शुरू कर देंगे । समय से पहले अधिनियम के सार्वभौमिकरण से यह स्पष्ट है कि ग्रामीण गरीबों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और सरकार ग्रामीण गरीबों की हालत में सुधार के प्रति निर्णायक रूप से कटिबध्द है ।

       7 सितम्बर, 2005 को अधिसूचित इस अधिनियम का उद्देश्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में रोजगार के इच्छुक उन लोगों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की जीवन-यापन सुरक्षा बढाना है, जो अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए स्वेच्छा से तैयार हैं ।

       योजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण आंकड़े वेब संचालित एमआईएस .दध्दङ्ढढ़ठ्ठ.दत्ड़.त्द पर आम लोगों के लिए उपलब्ध हैं। मस्टर रोलों को भी पहली बार वेबसाईट पर रखा जा रहा है ताकि सभी लोग इसे देख सकें ।

 

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