धान उत्पादक किसानों को सलाह
संजय गुप्ता मांडिल, ब्यूरो मुरैना/
मौसम को देखते हुए धान की फसल में तना भेदक और पत्ति मोड़क के प्रकोप की
आशंका है, अतः किसान भाईयों को सलाह दी जाती है कि खेत की सतत निगरानी करें
तथा प्रकोप होने की स्थिति मे लेम्डासायहेलोथ्रीम 9.5 प्रतिशत
थ्रमोमिथाकसाम 12.6 प्रतिशत 200 मिली लीटर प्रति हेक्टर छिड़काव करें।
धान की फसल पुष्पन अवस्था में है यदि 50 प्रतिशत पुष्पन हो चुका है तो
किसानों को सलाह दी जाती है कि नाइट्रोजन की तीसरी खुराक का छिड़काव करें।
पोटाश की अनुशंसित मात्रा का 25 प्रतिशत छिड़काव पुष्पन अवस्था में करने पर
अनाज की मात्रा एवं गुणवत्ता दोनों बढ़ जाती है। धान में आभासी कंडवा
(हल्दी गांठ) रोग कि रोकथाम हेतु प्रोपीकोनोजोल 25 प्रतिशत EC 1 मिली दवा
प्रति लीटर पानी कि दर से 400-500 लीटर पानी के साथ प्रति हैक्टेयर छिड़काव
करें।
सोयाबीन फसल में कटाई-गहाई का कार्य किया जा रहा है। सोयाबीन
कटाई-गहाई उपरांत हवादार स्थान पर सुरक्षित भंडारण करें। जिससे कि बीज की
गुणवत्ता बनी रहे।
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