सुख और शांति के लिए शनि की आराधना

सुख और शांति के लिए शनि की आराधना
शनिचरी अमावस्या पर शनिधाम पहुचे लाखों श्रध्दालु

मुरैना 30 अगस्त 08/ शनिचरी अमावस्या पर आज 30 अगस्त को मुरैना जिले के एेंती ग्राम में स्थित अतिप्राचीन शनि धाम पर विशाल मेला का आयोजन सम्पन्न हुआ । लाखों श्रध्दालुओं ने यहां आकर सुख समृध्दि और शांति की प्राप्ति के लिए शनिदेव के दर्शन किये और प्रार्थना की । जिला प्रशासन द्वारा की गई माकूल व्यवस्थाओं के चलते श्रध्दालुओं को दर्शन करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई । कलेक्टर श्री रामकिंकर गुप्ता और पुलिस अधीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह मेला अवधि के दौरान स्थल पर उपस्थित रहकर व्यवस्थाओं पर नजर रखे रहे ।
ज्ञातव्य हो कि शनिचरा के नाम से विख्यात यह मंदिर त्रेता युग का है, जहां श्रध्दालुओं द्वारा शनि पर्वत की 13 कोस की परिक्रमा लगाकर शनिदेव को प्रसन्न किया जाता है । माना गया है कि महाराष्ट्र के प्रसिध्द शनि शिंगणापुर में प्रतिस्थापित शनिशिला भी सन् 1817 में इसी शनि पर्वत से ले जाई गई थी जो खुले आकाश में एक विशाल चबूतरें पर स्थापित है । यह शनि की ही कृपा फल का चमत्कार है कि शनि सिंगणापुर के किसी भी घर में दरवाजों पर ताले नहीं लगते हैं और चोरों का भय नहीं है ।
शनिग्रह सौर मंडल का सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है और व्यक्ति के कर्मानुसार अच्छे बुरे कर्मफल का निर्णायक होने के कारण शनिदेव को मृत्युलोक का न्यायाधीश माना गया है । शनि को क्रूर ग्रह मानकर लोग भयभीत रहते हैं । ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनिदेव की अनुकूलता और प्रतिकूलता व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती है । इनकी कुदृष्टि के कारण ही सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र को राजपाठ त्यागकर मरघट पर डोम की नौकरी करनी पडी थी और अपने इकलौते पुत्र रोहित की मृत देह के संस्कार के लिए अपनी पत्नी तारामती से कर मांगना पडा था । राजा नल और दमयंती के विछोह की कहानी भी इन्ही शनि की प्रतिकूलता का परिणाम रही होगी । शनि के शुभ प्रभाव से दीर्घकालिक प्रसिद्वि की प्राप्ति होती है, जबकि अशुभ प्रभाव होने पर अपार दु:ख और मानसिक अंशांति का सामना करना पडता है ।
शनिचरी अमावस्या के दिन शनि की पूजा अर्चना करने से शनिदेव विशेष फल देते है । इस दिन काली वस्तुओं का दान विशेष शुभदायी माना गया है । इस बार शनिचरी अमावस्या पर 30 अगस्त को लगभग डेढ लाख श्रध्दालुओं ने शनि मंदिर पहुंचकर दर्शन किये और सुखशांति के लिए प्रार्थना की । इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किया तथा लोगों को विधि और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए जिला न्यायालय द्वारा विधिक साक्षरता शिविर लगाया गया। मेला में शासन की कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार साहित्य वितरित किया गया।

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