जन्म- मृत्यु का पंजीयन जरूरी

जन्म- मृत्यु का पंजीयन जरूरी
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ
मुरैना 25 मार्च 08/ जन्म - मृत्यु अधिनिम 1969 संशोधित नियम 2004 के प्रावधान अनुसार जन्म मृत्यु होने पर पंजीयन कराना जरूरी है और यह प्रत्येक नागरिक का दयित्व है । नगरीय क्षेत्र में हुए जन्म- मृत्यु का पंजीयन (चिकित्सालय को छोड़कर) नगर पालिका में एवं ग्राम पंचायत क्षेत्र में हुए जन्म- मृत्यु घटना का पंजीयन संबंधित ग्राम पंचायत सचिव के यहां व शासकीय चिकित्सालय में हुई जन्म - मृत्यु पंजीयन संबंधित चिकित्सालय में कराने की सुविधा है । प्रावधान अनुसार जन्म- मृत्यु की घटना दिनांक से 21 दिन की अवधि में नि: शुल्क कराया जा सकता है । 21 दिन के बाद एक वर्ष की अवधि के अन्दर ग्राम पंचायत क्षेत्र के लिए संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र के लिए जिला रजिस्ट्रार जन्म- मृत्यु की अनुमति से पंजीयन कराने की सुविधा है । एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने की स्थिति में कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की अनुमति से पंजीयन कराया जा सकेगा ।
जन्म प्रमाण पत्र - जन्म का वैद्यानिक प्रमाण है जो विद्यालय में प्रवेश, विदेश यात्रा के लिए बीजा आदि बैद्यानिक कार्यों में उपयोगी है ।
मृत्यु प्रमाण पत्र - मृत्यु का वैधानिक प्रमाण है, जो पैतृक सम्पत्ति के बंटवारा एवं बैंक बीमा धन आदि के भुगतान प्राप्त करने में सहायक है ।
जन्म पंजीयन से जन्म संबंधी महत्वपूर्ण आंकड़े प्राप्त होते हैं । इसमें जन संख्या बृध्दि, जन्म दर आदि जीवनांक संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियों प्राप्त होती हैं । इसी प्रकार मृत्यु पंजीयन से हुई वास्तविक मृत्यु की जानकारी तथा कारणों एवं उम्र के अनुसार शिशु एवं मातृत्व मृत्यु जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े प्राप्त होते हैं, जो स्वास्थ्य योजना बनाने में सहयोगी होते हैं ।
जिला रजिस्ट्रार जन्म -मृत्यु एवं जिला योजना अधिकारी ने समस्त नागरिकों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की कठिनाई से बचने के लिए परिवार में हुए जन्म अथवा मृत्यु का पंजीयन 21 दिवस के अन्दर अवश्य करायें ।

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