बगैर लिखित अनुमति के सम्पत्ति विरूपित करने पर लगेगा जुर्माना "विधानसभा उप निर्वाचन-2020"

 संजय गुप्‍ता मांडिल, ब्‍यूरो मुरैना/कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री अनुराग वर्मा ने मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। उन्होंने आदेश में स्पष्ट किया है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान विभिन्न राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी या विज्ञापन कम्पनियों के लिए किसी भी शासकीय अशासकीय सम्पत्ति को सम्बन्धित विभाग या भवन स्वामी की अनुमति के विना विरूपित करना प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही सम्पत्ति को स्याही, खड़िया रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके विरूपित करना दण्डनीय होगा। ऐसा किये जाने पर सम्बन्धित विभाग या भवन स्वामी के द्वारा सम्पत्ति विरूपण बावत थाने में प्रथम सूचना दर्ज कराई जा सकेगी। 
    जिला दण्डाधिकारी ने यह आदेश विधानसभा चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के मकसद से जारी किया है । उल्लेखनीय है कि कोई भी व्यक्ति या राजनैतिक दल या उम्मीदवार शासकीय भवन या कोई भी सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुमति के बिना सम्पत्ति का विरूपण करेगा तो उस पर मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरूपण अधिनियम 1994 धारा 3 के अन्तर्गत एक हजार रूपये तक का जुर्माना लगेगा। इस अधिनियम के तहत दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा। सम्पत्ति के अन्तर्गत कोई भी भवन झोंपड़ी, संरचना, दीवार, वृक्ष खम्बा (पोस्ट) स्तम्भ या कोई अन्य परिनिर्माण शामिल रहेगा।

भवन स्वामी के साथ नगरीय निकाय की अनुमति भी लेनी होगी
    आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को निजी भवनों पर भी भवन स्वामी की लिखत सहमति और नगर निगमध्स्थानीय निकाय की अनापत्ति प्राप्त करने के बाद ही झण्डे, पोस्टर, बैनर, अस्थाई फ्लेक्स बोर्ड लगा सकेंगे और दीवार लेखन कर सकेंगे। इसके लिये जरूरी होगा कि प्रत्याशी को तीन दिवस के अंदर नगर निगम द्वारा जारी की गई एनओसी के लिए जमा की गई राशि की रसीद भवन स्वामी द्वारा लिए जाने वाले किराए की रसीद और लिखावट पर किए गए व्यय की रसीद निर्धारित प्रोफार्मा में संलग्न कर रिटर्निंग ऑफीसर को प्रस्तुत करना होगा। उक्त झण्डे, बैनर, पोस्टर, फ्लेक्स इत्यादि पर कोई भी ऐसी बात नहीं लिखी जा सकेगी जो विभिन्न समुदायों में रोष उत्पन्न करता हो और लोक शांति भंग होती हो।
शासकीय संपत्ति को मूल स्वरूप में लाने के लिए दल गठित
    कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने शासकीय विरूपित संपत्ति को पुनरू मूल स्वरूप में लाने के लिए दल गठित किए हैं। इन दलों में संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी, नगर पुलिस अधीक्षक, बीएसएनएल के क्षेत्रीय एसडीओ, विद्युत वितरण कंपनी के सहायक यंत्री, नगर निगम, नगर पालिका के क्षेत्रीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग के उपयंत्री मय कर्मचारियों तथा संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को शामिल किया गया है। 
    कलेक्टर ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि सरकारी संपत्ति को मूल स्वरूप में लाने पर हुई व्यय की वसूली दोषी व्यक्ति से भू-राजस्व की बकाया राशि की तरह वसूल की जाए। साथ ही संबंधित पुलिस थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाए। ग्रामीण क्षेत्र में व्यय की प्रतिपूर्ति पंचायत सचिव को की जायेगी। ग्रामीण अंचल में इस कार्रवाई के लिये संबंधित थाना प्रभारी, पटवारी व पंचायत सचिव की जवाबदेही तय की गई है। कलेक्टर ने इस कार्रवाई की प्रतिदिन की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

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