राजनैतिक दल आदर्श आचार संहिता का पालन करायें आज से लागू होगी आदर्श आचार संहिता
संजय गुप्ता मांडिल, ब्यूरो मुरैना/ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेश में विधानसभा उप चुनाव निर्वाचन
2020 की तिथि घोषित किए जाने के पश्चात 29 सितम्बर 2020 को कलेक्टर एवं
जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में निर्वाचन कार्य
एवं आचार संहिता के पालन के संबंध में न्यू कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष
में स्टेडिंग कमेटी की बैठक आयोजित हुई। जिसमें पुलिस अधीक्षक श्री अनुराग
सुजानिया, जिला पंचायत सीईओ श्री तरूण भटनागर, अपर कलेक्टर श्री उमेश
शुक्ला, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एलके पाण्डे सहित मान्यता प्राप्त
राजनैतिक दलों के सदस्य एवं कमेटी के सभी सदस्य मौजूद थे।
कलेक्टर
एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री वर्मा ने विभिन्न राजनैतिक दलों के
प्रतिनिधियों को बताया कि निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन की तिथी घोषित कर दी
गई है। आज से ही आदर्श आचरण संहिता प्रभाव शील हो गई है। संबंधित पार्टियों
के पदाधिकारी आचार संहिता का पालन करें।
श्री वर्मा ने कहा कि
आदर्श आचरण संहिता पर अमल को लेकर भारत निर्वाचन आयोग का रूख सख्त है ।
चुनाव के दौरान जातिगत, धार्मिक या भाषायीतौर पर मतभेद भड़काने और नफरत या
तनाव फैलाने वाले भाषण से बचने की सलाह दी गई है । धार्मिक स्थलों को चुनाव
प्रचार का मंच बनाने की मनाही की गई है ।
कलेक्टर श्री वर्मा ने
कहा कि चुनाव प्रचार के झण्डे, बैनर, नारे आदि के लिए बगैर संबंधित व्यक्ति
की इजाजत के उसकी जमीन, भवन अहाते, दीवार आदि का इस्तेमाल नहीं किया जाय।
ऐसा करने पर संबंधित के विरूद्ध सम्पति विरूपण अधिनियम के तहत कार्रवाई की
जा सकती है । भाषणों के दौरान किसी के भी व्यक्तिगत जीवन से संबंधित पहलुओं
की आलोचना नहीं की जानी चाहिए । उन्होंने कहा कि निर्वाचन विधि के तहत
भ्रस्ट आचरण और अपराध माने गये कार्यों से बचना चाहिए ।
जिला
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पेड न्यूज की मॉनीटरिंग के लिए जिले में
एमसीएमसी समिति गठित की गई है । राजनैतिक दलों को भी पेड न्यूज के मामले
में स्व नियंत्रण करना होगा । उन्होने राजनैतिक दलों से इस बार मतदान का
अधिकाधिक प्रतिशत बढ़ाने के लिए सहयोग का आव्हान किया । उन्होने कहा कि
अधिकारी कर्मचारियों से भी अपेक्षा की गई है कि वे निष्पक्ष होकर कार्य
करें । विधान सभा चुनाव में पहली बार शासकीय कर्मचारियों द्वारा मतदाताओं
को वोटर स्लिप मतदान के एक हफ्ते पूर्व घर घर पहुचाई जायेगी । उन्होने कहा
कि नामांकन पत्र दाखिल करने के पूर्व प्रत्याशी को अपना पृथक से बैंक
एकाउंट खोलना होगा । सभी बैंक को निर्देश दिये गये है कि प्रत्याशी का वे
तत्काल खाता खोलकर चेक बुक इश्यू करें । कलेक्टर ने सम्पति विरूपण अधिनियम
का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये जा रहे है ।
आदर्श आचरण
संहिता के पालन पर जोर देते हुए श्री वर्मा ने कहा कि किसी दल या अभ्यर्थी
को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या
भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ाए या घृणा की भावना
उत्पन्न करे या तनाव पैदा करे। जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाए, तब
वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पुराने आचरण और कार्य तक ही सीमित होनी
चाहिए। यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना
नहीं की जानी चाहिए जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के
सार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो।
अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं के
बारे में कोई ऐसी आलोचना नहीं की जानी चाहिए, जो ऐसे आरोपों पर जिनकी
सत्यता प्रमाणित न हुई हो या तोड़-मरोड़कर कही गई बातों पर आधारित हो। मत
प्राप्त करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी
चाहिए। मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का चुनाव
प्रचार के लिए मंच के रूप में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। सभी दलों और
अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यों से ईमानदारी के साथ बचना चाहिए, जो
निर्वाचन विधि के अधीन “भ्रष्ट आचरण” और अपराध हैं- जैसे कि मतदाताओं को
रिश्वत देना, मतदाताओं को अभित्रस्त करना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान
केन्द्र के 100 मीटर के भीतर मत संयाचना (चुनाव प्रचार) करना, मतदान की
समाप्ति के लिए नियत समय को खत्म होने वाली 48 घण्टे की अवधि के दौरान
सार्वजनिक सभाएं करना और मतदाताओं को सवारी से मतदान केन्द्रों तक ले जाना
और वहां से वापस लाना।
सभी राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को इस
बात का प्रयास करना चाहिए कि वे प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण और
विघ्नरहित घरेलू जिन्दगी के अधिकार का आदर करें, चाहे वे उसके राजनैतिक
विचारों या कार्यों के कितने ही विरूद्व क्यों न हों, व्यक्तियों के
विचारों या कार्यों का विरोध करने के लिए उनके घरों के सामने प्रदर्शन
आयोजित करने या धरना देने के तरीकों का सहारा किसी भी परिस्थिति में नहीं
लेना चाहिए। किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को झण्डा खड़ा करने, बैनर
टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए किसी व्यक्ति की भूमि,
भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी सहमति के बिना उपयोग करने की अनुमति, अपने
अनुयायियों को नहीं देनी चाहिए। राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को यह
सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं
जुलूसों आदि में बाधाएं उत्पन्न न करें या उन्हें भंग न करें। एक
राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं या शुभचिंतकों को दूसरे राजनैतिक दल द्वारा
आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रूप से या लिखित रूप में प्रश्न पूछकर या
अपने दल के परचे वितरित करके, गड़बड़ी पैदा नहीं करनी चाहिए, किसी दल
द्वारा जुलूस उन स्थानों से होकर नहीं ले जाने चाहिए जिन स्थानों पर दूसरे
दल द्वारा सभाएं की जा रही हों, एक दल द्वारा निकाले गए पोस्टर दूसरे दल के
कार्यकर्ता द्वारा हटाए नहीं जाने चाहिए।
सभाएं
राजनैतिक दल या
अभ्यर्थी को किसी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में स्थानीय
पुलिस अधिकारियों को पूर्व से ही उपयुक्त समय पर सूचना दे देनी चाहिए, ताकि
उनके द्वारा यातायात को नियंत्रित करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के
लिए आवश्यक व्यवस्था की जा सके। राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को उस दशा में
पहले ही यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उस स्थान पर जहां सभा करने का
प्रस्ताव है, कोई निर्बन्धात्मक या प्रतिबंधात्मक आदेश (निषेधाज्ञा) लागू
तो नहीं है। यदि ऐसे आदेश लागू हों, तो उनका कड़ाई के साथ पालन किया जाना
चाहिए। यदि ऐसे आदेशों से कोई छूट अपेक्षित हो तो उनके लिए समय से आवेदन
करना चाहिए और छूट प्राप्त कर लेनी चाहिए। यदि किसी प्रस्तावित सभा के
संबंध में लाऊडस्पीकरों के उपयोग या किसी अन्य सुविधा के लिए अनुमति या
अनुज्ञप्ति (लायसेंस) प्राप्त करनी हो, तो दल या अभ्यर्थी को संबंधित
अधिकारी के पास काफी पहले ही आवेदन करना चाहिए और इसकी अनुमति या
अनुज्ञप्ति प्राप्त कर लेनी चाहिए। किसी सभा के आयोजकों के लिए यह अनिवार्य
है कि वे सभा में विघ्न डालने वाले या अन्यथा अव्यवस्था फैलाने का प्रयत्न
करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस की सहायता
प्राप्त करें। आयोजकों को चाहिए कि वे स्वयं ऐसे व्यक्तियों के विरूद्व कोई
कार्यवाही न करें।
जुलूस
जुलूस का आयोजन करने वाले
दल या अभ्यर्थी को पहले ही यह बात तय कर लेनी चाहिए कि जुलूस किस समय और
किस स्थान से शुरू होगा, किस मार्ग से होकर जाएगा और किस समय और किस स्थान
पर समाप्त होगा। सामान्यतरू कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं होनी चाहिए।
आयोजकों को चाहिए कि वे कार्यक्रम के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को
अग्रिम सूचना दे दें, ताकि वे आवश्यक व्यवस्था कर सकें। आयोजकों को यह
सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि जिन इलाकों से होकर जुलूस गुजरना है, उनमें कोई
निर्बंधात्मक आदेश (निषेधाज्ञा) तो लागू नहीं है। जब तक सक्षम प्राधिकारी
द्वारा विशेष रूप से छूट न दे दी जाए, उन निर्बंधनों का पालन करना चाहिए।
यातायात के नियमों और निर्बंधनों का भी ध्यानपूर्वक पालन करना चाहिए।
आयोजकों को चाहिए कि जुलूस का इंतजाम ऐसे ढंग से किया जाए, जिससे कि
यातायात में कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न किए बिना जुलूस का निकलना संभव हो
सके। यदि जुलूस बहुत लम्बा है, तो उसे उपयुक्त लम्बाई वाले टुकड़ों में
संगठित किया जाना चाहिए, ताकि सुविधाजनक अंतरालों पर विशेषकर उन स्थानों पर
जहां जुलूस को चौराहों से होकर गुजरना है, रूके हुए यातायात के लिए
समय-समय पर रास्ता दिया जा सके और इस प्रकार भारी यातायात के जमाव से बचा
जा सके। जुलूसों की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि जहां तक हो सके, उन्हें
सड़क की दायीं ओर रखा जाए और ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का
कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए। यदि दो या अधिक राजनैतिक दलों या
अभ्यर्थियों ने लगभग उसी समय पर उसी रास्ते या उसके भाग से जुलूस निकालने
का प्रस्ताव किया है, तो आयोजकों को चाहिए कि वे समय से काफी पहले आपस में
संपर्क स्थापित कर लें और ऐसी योजना बनाए, जिससे कि जुलूसों में टकराव न हो
या यातायात को बाधा न पहुंचे। स्थानीय पुलिस की सहायता संतोषजनक इंतजाम
करने के लिए सदा उपलब्ध होगी। इस प्रयोजन के लिए दलों को यथाशीघ्र पुलिस से
संपर्क स्थापित करना चाहिए। जुलूस में शामिल लोगों द्वारा ऐसी चीजें लेकर
चलने के विषय में, जिनका अवांछनीय तत्वों द्वारा, विशेष रूप से उत्तेजना के
क्षणों में दुरूपयोग किया जा सकता हो, राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को
अधिक से अधिक नियंत्रण करना चाहिए। किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को
अन्य राजनैतिक दलों के सदस्यों या उनके नेताओं के पुतले लेकर चलने, उनको
सार्वजनिक स्थान में जलाने और इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शनों का समर्थन
नहीं करना चाहिए।
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