प्रधानमंत्री द्वारा कुटीर, लघु और मझौले उद्यमियों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान
प्रधानमंत्री द्वारा कुटीर, लघु और मझौले उद्यमियों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान
प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहन सिंह ने आज यहां एक समारोह में कुटीर, लघु और मझौले उद्यमियों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ इस प्रकार है-
आज इस समारोह में सभी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को मैं बधाई देता हूँ। ये पुरस्कार शुरू किए जाने के लिए मैं अपने सहयोगी श्री महाबीर प्रसादजी और उनके मंत्रालय की सराहना करता हूँ। कुछ ही महीने पहले मुम्बई में लघु और मझौले उद्यमों के एक पुरस्कार समारोह में, मैं मौजूद था और उन पुरस्कार विजेताओं की शानदार उपलब्धियों से मैं अत्यन्त प्रभावित हुआ। मैं आशा करता हूँ कि इस प्रकार के पुरस्कारों से हमारे नव उद्यमी और ज्यादा प्रयास करने और हमारे देश की अर्थव्यवस्था तथा सामाजिक विकास के वास्ते योगदान करने के लिए और अधिक उत्साहित होंगे।
आज के पुरस्कारों के लिए नामित किए जाने और इससे पहले मुम्बई में दिए गए पुरस्कारों से ऐसा लगता है कि भारत में लघु और मझौले उद्यम क्षेत्र ने वास्तव में अब सक्षम रूप ले लिया है। अब वे दिन बीत गए जब निगमित क्षेत्र के प्रमुखों को ही कारोबार का मुख्य श्रेय मिलता था और लघु तथा मझौले उद्यमियों की ओर अधिक ध्यान नहीं जा पाता था। भारत के लघु और मझौले उद्यमों के कारोबार करने वाले अग्रणी लोग अब गर्व के साथ अपने पैरों पर खड़े हैं। आगामी वर्षों में उनके विकास और प्रगति के प्रति मैं अपनी सरकार की वचनबध्दता की पुष्टि करता हूँ।
कुटीर और लघु उद्यम हमारे देश में लगभग 4 करोड़ 10 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराते हैं। इनमें हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र भी शामिल है, इन्होंने 6 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराया है। इस प्रकार हमारे लोगों की आजीविका और इस क्षेत्र की खुशहाली के दृष्टिकोण से यह क्षेत्र अत्यधिक महत्वपूर्ण है। तथ्य यह है कि लघु और मझौले उद्यम समूचे देश में व्यापक रूप से फैले हुए हैं और क्षेत्रीय विकास परिप्रेक्ष्य से ये बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं और समूचे देश में संतुलित और समान वृध्दि के एक माध्यम हैं।
लघु और मझौले उद्यम क्षेत्र ने नए उद्योगों तथा नए औद्योगिक केन्द्रों के विकास में पर्याप्त योगदान किया है। निस्संदेह इस क्षेत्र को प्रोत्साहनों, बुनियादी ढांचा सुविधाओं और अन्य प्रकार की सहायता के जरिए उपलब्ध कराए गए सरकारी तथा संस्थागत समर्थन से काफी मदद मिली है। लेकिन, इस क्षेत्र में हमारे उद्यमियों की सृजनशीलता वास्तव में बहुत योगदान दिया है। उद्यमिता की ऐसी भावना, जोखिम उठाने की यह इच्छा और अपने भाग्य का निर्माण करने के लिए कुछ कर गुजरने की उत्कट इच्छा और कहीं इतनी देखने को नहीं मिलती, जितनी कि हमारे लघु और मझौले उद्यम क्षेत्र में स्पष्ट है। यही वह प्रबल भावना है जिसने लघु और मझौले उद्यम क्षेत्र को हमारी अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक गतिशील और हमारे सहयोग तथा प्रोत्साहन के योग्य क्षेत्र बना दिया है।
हमारी सरकार ने लघु और मझौले उद्यमों की वृध्दि और कल्याण के प्रति लगातार वचनबध्दता दिखाई है। कुटीर, लघु और मझौले उद्योग विकास अधिनियम को लागू करना हमारी सरकार का एक महत्वपूर्ण योगदान है। इसका लक्ष्य है- इन उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार लाना और उनके स्वस्थ विकास में योगदान करना। मुझे आशा है कि इस कानून के प्रावधानों से आपके व्यापारिक उद्यमों में लगी सभी फर्मों को लाभ पहुंचेगा। हमारी सरकार ने कुटीर और लघु उद्यमों को प्रोत्साहन देने के लिए एक व्यापक पैकेज की भी घोषणा की है। इससे भी इस उद्देश्य की पूर्ति में योगदान मिलेगा।
हमारी सरकार ने क्लस्टर विकास पर आधारित नई नीति तैयार की है, जिसमें लघु और मझौले उद्यम क्षेत्र के विकास के वास्ते एक समग्र और समेकित दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है। हमने दक्षता विकास को एक उच्च प्राथमिक क्षेत्र के रूप में भी लिया है। हाल ही में मैंने व्यावसायिक शिक्षा तथा दक्षता विकास के लिए एक राष्ट्रीय मिशन कायम करने के अपने फैसले की भी घोषणा की है और अपने उद्यमियों की कुशल श्रम शक्ति के लिए बढती हुई मांग को पूरा करने के वास्ते और अधिक पॉलिटेक्निक और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के वित्तपोषण की हमारी मंशा हैं।
मैं इस तथ्य से अवगत हूँ कि हमारे लघु और मझौले उद्यमों की चिन्ता का एक प्रमुख क्षेत्र यह है कि उन्हें कम ब्याज दर पर त्रऽण उपलब्ध कराया जाए। त्रऽण अदायगी की प्रक्रिया में सुधार लाने के उद्देश्य से हमने लघु और मझौले उद्योगों के लिए त्रऽण जल्दी देने के लिए एक पॉलिसी पैकेज की घोषणा की है। मुझे आशा है कि हम पाँच वर्षों की अवधि के अन्दर इस क्षेत्र के लिए त्रऽण प्रवाह को दुगना कर सकेंगे। मैं सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से अनुरोध करता हूँ कि वे लघु और मझौले उद्यमों को सहयोग देने और उनके पोषण के लिए आगे आएं और विशेष रूप से उन्हें जोखिम और उद्यम पूंजी सहयोग के जरिए इसमें मदद करें। हमने उन लघु उद्यमियों के लिए जो सम्पार्श्व गारंटी देने में असमर्थ हैं, उन्हें राहत उपलब्ध कराने के लिए हमने एक कोष क्रेडिट गारंटी फण्ड भी बनाया है। मेरा विचार है कि इस योजना से बैंकरों की शुरूआती हिचकिचाहट दूर हुई है और धीरे-धीरे उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है।
मेरा पूरा विश्वास है कि लघु और मझौले उद्यमों ने विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मकता की अपनी योग्यता प्रदर्शित की है। नेशनल मैन्यूफैक्चरिंग कम्पटिटिवनैस कॉउंसिल (राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद) ने भी इस तथ्य को स्वीकर किया है और इस जीवन्त क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता को और बढाने के लिए नए-नए विचार प्रस्तुत किए हैं। लघु और मझौले उद्यमों ने निर्यात के क्षेत्र में अपनो शानदार योगदान के जरिए यह दिखा दिया है कि यह हमारे पास विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाला एक क्षेत्र है।
हमारी सरकार ने पहली बार कुटीर, लघु और मझौले उद्यमों के लिए एक संवैधानिक राष्ट्रीय बोर्ड कायम किया है, जिसमें नीति निर्माताओं, बैंकरों, ट्रेड यूनियन नेताओं और अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों को एक साथ रखा गया है। मुझे पूरी आशा है कि बोर्ड हमारे उद्यमों को नीति के मामले में मार्गनिर्देश करेगा और उन्हें अधिक से अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और कुशल बनाने में सहायता करेगा।
हमारी सरकार ऐसे अभिनव विचारों का स्वागत करती है, जिनसे देशभर में औद्योगिकीकरण का विस्तार हो और नव उद्यमियों को प्रोत्साहन मिले। मैं इस क्षेत्र के सभी उद्यमियों से आग्रह करता हूँ कि वे बेहतर गुणवत्ता, लागत कम करने और अपने कर्मचारियों तथा श्रमिकों के कल्याण की तरफ और अधिक ध्यान दें। अन्तर्राष्ट्रीय अनुभवों से यह स्पष्ट है कि हमारे लघु और मझौले उद्योग लगातार बढते हुए समेकित विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा के माहौल में बने रहेंगे।
हमारी सरकार कुटीर और लघु उद्यम क्षेत्र में श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करने के महत्व को स्वीकार करती है। इस दिशा में पहले कदम के रूप में हमने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 65 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिकों को वृध्दावस्था पेंशन उपलब्ध कराने के अपने इरादे की घोषणा कर दी है। हम हर परिवार के एक कमाऊ सदस्य को जीवन तथा विकलांगता बीमा सुरक्षा उपलब्ध कराएंगे, ताकि घायल होने अथवा मृत्यु होने की स्थिति में परिवार को जीवन यापन का जरिया मिल सके। हम स्वास्थ्य बीमा मॉडल के बारे के बारे में भी विचार कर रहे हैं, ताकि गरीब लोगों को इलाज के लिए महंगा खर्च वहन न करना पड़े। मुझे विश्वास है कि इस प्रकार की पहल से सभी श्रमिकों खासकर लघु और मझौले क्षेत्र के सभी श्रमिकों को लाभ मिलेगा। इस तरह के उपायों से हम ऐसे सभी लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा का एक न्यूनतम स्तर सुनिश्चित करना चाहते हैं।
एक बार फिर मैं सभी पुरस्कर विजेताओं को उनके चयन के लिए बधाई देता हूँ और भविष्य में उनकी प्रगति और भारत के लोगों की सेवा में उपलब्धियों के उच्चतम स्तर प्राप्त करने की कामना करता हूँ। मैं आशा करता हूँ कि इन पुरस्कारों से अन्य लोगों को और अधिक प्रयास करने की प्रेरणा मिलेगी।
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