पत्रिकाओं में विविधतापूर्ण सामग्री समाहित हो- श्री नागेन्द्र सिंह
पत्रिकाओं में विविधतापूर्ण सामग्री समाहित हो- श्री नागेन्द्र सिंह
जनअपेक्षाओं के अनुरूप चलना मीडिया की मजबूरी- श्री राहुल देव
भोपाल : 26 अगस्त, 2007
समाचार पत्रों और विशेषकर पत्रिकाओं में जनअभिरूचियों के परिप्रेक्ष्य में विविधतापूर्ण पाठय सामग्री समाहित की जानी चाहिए। राजनैतिक और सामाजिक क्षेत्रों के साथ ही समाज का ध्यान अन्य ऐसे विषयों की ओर भी आकृष्ट किया जाना चाहिए जो विकास को लेकर भविष्य की संभावनाओं से जुड़े हैं। यह विचार मंत्री श्री नागेन्द्र सिंह ने आज यहाँ हिन्दी मासिक पत्रिका लाइफ इन्डिया के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए। इस मौके पर केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री सुरेश पचौरी, प्रदेश के मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा और वरिष्ठ पत्रकार श्री राहुल देव भी मौजूद थे।
मंत्री श्री नागेन्द्र सिंह का मानना था कि हर समय सनसनीखेज खबरों के लेखन और इन्हें पढ़ने की चाहत एक प्रवृत्ति नहीं बनना चाहिए। इसके चलते समाज का ध्यान उन वास्तविकताओं और सच्चाईयों की तरफ आकृष्ट नहीं हो पाता जो प्रगति के लिए जरूरी हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश के संदर्भ में कहा कि सरकार और सभी इसे अग्रणी बनाने के लिए प्रयासरत हैं, इसलिए यहाँ चल रही सर्वांगीण विकास की विभिन्न कोशिशों के साथ ही प्रदेश की बेहतर कानून-व्यवस्था का भी उपयुक्त प्रचार-प्रसार होना चाहिए। श्री सिंह ने स्वीकार किया कि समय के साथ अब हिन्दी की पत्रिकाओं का स्तर भी ऊँचा हो चला है। यही वजह है कि कई विदेशी पत्रिकाओं को मात देकर हमारी पत्रिकाओं ने अपना वर्चस्व कायम कर लिया है। जरूरत आज व्यावहारिकता के धरातल पर इन पत्रिकाओं के माध्यम से उपयुक्त वैचारिक संप्रेषण की है।
वरिष्ठ पत्रकार श्री राहुल देव ने कहा कि हिन्दी मासिक पत्रिका का प्रकाशन आज एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि जनअपेक्षाओं के अनुरूप चलना मीडिया की मजबूरी है इसलिए आलोचना की इच्छा न होने के बावजूद इसे अभिव्यक्त करना उसका धर्म है। उन्होंने यह भी माना कि जरूरी नहीं कि हर मौके पर मीडिया द्वारा प्रकाशित या प्रसारित खबरें तथ्यपूर्ण या सत्य हों, लेकिन समय पर और तात्कालिक रूप से उन्हें उजागर करना मीडिया का दायित्व होता है। श्री देव ने कहा कि भारत में आज मीडिया की स्थिति वैश्विक रूप से अभूतपूर्व है क्योंकि किसी भी देश में इतने प्रकाशन और चैनल मौजूद नहीं हैं। बावजूद इसके हमें अपने प्रकाशन के पुराने तौर-तरीकों को बदलकर इन्हें आज की जरूरतों के मुताबिक ढालना होगा। श्री देव ने यह भी कहा कि पत्रिकाओं को सामाजिक, आर्थिक और विकास संबंधी विमर्श का माध्यम भी बनना चाहिए।
कार्यक्रम में केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री सुरेश पचौरी ने कहा कि समाचार चटपटे की बजाय विश्वसनीय ज्यादा होने चाहिये इससे ही इनके प्रकाशन का औचित्य पूरा होता है। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकार को उसके संस्थान के प्रबंधन, प्रसार जैसे दायित्वों से मुक्त रखा जाना चाहिए ताकि उनकी लेखनी सही अर्थों में प्रखर हो सके। इस स्थिति में ही खबर की विश्वसनीयता और सटीकता भी बढ़ती है।
इस मौके पर पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री ध्रुव नारायण सिंह, मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी, पुलिस महानिदेशक श्री आनंद राव पंवार, प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री अरूण भण्डारी समेत बड़ी तादाद में पत्रकार एवं अन्य गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन नव प्रकाशित पत्रिका के संपादक श्री विजयदास ने किया।
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