मानव तस्करी की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना

मानव तस्करी की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना

मानव तस्करी संबंधी दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सम्मेलन कल से

       सरकार ने मानव तस्करी की रोकथाम के लिए कई कदम उठाए हैं । इनमें मानव तस्करी अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी शामिल है ताकि तस्करों और अन्य अपराध करने वालों को पकड़ा जा सके । संशोधन करते समय सरकार ने उन प्रावधानों को वापस लेने का भी प्रस्ताव किया है जो तस्करी के शिकार लोगों को पुन: पीड़ित करते हैं । यह बात महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती रेणुका चौधरी ने मानव तस्करी विषय पर कल शुरू होने वाले दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सम्मेलन की पूर्व संध्या पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही । इस सम्मेलन का आयोजन महिला और बाल विकास मंत्रालय, गृह मंत्रालय और नशीले पदार्थ तथा अपराध संबंधी संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के सहयोग से कर रहा है ।

       महिलाओं और बच्चों की तस्करी पर चिंता व्यक्त करते हुए श्रीमती चौधरी ने कहा कि उनका मंत्रालय तस्करी की रोकथाम और बचाव, पुनर्वास, पीड़ितों को परिवार के साथ फिर से मिलाने तथा विदेशों में भेजी गई महिलाओं और बच्चों की स्वदेश वापसी के लिए एक व्यापक योजना शुरू कर रहा है । उनके मंत्रालय ने तस्करी की रोकथाम के लिए केन्द्रीय सलाहकार समिति का भी गठन किया है । इसमें सभी संबध्द मंत्रालय, राज्यों के मंत्रालय, प्रवर्तन एजेंसियां, अंतर्राष्ट्रीय संगठन और गैर सरकारी संगठन इसके सदस्य होंगे । समिति की हर तिमाही में एक बैठक होगी और उसमें तस्करी के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया जाएगा । श्रीमती चौधरी ने कहा कि सरकार तस्करी की रोकथाम के लिए गृह मंत्रालय के सहयोग से एक राष्ट्रीय कार्ययोजना भी तैयार कर रही है जिसमें महिलाओं और बच्चों की तस्करी की रोकथाम पर विशेष ध्यान दिया जाएगा । उन्होंने कहा कि इस कार्य योजना में सभी प्रकार की तस्करी की रोकथाम के उपाय सुझाए जाएंगे ।

       सीमा पार के पीड़ितों की जल्दी स्वदेश वापसी पर जोर देते हुए श्रीमती रेणुका चौधरी ने कहा कि सीमा पार से तस्करी के मामले पर विशेष ध्यान दिया गया ।  एक बड़ी समस्या यह महसूस की गई  कि सीमा पार तस्करी के पीड़ितों का पता लग जाने के बाद भी वापस भेजने की प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है और यह पीड़ित और परिवार के लिए कष्टप्रद होता है । उन्होंने यह भी बताया कि महिला और बाल विकास मंत्रालय गृह मंत्रालय के सहयोग से बंगलादेश के इन मंत्रालयों के साथ मिलकर एक संयुक्त कार्ययोजना की रूपरेखा तैयार कर रहा है ताकि दोनों देशों के सीमापार तस्करी के पीड़ितों की जल्दी और सुरक्षित वापसी की जा सके ।

       श्रीमती रेणुका चौधरी ने आशा व्यक्त की कि कल से शुरू होने वाले दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सम्मेलन तस्करी के विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने और समस्याओं को हल करने के लिए सहयोग के क्षेत्रीय प्रयास शुरू करने के लिए प्रभावशाली मंच सिध्द होगा ।

       इस अवसर पर गृह राज्यमंत्री श्री मानिक राव एम गावित ने महिलाओं और बच्चों की तस्करी रोकने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा किये गये विभिन्न उपायों की जानकारी दी । इनमें कार्यदलों के गठन, निगरानी एजेंसियों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण शामिल है ।

       संयुक्त राष्ट्र के नशीले पदार्थ और अपराध संबंधी  कार्यालय  के श्री गैरी लुइस ने मानव तस्करी की रोकथाम के लिए विश्वस्तर पर किये जा रहे उपायों की जानकारी दी।

       मानव तस्करी के बारे में इस दो दिवसीय सम्मेलन में सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र के नेताओं और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रतिनिधि भाग लेंगे ।

 

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