जर्मनी ने भारत के कुटीर और लघु उद्योग में गहरी रूचि दिखाई

जर्मनी ने भारत के कुटीर और लघु उद्योग में गहरी रूचि दिखाई

जर्मन संघ के आर्थिक और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में संसदीय राज्य मंत्री श्री हर्टमट शाउर्ते ने आज यहां कुटीर, लघु और मझौले उद्यम मंत्रालय के सचिव डॉ0 चन्द्रपॉल से भेंट की ।

       श्री हर्टमट शाउर्ते ने भारतीय कुटीर, लघु और मझौले उद्यम क्षेत्र, विशेष रूप से कलस्टर विकास कार्यक्रम में गहरी रूचि दिखाई । उन्होंने कहा कि जर्मनी भारत में लघु और मझौले व्यापारों के बारे में सूचना केन्द्र स्थापित कर सकता है । इस प्रकार के केन्द्र उसने चीन, इंडोनेशिया और सिंगापुर में भी खोले हैं । उन्होंने कहा कि उनका देश भारत के कुटीर, लघु और मझौले क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उन्नयन में सहायता कर सकता है ।

       कुटीर, लघु और मझौले उद्यम मंत्रालय में सचिव डॉ0 चन्द्रपॉल ने इस पेशकश का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने कुटीर, लघु और मझौले उद्यम क्षेत्र को बढावा देने के लिए हाल के महीनों में कई कदम उठाए हैं । इनमें कुटीर, लघु और मझौले उद्यम विकास अधिनियम 2006 को कानूनी रूप दिया जाना शामिल है । उन्होंने कहा कि इसका प्राथमिक उद्देश्य लघु और मझौले उद्यमों, खासकर देश के बेरोजगार युवाओं के वास्ते समय पर और आसान त्रऽण सुनिश्चित करने के लिए धन की व्यवस्था करना है ।

       भारत-जर्मन सहयोग का खास तौर पर उल्लेख करते हुए डॉ0 चन्द्रपॉल ने कहा कि अहमदाबाद, इंदौर और औरंगाबाद में भारत-जर्मन सहयोग से खोले गए टूल रूम की गिनती अभी भी सर्वश्रेष्ठ उद्यमों में की जाती है । उन्होंने कहा कि भारत अब भावी पीढी क़ी प्रौद्योगिकी में दिलचस्पी रखता है ।

       इस अवसर पर कुटीर, लघु और मझौले उद्यम मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और विकास आयुक्त श्री जवाहर सरकार तथा मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री सेष कुमार पुलिपाका भी उपस्थित थे ।

 

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