प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गांरटी अधिनियम के विस्तार का अनुरोध

प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गांरटी अधिनियम के विस्तार का अनुरोध

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिवों के एक शिष्टमंडल ने कल यहां प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह से भेंट की और उनसे अनुरोध किया कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का विस्तार समूचे देश में किया जाना चाहिए।

शिष्टमंडल ने देश के उन भागों में भी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का विस्तार करने पर विचार किया, जहां अभी इसे लागू नहीं किया गया है। सदस्यों ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यूपीए सरकार की ये ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए महत्वपूर्ण वायदों और राष्ट्रीय साझा न्यूनतम कार्यक्रम के महत्वपूर्ण सिध्दांतों में से एक है।

       शिष्टमंडल ने इस बात को रेखांकित किया कि इस अधिनियम को पारित किए जाने और देश के कई हिस्सों में लागू किए जाने का पूरे राष्ट्र में व्यापक स्वागत किया गया है। पहली बार देश क गरीब लोगों को वर्ष में कम से कम 100 दिन के लिए न्यूनतम रोजगार प्राप्त करने का कानूनी अधिकार प्राप्त हुआ है। इस कानून ने संकट में फंसे लोगों को राहत प्रदान की है, और इससे ग्रामीण निर्धनों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। जिन लोगों को जीविका का कोई स्रोत उपलब्ध नहीं है, वे इससे राहत प्राप्त कर रहे हैं। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि देश के अन्य भागों में इसे लागू करने की व्यापक मांग की जा रही है। स्वयं इस कानून में यह वायदा किया गया है कि इसका विस्तार समूचे देश में किया जाएगा।

       अधिनियम के अंतर्गत सरकार द्वारा किए गए वायदे और देश के सभी नागरिकों को यह कानूनी अधिकार प्रदान किए जाने की आवश्यकता को देखते हुए कांग्रेस पार्टी के शिष्टमंडल ने सरकार से अनुरोध किया कि सभी बकाया ग्रामीण क्षेत्रों मेें इस अधिनियम का तत्काल विस्तार किया जाए। फिलहाल 330 जिलों में यह कानून प्रभावी है, जिसे देश के सभी 600 जिलों में लागू करने की आवश्यकता है। शिष्टमंडल ने कहा कि ऐसा करना आम आदमी के हित में होगा। इससे गरीबी दूर करने की सरकार की वचनबध्दता और मजबूत होगी, तथा एक महत्वपूर्ण कल्याण उपाय के रूप में इसका व्यापक स्वागत किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस शिष्टमंडल को आश्वासन दिया कि उनके अनुरोध पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि सरकार जल्दी ही इस मामले में फैसला करेगी। 

शिष्टमंडल में श्री राहुल गांधी, श्री वीरप्पा मोइली, श्री अशोक गहलोत, श्री जर्नादन द्विवेदी, श्री किशोर चंद्र देव, श्री मुकुल वासनिक, श्रीमती मागर्ेट अल्वा, श्री पृथ्वीराज चौहान, श्री वी.नारायण स्वामी, श्री सत्यवर्त चतुर्वेदी, श्री वी अरूण कुमार शामिल थे।

 

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