लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन

लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन

राष्ट्र के 61वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह लालकिले की प्राचीर से इस माह की 15 तारीख को राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे । तत्पश्चात वे राष्ट्र को संबोधित करेंगे।

      लाल किले के लाहौरी दरवाजे पर रक्षा मंत्री श्री ए के एंटोनी, रक्षा राज्य मंत्री श्री एम एम पल्लम राजू, रक्षा उत्पादन राज्यमंत्री रॉव इन्द्रजीत सिंह और रक्षा सचिव श्री विजय सिंह प्रधानमंत्री की अगवानी करेंगे । रक्षा सचिव दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल के जे एस ओबरॉय का प्रधानमंत्री से परिचय करवाएंगे । इसके बाद मेजर जनरल ओबरॉय प्रधानमंत्री को लेकर सलामी मंच की ओर प्रस्थान करेंगे । जहा तीनों सेनाओं और पुलिस की संयुक्त टुकड़ी, प्रधानमंत्री को सलामी देगी । इसके बाद प्रधानमंत्री गार्ड आफॅ  ऑनर का निरीक्षण करेंगे ।

      इस सलामी दस्ते में सेना, नौसेना और वायुसेना तथा दिल्ली पुलिस के पांच अधिकारी और 96 जवान शामिल होंगे । इस वर्ष वायु सेना में विंग कमांडर वाई एम नाडकर्नी इस सलामी दस्ते का नेतृत्व करेंगे । इस दस्ते में थलसेना की टुकड़ी का नेतृत्व मेजर रवि कुमार माने, सेना मेडल, वायुसेना का स्कवाड्रन लीडर कामरान नजीर, नौसेना का लेपिऊट कमांडर आर जय कुमार और पुलिस दल का सहायक पुलिस आयुक्त श्री एम के हैदर करेंगे । स्वतंत्रता के पश्चात से दिल्ली पुलिस के जवान स्वतंत्रता दिवस समारोह में नियमित रूप से भाग लेंते आ रहे हैं और अपनी आकर्षक वेशभूषा और छह फुट से भी ज्यादा ऊंचाई की वजह से अलग ही पहचाने जाते हैं ।

      प्रधानमंत्री सलामी गारद की थलसेना की टुकड़ी में असम रेजीमेंट की छठी बटालियन के जवान होंगे । इस बटालियन की स्थापना शिलांग की हैप्पी वैली में एक अप्रैल, 1964 में हुई थी । 1971 में पाकिस्तान के विरूध्द सैन्य अभियान में पाकिस्तान सेना की नाटोर गैरीसन की समूची यूनिट से अपने बलबूते पर समपर्ण करवाने का श्रेय इस बटालियन को प्राप्त है । पाकिस्तान की इस गैरीसन के 5500 अधिकारियों और जवानों ने संपूर्ण अस्त्र-शस्त्र के साथ इस बटानियन के समक्ष आत्म-समपर्ण किया था । असम रेजीमेंट की इस बटालियन को वर्ष 2003-06 के दौरान असम में आतंकवाद निरोधी अभियान में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए जीओसी इन सी उत्तरी कमान की ओर से विशेष सराहना मिली थी । अपनी कर्तव्य निष्ठा, बहादुरी और शौर्य के लिए इस बटालिन को अब तक तीन शौर्य चक्र, छह सेना मेडल, एक अति विशिष्ट सेवा मेडल और दो विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा गया है ।

            गार्ड ऑफ ऑनर के निरीक्षण के बाद प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर पर पहुंचेंगे जहां रक्षा मंत्री, रक्षा राज्यमंत्री, रक्षा उत्पादन राज्य मंत्री एवं नौसेनाध्यक्ष एडमिरल सुरीश मेहता, थलसेनाध्यक्ष जनरल जोगिन्दर जसवंत सिंह और वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल फाली होमी मेजर उनका स्वागत करेंगे ।

      दिल्ली क्षेत्र के जीओसी प्रधानमंत्री को मंच की ओर लेकर जाएंगे जहां राष्ट्रीय ध्वज फहराने में पऊलाइंग लेपिऊटनेंट आर ज्ञाना प्रकाश प्रधानमंत्री की सहायता करेंगे ।

      राष्ट्रीय ध्वजरोहण के दौरान 299 फील्ड रेजीमेंट के बहादुर तोपचालक जवान 21 तोपों की सलामी देंगे । इस तोपचालक बैटरी की कमान लेपिऊट. कर्नल मनु मोहन करेंगे । तोप संचालन अधिकारी कैप्टन समीर कालिया होंगे । बैंड द्वारा राष्ट्रीय गान की धुन बजाने के साथ ही तोपों की सलामी दी जाएगी ।

      राष्ट्रीय ध्वज सलामी गारद के दस्ते में भी थलसेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस के जवान सम्मलित होंगे । इस संयुक्त दस्ते की कमान विंग कमांडर राजेश भंडारी संभालेंगे । प्रत्येक दस्ते में एक अधिकारी और 32 जवान होंगे । दस्ते में नौसेना की टुकड़ी का नेतृत्व लेपिऊट. कमांडर मनीष गुप्ता , थलसेना का लेपिऊट. राजेन्द्र नेगी और वायुसेना का स्कवाड्रन लीडर सचिन गुप्ता करेंगे जबकि दिल्ली पुलिस की टुकड़ी का नेतृत्व  अपर पुलिस उपायुक्त श्री एच एस धालीवाल करेंगे ।

      राष्ट्रीय ध्वज सलामी गारद के दस्ते में शामिल थलसेना की टुकड़ी सिक्ख रेजीमेंट की 20वीं बटालियन से है । टावरिंग ट्वेन्टी के नाम से विख्यात इस बटालियन की स्थापना एक मार्च, 1976 में की गई थी । पैदल सेना की इस बटालियन को विश्व के सर्वाधिक उंचे युध्द क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में दो बार अपनी सेवाएं देने का विशिष्ट सम्मान हासिल है । इस यूनिट का एक अति विशिष्ट सेपा मेडल, तीन शौर्य चक्र, 14 सेना मेडल, चार मेन्शन इन डिस्पैच और कई प्रशंसा पत्र मिल चुके हैं ।

      प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ ही वायुसेना का बैंड राष्ट्रीय गान की धुन बजाएगा और राष्ट्रीय ध्वज सलामी गारद राष्ट्रीय सलामी देगी । वायुसेना बैंड का नेतृत्व जूनियर वारंट आफिसर अलफ्रेड करेंगे । सलामी गारद प्राचीर के नीचे स्थित खंदक के ठीक सामने मौजूद होगी ।

      ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करेंगे । प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद स्कूली छात्र और एनसीसी  कैडेट राष्ट्र गान गाएंगे ।

      ध्वजारोहण समारोह में राष्ट्रीय कैडेट कोर के दिल्ली निदेशालय के थलसेना, नौसेना, वायुसेना और छात्राओं की शाखा के लगभग 1000 जूनियर डिवीजन कैडेट  हिस्सा लेंगे । ये कैडेट स्कूल के छात्रों के साथ मिलकर देशभक्ति के गीत भी गाएंगे ।

      इस समारोह में शिक्षा निदेशालय दिल्ली के अंतर्गत 32 सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की 3550 छात्राएं राष्ट्रगान गाएंगी । ये छात्राएंमुख्य समारोह शुरू होने से पूर्व विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में गीत भी गाएंगी । ये बच्चे केसरिया, सफेद और हरे रंग की पोशाक में होंगे । दिल्ली के 30 विभिन्न स्कूलों के लगभग 5000 छात्र समारोह में दर्शक के रूप में मौजूद रहेंगे ।

 

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