देशज परम्पराओं से ही होगा खेती-किसानी और गाँवों का विकास
देशज परम्पराओं से ही होगा खेती-किसानी और गाँवों का विकास
कृषि मंत्री चौ. चन्द्रभान सिंह द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधन
संजय गुप्ता (मांडिल) ब्यूरो चीफ मुरैना
मुरैना 18 अगस्त07 । मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड द्वारा आयोजित गौविज्ञान, जैविक खेती तथा पंचगव्य पर आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी के दूसरे दिन मुख्य अतिथि कृषि मंत्री चौधरी चन्द्रभान सिंह ने कहा कि भारतीय ग्रामीण परिस्थितियों में देशज और पारम्परिक प्रविधियों के जरिये ही खेती-किसानी और गांवों की तरक्की की जा सकती है। पूर्व में उन्होंने दीप जलाकर दूसरे दिन के तकनीकी सत्र का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कानपुर गौशाला के महामंत्री श्री पुरुषोत्तम तोषणीवाल ने की।
कृषि मंत्री ने कहा तत्काल लाभ के लालच में हमने रासायनिक खेती का जो रास्ता पकड़ा था उसका अंत किसानों की आत्महत्याओं के रूप में सामने आया है। उन्होंने कहा कि हमारे गांवों में हमारा पशुधन ही विकास का मुख्य आधार है, जबकि स्थिति यह आ चुकी है कि आज भारत की तुलना में विदेशों में गाय को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। कृषि मंत्री श्री चौधरी ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तावित कामधेनु विश्वविद्यालय की स्थापना की संभावनाओं पर और ज्यादा जोर देते हुए कहा कि खेती-किसानी की पारम्परिक तकनीकों को आम बोलचाल की भाषा में और बहुत ही सरल सुबोध तरीके से किसानों को समझाने की आवश्यकता की दृष्टि से इस विश्वविद्यालय की स्थापना और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है। उन्होंने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये मंडी बोर्ड से आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया।
इस सत्र में डॉ. आर.के. पाठक, चीफ कन्सल्टेंट, नेशनल हार्टिकल्चर मिशन नई दिल्ली द्वारा जैविक खेती की उपयोगिता और डॉ. चंद्रशेखर नौटियाल, नेशनल बाटनिकल रिसर्च इंस्टीटयूट, लखनऊ द्वारा तथा डॉ. जी.एस. कौशल कृषि विभाग म.प्र. द्वारा जैविक खेती पर व्याख्यान प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर श्री अरुण डिके, श्री अजित केलकर, श्री श्रीकांत जमींदार, श्री दिलिप सिंह तोमर, श्री गोवर्धन तिवारी तथा मध्यप्रदेश गौसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष तथा जीवजंतु कल्याण संस्थान चैन्नई के प्रभारी सदस्य श्री महेन्द्र बम द्वारा जैविक कृषि पर अपने विचार और अनुभव प्रगट किये गये।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशुधन बोर्ड के अध्यक्ष श्री मेघराज जैन, बोर्ड के सदस्यगण, प्रबंध संचालक श्रीमती शिखा दुबे एवं गौपालन और गौशालाओं से जुड़े अनेक प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
टिप्पणियाँ