जननी सुरक्षा योजना के दो साल पूरे: साढ़े छ: लाख महिलाओं ने लाभ उठाया

जननी सुरक्षा योजना के दो साल पूरे: साढ़े छ: लाख महिलाओं ने लाभ उठाया

संजय गुप्‍ता (मांडिल) ब्‍यूरो चीफ मुरैना

मुरैना 18 अगस्‍त07 । मध्यप्रदेश में संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के लिए संचालित की जा रही जननी सुरक्षा योजना का लाभ अब तक छ: लाख 57 हजार 331 गर्भवती महिलाओं ने उठाया है। राज्य में 15 अगस्त 2005 से प्रारंभ हुई इस योजना को लागू हुए दो साल पूरे हो गये हैं। यह योजना शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी निरंतर सफल हो रही है।

जननी सुरक्षा योजना के तहत एक अप्रैल 2006 से 31 मार्च 2007 की अवधि तक तीन लाख 97 हजार 442 महिलाएं लाभान्वित हुई थी। बाद में एक अप्रैल 2007 से 30 जून तक कुल एक लाख 89 हजार 7 महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है।

मुख्य बिन्दु

  • जनरल वार्ड में भर्ती सभी महिलाओं को लाभ
  • ग्रामीण क्षेत्र के लिए 1400 रुपये
  • शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये
  • वर्ष 2006-07 में 3,97,442 महिलाएं लाभान्वित
  • अब तक 6,57,331 महिलाओं को लाभ मिला
  • प्रथम तीन माह में 1,89,007 महिलाएं लाभान्वित
  • ग्रामीण क्षेत्र में प्रेरक को 600 रुपये

नये दिशा निर्देशों के तहत अब सरकरी अस्पतालों के जनरल वार्ड में भर्ती होकर प्रसव कराने वाली सभी महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा है। साथ ही योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को मिलने वाली राशि में भी वृध्दि की गई है। ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को अब 700 के स्थान पर 1400 रुपये दिये जा रहे हैं। इसी तरह शहरी क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को भी 1000 रुपये की नगद सहायता दी जा रही है। इसके साथ ही जो व्यक्ति महिला को लेकर अस्पताल आता है, ऐसे व्यक्ति को ग्रामीण क्षेत्र के लिये 600 रुपये तथा शहरी क्षेत्र के लिए 200 रुपये दिये जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने की इस योजना की पात्रता में हुए संशोधन के बाद योजना का लाभ उठाने वाली गर्भवती महिलाओं की संख्या निरंतर बढ़ रही है। मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए संचालित दो योजनाएं जननी सुरक्षा तथा प्रसव हेतु परिवहन एवं उपचार योजना प्रमुख है। इन दोनों ही योजनाओं का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य एवं शिशु स्वास्थ्य की देखभाल तथा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन के पश्चात ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती माताएं शासकीय संस्थाओं में बड़ी संख्या में अपनी जांच एवं प्रसव के लिए आ रही हैं।

जननी सुरक्षा योजना का अधिक हितग्राहियों को लाभ मिले इसके लिए पात्रता संबंधी कई शर्तों को शिथिल करने के अच्छे परिणाम सामने आ रहे है। नये निर्देशों के तहत शासकीय अस्पतालों के जनरल वार्डों में भर्ती होकर प्रसव कराने वाली सभी महिलाएं जहां लाभान्वित हो सकेगी, वहीं पूर्व में हुए संशोधनों के तहत आयु सीमा भी समाप्त की गई है। बच्चों की संख्या की सीमा भी खत्म की जा चुकी है।

 

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