मातावसैया गांव में किया चिकित्सक दल तैनात
मातावसैया गांव में किया चिकित्सक दल तैनात
मुरैना, 31 अगस्त। मुख्य चिकित्सा एवं सवास्थ्य अधिकारी डा. विकास दुबे ने बताया कि मातावसैया ग्राम में स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण एवं सुधार की ओर है। गांव में बीमारी की सूचना मिलते ही 16 अगस्त से खण्ड स्तरीय चिकित्सक दल पूरे समय ग्राम में रहकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रहा है। जिले के वरिश्ठ अधिकारियों के मार्गदर्षन में जिले का चिकित्सक दल भी नियमित गांव का भ्रमण कर बीमारी की स्थिति पर सतत निगरानी रखे हुए है। गांव में जगह जगह पायरेथिरम का छिड़काव किया गया एवं टेमीफोस घरों ेक आसपास छिड़क वाई गई है। अब तक कुल 508 रोगियों का परीक्षण चिकित्सकों द्वारा किया गया। जिसमें समस्त रोगियों की स्लाइड बनाई गई है। सलाइड में पांच रोगी मलेरिया पीड़ित पाए गए, जिनको तुरंत मलेरिया का उपचार किया गया।
संचालक स्वास्थ्य सेवाऐं भोपाल डा. अषोक षर्मा एवं संयुक्त संचालक ग्वालियर संभाग डा. एसके मीणा ने बीते रोज मातावसैया गांव का भ्रमण कर चिकित्सा व्यवस्थ्ज्ञाओं का अवलोकन किया। रोगियों के परीक्षण उपरांत चिकित्सकों के मतानुसार यह मौसमी बुखार है। जो एक निर्धारित समय में ठीक हो जाता है। उक्त रोग फैलने का कारण गंदगी जगह जगह भरा हुआ पानी एवं व्यक्तिगत साफ सफाई न रखना है। तापमान में बदलाव भी इस बुखार को फैलाने में सहायक होता है। जिला चिकित्सालय में उपचारित मातावसैया के सभी रोगियों का स्वास्थ्य सुधार की ओर है तथा कोई भी रोगी गंभीर स्थिति में नहीं है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अपील की है कि मौसमी बुखार से बचने हेतु अपने आस पास गंदा पानी एकत्रित न होने दें, कूड़ों के ढेर की सफाईरखें, नालियों में पानी भरा न रहने दें, घरों में टूटे फूटे कवाड़ को एकत्रित न होने दें, व्यक्तिगत साफ सफाई काध्यान रखे,ं सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। इसे अलावा व्यक्तिगत बचाव के अन्य साधन जैसे क्रीम, ऑलआउट एवं ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध नीम के पत्तों का धूंआ भी किया जा सकता है। उपरोक्त सावधानियां बरतने की स्थिति में मौसमी बुखार से बचा जा सकता है। फिर भी बुखार आता है तो तुरंत चिकित्सक को दिखाकर उपचार कराऐं एवं मलेरिया की जांच कराऐं।
मुरैना, 31 अगस्त। मुख्य चिकित्सा एवं सवास्थ्य अधिकारी डा. विकास दुबे ने बताया कि मातावसैया ग्राम में स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण एवं सुधार की ओर है। गांव में बीमारी की सूचना मिलते ही 16 अगस्त से खण्ड स्तरीय चिकित्सक दल पूरे समय ग्राम में रहकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रहा है। जिले के वरिश्ठ अधिकारियों के मार्गदर्षन में जिले का चिकित्सक दल भी नियमित गांव का भ्रमण कर बीमारी की स्थिति पर सतत निगरानी रखे हुए है। गांव में जगह जगह पायरेथिरम का छिड़काव किया गया एवं टेमीफोस घरों ेक आसपास छिड़क वाई गई है। अब तक कुल 508 रोगियों का परीक्षण चिकित्सकों द्वारा किया गया। जिसमें समस्त रोगियों की स्लाइड बनाई गई है। सलाइड में पांच रोगी मलेरिया पीड़ित पाए गए, जिनको तुरंत मलेरिया का उपचार किया गया।
संचालक स्वास्थ्य सेवाऐं भोपाल डा. अषोक षर्मा एवं संयुक्त संचालक ग्वालियर संभाग डा. एसके मीणा ने बीते रोज मातावसैया गांव का भ्रमण कर चिकित्सा व्यवस्थ्ज्ञाओं का अवलोकन किया। रोगियों के परीक्षण उपरांत चिकित्सकों के मतानुसार यह मौसमी बुखार है। जो एक निर्धारित समय में ठीक हो जाता है। उक्त रोग फैलने का कारण गंदगी जगह जगह भरा हुआ पानी एवं व्यक्तिगत साफ सफाई न रखना है। तापमान में बदलाव भी इस बुखार को फैलाने में सहायक होता है। जिला चिकित्सालय में उपचारित मातावसैया के सभी रोगियों का स्वास्थ्य सुधार की ओर है तथा कोई भी रोगी गंभीर स्थिति में नहीं है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अपील की है कि मौसमी बुखार से बचने हेतु अपने आस पास गंदा पानी एकत्रित न होने दें, कूड़ों के ढेर की सफाईरखें, नालियों में पानी भरा न रहने दें, घरों में टूटे फूटे कवाड़ को एकत्रित न होने दें, व्यक्तिगत साफ सफाई काध्यान रखे,ं सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। इसे अलावा व्यक्तिगत बचाव के अन्य साधन जैसे क्रीम, ऑलआउट एवं ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध नीम के पत्तों का धूंआ भी किया जा सकता है। उपरोक्त सावधानियां बरतने की स्थिति में मौसमी बुखार से बचा जा सकता है। फिर भी बुखार आता है तो तुरंत चिकित्सक को दिखाकर उपचार कराऐं एवं मलेरिया की जांच कराऐं।
टिप्पणियाँ