स्व-सहायता समूह की महिलायें सशक्त बनें और परिवार की स्थिति में सुधार लायें - श्रीमती गीता हर्षाना समाज में महिलाओं की ताकत ही परिवार का विकास कर सकती है -चंबल कमिश्नर श्री मिश्रा
Sanjay gupta Mandil, MORENA/ प्रदेश सरकार हर परिवार को खुशहाल देखना चाहती है, परिवार को खुश रखने में
महत्वपूर्ण भूमिका महिलाओं की होती है। इसके लिये प्रदेश सरकार स्व-सहायता
समूहों के माध्यम से महिलाओं को संबल प्रदान कर रही है। जिससे वे महिलायें
आत्मनिर्भर बन सके और परिवार के गृहस्थ जीवन संचालन में पति की सहयोगी बन
सके। स्व-सहायता समूह सशक्त बनें और समूह से जुड़ी महिलाओं के परिवार की
स्थिति में सुधार लायें। चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आरके मिश्रा ने कहा कि
समाज में महिलाओं की ताकत ही परिवार का विकास कर सकती है। उन्होंने कहा कि
महिलायें तभी सशक्त हो सकती है, जब वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर
अपने अधिकारों का उपयोग करें। यह बात जिला पंचायत की प्रशासकीय समिति की
अध्यक्ष श्रीमती गीता हर्षाना और चंबल कमिश्नर श्री आरके मिश्रा ने रविवार
को जिला स्तरीय स्व-सहायता समूह को संबोधित करते हुये टाउनहॉल मुरैना में
कही। इस अवसर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री तरूण भटनागर,
अतिरिक्त जिला सीईओ, डीपीएम सहित जिला पंचायत के अन्य अधिकारी, कर्मचारी
एवं मुरैना जिले के स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलायें उपस्थित
थी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये चंबल कमिश्नर श्री
आरके मिश्रा ने कहा कि भारत में गरीबी से मुक्ति हेतु यह एक अभियान है।
जिसमें भारत सरकार द्वारा संस्थागत विकास के माध्यम से आजीविका गतिविधियों
को तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराते हुये एक संपूर्ण मिशन संचालित किया गया है।
जिसमें ऐसे परिवार जो सामाजिक और आर्थिक संसाधनों से परिपूर्ण नहीं है।
उन्हें संस्थागत, वित्त, आजीविका की विभिन्न प्रकल्पों के माध्यम से
सामाजिक और आर्थिक विकास करते हुये संवहिनीय आजीविका उपलब्ध कराना है। इसके
लिये समाज में महिलाओं की भागीदारी सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि
केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा स्व-सहायता समूहों को सशक्तिकरण करने के लिये
कटिबद्ध है। जहां तक की मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की
तरक्की के लिये महिलाओं की भागीदारी पर विशेष जोर दे रहे है। उन्होंने कहा
कि समाज में महिलाओं की ताकत ही परिवार का विकास है। स्व-सहायता समूह के
द्वारा ही महिला सशक्तिकरण का विकास संभव है।
चंबल कमिश्नर श्री
मिश्रा ने कहा कि आज जो परिवारों में ताकत दिख रही है वह महिलाओं का सशक्त
सहयोग है। इसके लिये कई उदाहरण प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा एलईडी के
माध्यम से हम सभी को दिखाये गये है। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों से
जुड़ी महिलायें को हजारों, लाखों, करोड़ों के फायदे हो रहे है। समूहों से
अन्य महिलायें भी जुड़े, परिवार और प्रदेश को सशक्त बनायें। मैं उम्मीद
करता हूं कि समूह के माध्यम से आप सभी सशक्त बनें। यह मेरी ही नहीं प्रदेश
के मुख्यमंत्री जी की मंशा है। सरकार आपके साथ है, आपको और आपके परिवार को
मजबूत करने में प्रदेश सरकार प्रयत्नशील है। प्रदेश सरकार हर परिवार को
खुशहाल देखना चाहती है। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहांे से महिलायें के
जुड़ने से अब उनके परिजनों को मजदूरी कार्य के लिये बाहर नहीं जाना पड़
रहा है। अब उन्हें घर पर ही रोजगार के साधन उपलब्ध होने लगे है। कई
महिलायें समूहों से जुड़कर सिलाई, साड़ी की दुकान, पान की दुकान जैसे अनेको
रोजगार खोल चुकी है। इनमें उनके परिजन भी हाथ बटा रहे है। आजीविका मिशन ने
लोंगो की जिंदगी बदल दी है। प्रदेश में 33 लाख महिलायें स्व-सहायता समूहों
से जुड़ चुकी है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये जिला पंचायत के
मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री तरूण भटनागर ने कहा कि स्व-सहायता समूह को
आगे बढ़ने के लिये स्थानीय स्तर पर उद्योग लगायें। इसके लिये प्रदेश सरकार
ऋण बतौर बहुत कम ब्याज दर पर ऋण दे रही है। जिसमें सरसों का तेल, बाजरे से
मुर्गी दलिया (दाना), ब्रेकरी, मास्क, सैनेटाइजर, गणवेश, दौना पत्तल, कालीन
जैसे उद्योग लगा सकती है।
कार्यक्रम के अंत में चंबल कमिश्नर
द्वारा मुरैना जिले के 75 स्व-सहायता समूहों को सीसीएल राशि 75 लाख रूपये
का चैक ऋण बतौर समूहों को दिया। जिससे वे स्थानीय स्तर से लोकल का वोकल
बनाकर प्रधानमंत्री के सपनों को साकार कर सकें। कार्यक्रम में स्व-सहायता
समूह की दीदियों ने भी अपने बनाये गये समूह द्वारा एक्टिविटी को बताया एवं
समूह बनाते समय कठिनाईयों को भी जिला प्रशासन के संज्ञान में लाई।
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