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मार्च 4, 2007 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योगों की स्थापना के लिये अधोसंरचना सहित सभी सुविधाएं दी जायेंगी

सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योगों की स्थापना के लिये अधोसंरचना सहित सभी सुविधाएं दी जायेंगी मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा आई.टी. कांफ्रेंस में घोषणा मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योगों की स्थापना के लिये प्रदेश सरकार अधोसंरचना सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास करेगी जिससे ज्यादा से ज्यादा आई.टी. पर आधारित उद्योगों की प्रदेश में स्थापना हो सके। श्री चौहान आज यहां होटल नूर-उस-सबा में प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग , नेसकाम और कम्प्यूटर सोसायटी आफ इंडिया के सहयोग से आयोजित आई.टी. पर आधारित उद्योगों में निवेश पर आयोजित '' डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश '' कांफ्रेंस को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय , मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी , नेसकाम के अध्यक्ष श्री किरण कार्णिक और सी.एस.आई. के श्री ए.के. अग्रवाल ने भी सूचना प्रौद्योगिकी के विस्तार के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये। श्री चौहान ने कहा कि आई.टी. पर आधारित उद्योगों की

शिकायत निवारण प्राधिकरण द्वारा 11 हजार प्रकरण निराकृत

शिकायत निवारण प्राधिकरण द्वारा 11 हजार प्रकरण निराकृत राज्य सरकार द्वारा नर्मदा घाटी परियोजनाओं से प्रभावित परिवारों की पुनर्वास संबंधी शिकायतों के न्यायपूर्ण निराकरण के लिए गठित शिकायत निवारण प्राधिकरण द्वारा अब तक 11 हजार 88 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है। प्राधिकरण को अब तक 17626 आवेदन प्राप्त हुये है। उल्लेखनीय है कि पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री रविन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में गठित शिकायत निवारण प्राधिकरण द्वारा नर्मदा संकुल की इंदिरा सागर और आेंकारेश्वर परियोजनाओं सहित अन्य परियोजनाओं के विस्थापितों की शिकायतों की सुनवाई की जाती है। प्राधिकरण में अध्यक्ष के अतिरिक्त एक प्रशासनिक और एक न्यायिक सदस्य है। स्वतंत्र रूप से कार्यरत इस प्राधिकरण के निर्णय शासन के लिए बंधनकारी है। ज्ञात हो कि राज्य में निर्माणाधीन नर्मदा घाटी की परियोजनाओं में प्रभावित परिवारों की सर्वाधिक संख्या इंदिरा सागर परियोजना में है। परियोजना प्रभावित 40 हजार से अधिक परिवारों का पुनर्वास किया गया है इसी प्रकार ओंकारेश्वर परियोजना प्रभावित 1500 परिवारों का पुनर्वास हो चुका है। विस्थापित

विज्ञान लोक कल्याण तथा जन समस्याओं के समाधान में मददगार बने

विज्ञान लोक कल्याण तथा जन समस्याओं के समाधान में मददगार बने भारतीय विज्ञान सम्मेलन 2007 की उद्धोषणा के अवसर पर : डॉ. माधवन नायर ाुप्रसिध्द वैज्ञानिक तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. जी. माधवन नायर ने कहा है कि आजादी के बरसों बाद भी हमारे देश के ग्रामीण अंचलों में पेयजल , स्वच्छता तथा शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। अत: यह जरूरी है कि विज्ञान और तकनालॉजी का व्यापक उपयोग दैनिक जनजीवन की समस्याओं के समाधान के लिये किया जाय तथा विज्ञान , शिक्षा और अनुसंधानों का ज्यादा से ज्यादा लाभ देश के विकास और तरक्की के कार्यों को मिले। श्री नायर ने आगामी नवंबर माह में भोपाल में आयोजित होने वाले भारतीय विज्ञान सम्मेलन 2007 की उद्धोषणा के समारोह में यह उद्गार व्यक्त किये। इस अवसर पर परम कम्प्यूटर के जनक डा. विजय भाटकर विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महानिदेशक मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद डॉ. महेश शर्मा ने की। कार्यक्रम का शुभांरभ डॉ. नायर ने दीप प्रज्वालित कर किया। मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में डॉ. माधवन नायर न

जनसम्पर्क विभाग में सात संभागीय कार्यालय स्थापित

जनसम्पर्क विभाग में सात संभागीय कार्यालय स्थापित संभागीय कार्यालयों में कार्यालय प्रमुख संयुक्त संचालक होंगे राज्य शासन द्वारा मंत्रि परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार जनसंपर्क विभाग में सात जिलों , ग्वालियर , सागर , इंदौर , रीवा , जबलपुर , भोपाल और उज्जैन में संभागीय कार्यालय स्थापित किए गए हैं। इस आशय के आदेश आज जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी कर दिए गए हैं। इन सातों संभागीय कार्यालयों के अंतर्गत आने वाले जिला जनसंपर्क कार्यालय इस प्रकार होंगे। संभागीय कार्यालय इंदौर के अंतर्गत धार , खरगौन , झाबुआ , खण्डवा , बड़वानी और बुरहानपुर जिला जनसंपर्क कार्यालय होंगे। संभागीय कार्यालय जबलपुर के अंतर्गत कटनी , सिवनी , छिन्दवाड़ा , बालाघाट , नरसिंहपुर , मण्डला और डिण्डोरी जिला जनसंपर्क कार्यालय होंगे। संभागीय कार्यालय ग्वालियर के अंतर्गत गुना , शिवपुरी , दतिया , मुरैना , श्योपुर , भिण्ड और अशोकनगर जिला जनसंपर्क कार्यालय होंगे। संभागीय कार्यालय भोपाल के अंतर्गत बैतूल , रायसेन , राजगढ़ , सीहोर , विदिशा , होशंगाबाद और हरदा जिला जनसंपर्क कार्यालय होंगे। संभागीय कार्यालय उ

जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों की कार्यशाला सम्पन्न

जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों की कार्यशाला सम्पन्न मध्यप्रदेश में भूतपूर्व सैनिकों के पुनर्वास और कल्याण के लिए व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं। केन्द्रीय सैनिक बोर्ड की नई दिल्ली में पिछले दिनों आयोजित 27 वीं बैठक में गृह एवं जनसंपर्क राज्यमंत्री श्री नागेन्द्र सिंह ने प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के अनेक सुझाव रक्षामंत्री को प्रस्तुत किये हैं। यह जानकारी संचालक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर एस. दासगुप्ता (से.नि.) आज प्रदेश में जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों की कार्यशाला में दी। कार्यशाला में कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा की गई। कार्यशाला में बताया गया कि प्रदेश में सैनिकों की भर्ती के निर्धारित कोटे में वृध्दि करने , प्रदेश में ई.सी.एच.एस. पॉलीटेक्निक्स की वृध्दि करने , इ.सी.एच.एस. अस्पताल के लिये स्थानीय अस्पतालों को अधिकृत किया जाना , भूतपूर्व सैनिकों की यात्रा के लिये फार्म डी जारी करने , प्रदेश के 19 जिलों में ही एन.सी.सी. यूनिटें हैं अत: सभी जिलों में एन.सी.सी. की तथा जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों को शासकीय वाहन उपलब्ध कराए जाने के सुझाव केन्द्र

सूचना प्रौद्योगिकी में निवेश की संभावना तलाशें : सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय

सूचना प्रौद्योगिकी में निवेश की संभावना तलाशें : सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश शासन एवं नैसकॉम तथा सी.एस.आई. भोपाल चेप्टर के तत्वावधान में संयुक्त रूप से एक इंटरेक्टिव मीट का आयोजन आज यहां होटल नूर-उस-सभा में किया गया , जिसमें कि आई.टी. # बी.पी.ओ. में निवेश की संभावना को तलाशने के लिए चर्चा की गई। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय उद्धाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे। डॉ. किरन कार्निक , अध्यक्ष , नैसकॉम तथा प्रतिष्ठित आई.टी. कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिनमें टी.सी.एस. , माइक्रोसाफ्ट , एजीस , जेनर टेक्नोलॉजी , ऑटोडेस्क , अरेना मल्टीमीडिया एवं जैनपेक्ट आदि प्रमुख हैं। मुख्य चर्चा का विषय मध्यप्रदेश में निवेश की नई संभावनाओं को तलाशना , मानव संसाधनों की उपलब्धता तथा आई.टी. उद्योग के लिए आवश्यक अधोसंरचना था। श्री कैलाश विजयवर्गीय ने मध्यप्रदेश में उपलब्ध मानव संसाधनों को रेखांकित करते हुए मध्यप्रदेश में उद्योग के विकास के लिए उपयुक्त वातावरण से अवगत कराया तथा शासन की ओर सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं एवं निवेश के अव

स्वतंत्रता दिवस पर बंदियों को सजा में छूट

स्वतंत्रता दिवस पर बंदियों को सजा में छूट जेल विभाग द्वारा आदेश जारी राज्य शासन ने स्वतंत्रता दिवस , 15 अगस्त पर प्रदेश की जेलों में परिरूध्द विभिन्न श्रेणियों के बंदियों को सजा में छूट देने के आदेश जारी किये हैं। यह छूट उन बंदियों को दी जायेगी जो राज्य के दाण्डिक अधिकारिता के न्यायालयों द्वारा दोषसिध्द ठहराये गये हैं और जो राज्य की अथवा अन्य राज्य की जेलों में बंद हैं। इस संबंध में जेल विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार 18 दिसम्बर 1978 के पूर्व आजीवन कारावास की सजा से दण्डित उन बंदियों को बिना शर्त छोड़ दिया जायेगा जिन्होंने परिहार एवं विचाराधीन कालावधि को सम्मिलित करते हुए 15 वर्ष की सजा भुगत ली हो। 18 दिसम्बर 1978 के बाद आजीवन कारावास से दण्डित उन कैदियों को बिना शर्त मुक्त किया जायेगा जिन्होंने विचाराधीन कालावधि को सम्मिलित करते हुए 14 वर्ष का दण्डादेश भुगत लिया हो तथा 15 अगस्त 2007 को परिहार को शामिल करते हुए दण्डादेश के 20 वर्ष पूर्ण कर लिये हों। उन सभी महिला बंदियों को छोड़ दिया जायेगा जिन्हें आजीवन कारावास से दोषसिध्द नहीं किया गया हो और जिन्हो

इन्दौर में जैव प्रौद्योगिकी इकाई की स्थापना

इन्दौर में जैव प्रौद्योगिकी इकाई की स्थापना राज्य शासन के जैव विविधता एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में जैव प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योगों का आगमन प्रारंभ हो गया है। इस दिशा में इन्दौंर में एडवांस एन्जाईम टेक्नालॉजी ठाणे (मुम्बई) द्वारा जैव प्रौद्योगिकी आधारित उद्योग की स्थापना की जा रही है। परियोजना के प्रथम चरण में पन्द्रह करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है और ऐसी संभावना है कि यह इकाई आगामी माह के अंतर्गत कार्य करना प्रारंभ कर देगी। प्रथम चरण में 25-30 करोड़ प्रतिवर्ष के उत्पादन होने की संभावना है। इस चरण में एन्जाईम परमेंटेंशन तकनीक पर आधारित कार्य किया जावेगा। इस समय 12 विशेषज्ञों की एक टीम कार्यरत हैं जिसमें माइक्रोबायोलॉजिस्ट , फूड टेक्नॉलाजिस्ट , केमिकल इंजीनियर , बायोटेक्नॉलाजिस्ट , बायोकेमिस्ट , प्रबंधक सम्मिलित हैं। परियोजना के दूसरे चरण में 35 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। इससे उत्पादन बढ़कर 90 करोड़ रुपये होना संभावित है तथा फरमेंटेशन आधारित एन्जाईम का उत्पादन किया जावेगा। प्रथम चरण में 25-30 व्यक्तियों को रोजगा

वृक्षों की रक्षा करेंगे तो वृक्ष हमारी रक्षा करेंगे-उद्योग मंत्री श्री गौर

वृक्षों की रक्षा करेंगे तो वृक्ष हमारी रक्षा करेंगे-उद्योग मंत्री श्री गौर प्रदेश में दस करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा करेंगे-स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. मिश्रा वृक्षों की हम रक्षा करेंगे तो वृक्ष हमारी रक्षा करेंगे। जिन क्षेत्रों में पर्यावरण का विनाश किया गया है वहां पर आज पानी का संकट , शुध्द हवा का संकट जैसी गंभीर चुनौतियां समाने आ रही है। हम प्राचीन काल से पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहे है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी निष्ठा रही है। प्रदेश के उद्योग मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने आज तात्या टोपे स्टेडियम टी.टीनगर में मौजूद स्कूल छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए इस आशय की बात कहीं। स्कूल शिक्षा , वन विभाग और मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हरियाली महोत्सव के कार्यक्रम में उद्योग मंत्री श्री गौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने की और कार्यक्रम में महापोर श्री सुनील सूद विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री गौर ने कहा कि आज स

इसरो और मध्यप्रदेश शासन के बीच प्राकृतिक संसाधन और सूचना प्रणाली को सुदृढ़ करने का फैसला

इसरो और मध्यप्रदेश शासन के बीच प्राकृतिक संसाधन और सूचना प्रणाली को सुदृढ़ करने का फैसला मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा ' इसरो ' के अध्यक्ष डॉ. नायर के साथ चर्चा मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक संसाधनों और सूचना प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए ' इसरो ' का सहयोग लेगी। उन्होंने कहा कि विज्ञान को आम आदमी से जोड़कर उसे समृध्दि का लाभ दिलाने के लिए काम करने की आवश्यकता है। वैज्ञानिकों का यह दायित्व है कि वे वैज्ञानिक विधियों को सहज और सरल भाषा में प्रस्तुत कर उसे जनसामान्य , किसानों और छोटे शिल्पकारों के लिए उपयोगी बनाने में सहयोग करें जिससे प्रदेश में आर्थिक समृध्दि लाई जा सके। श्री चौहान आज यहाँ मुख्यमंत्री निवास में भोपाल में आयोजित भारतीय विज्ञान सम्मेलन- 2007 की संचालन समिति को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गनाईजेशन ' इसरो ' के अध्यक्ष डॉ. जी. माधवन् नायर और सुप्रसिध्द वैज्ञानिक और सी-डेक पुणे के पूर्व अध्यक्ष श्री विजय भाटकर और अन्य वैज्ञानिक उपस्थित थे। श्री चौहान ने कहा कि भ

कृषि की ''आत्मा'' योजना अब सभी जिलों में लागू

कृषि की '' आत्मा '' योजना अब सभी जिलों में लागू प्रदेश में कृषि विभाग की ' आत्मा ' ( एग्रीकल्चर टेक्नालॉजी मैनेजमेंट एजेंसी) अब प्रदेश के सभी 48 जिलों में लागू की जा रही है। योजना के तहत राज्य के अंश की राशि के रूप में एक करोड़ 12 लाख रूपये का प्रावधान किया जाना प्रक्रियाधीन है। यह योजना कृषक कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा संचालित की जा रही है। किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं में सहभागी बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2005-06 में आत्मा योजना का प्रस्ताव कर भारत सरकार को प्रेषित किया गया था। इस प्रस्ताव के अनुसार प्रदेश में कृषि विस्तार सेवाओं में सुधार , कृषि तकनीकी प्रसार पध्दतियों में सुधार , किसानों की विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति तथा कृषि विभाग के अमले को सक्षम बनाना है। इसके अनुसार प्रदेश में लागू की जाने वाली कृषि योजनायें शासन स्तर पर तैयार की जाकर कृषि विभाग के क्षेत्रीय अमले को क्रियान्वयन के लिए सौंप दी जाती है। इस प्रक्रिया से किसानों को वास्तविक आवश्यकता की अनदेखी होती है। कृषि योजनायें चूकि ग्रामीण कृषकों के हित में बनाई