एटीएम मसीन बनी सो पीस, प्राय: देखने को मिलती है गढ़बढ़ियां
एटीएम मसीन बनी सो पीस, प्राय: देखने को मिलती है गढ़बढ़ियां
केबिन के अंदर लगी रहती है लोगों की भीड़
केबिन गेट के लॉक भी टूटे हुए
गार्ड फरमाते है खाली समय में एटीएम केबिन में आराम
आसामाजिक तत्व षाम को करते है एटीएम में मदिरापान
मुरैना, अगस्त। मुरैना षहर में लगे एटीएम में अब गढ़बढ़ियों की षिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। एटीएम में नोट नकली निकलने एवं उसमें कैष समाप्त होना प्राय: आम बात हो गयी हैं। इसके अलावा एटीएम केबिन में लोगों की भीड़ लगी रहती हैं। जिससे लोगों को पैसा निकालने में भारी परेषानी आती हैं। कभी - कभी तो ये मषीने षो पीस बनने का ही काम करती हैं। और षाम ढलते ही आसामाजिक तत्व इन एटीएम केबिनों में मदिरापान भी करते है।
गौरतलब है कि मुरैना में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर, ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स, बड़ौदा बैंक, आईसीआईसीआई आदि बैकों के एटीएम मषीन कार्यरत हैं। इनमें सबसे ज्यादा भीड़ स्टैट बैंक ऑफ इंडिया एवं इंदौर बैंक के एटीएम में ग्राहकों की काफी भीड़ रहती हैं। लेकिन इन्हीं दोनों बैंकों के एटीएम में अक्सर गढ़बढ़ी रहती हैं। अमूमन हर एक दो दिन बाद उसमें कैष समाप्ह हो जाता हैं। मषीन में समय पर कैष नहीं डाला जाता है। इसके अलावा कई बार एटीएम मषीन से नकली नोट निकलने के मामले भी प्रकाष में आए हैं। उधर नियमानुसार एटीएम के केबिन में पैसे निकालते समय सिर्फ एक व्यक्ति ही होना चाहिए। लेकिन यहॉ पर केबिन लोगों से भरा रहता हैं। जिससे लोगों को पैसे निकालने में काफी परेषानी का सामना करना पड़ता है। एटीएम केबिन के अंदर जाने के लिए हमें गेट में अपना एटीएम कार्ड डालना होता है। पर मुरैना के एटीएम में लॉक ही टूटा हुआ है। जिससे पैसे निकालने वाले केबिन के अंदर भीड़ लगाते हैं। हालांकि एटीएम मषीन की सुरक्षा के लिए वहां पर गार्ड तैनात किए गए है। पर वह भी कभी - कभी नजर आते है। पर गार्ड के होने ना होने से कोई अंतर नजर नहीं आता दिखता। गार्ड तो केवल एक दर्षक की भांति होता है। वह केबिन में लोगों की भीड़ को देखता तो रहता है। पर उन्हें भीड़ लगाने से रोकता नहीं है। यही कारण है कि एटीएम केबिन में जो एयरकंडीषनर भी लगाए गए है, प्राय: वह बंद ही रहते है। कभी - कभी तो उनमें छेड़छाड़ करने की षिकायत भी मिलती रहीं है। इन सब को रोकना गार्ड का काम है। पर वह भी अपना काम करने की वजाय इधर - उधर घूमते रहते हैं। और जब एटीएम केबिन लोगों की भीड़ से खाली हो जाता है। तो उसमें अपनी कुर्सी डालकर आराम फरमाने लगते हैं। जबकि एटीएम केबिन के अंदर सिर्फ कार्डधारी ग्राहक की जा सकता है। इस बारे में एक तथ्य यह भी है कि षाम ढलते ही असामाजिक तत्व एटीएम में उपलब्ध एयरकंडीषनर की सुविधा की चलते मंदिरा पान करने के लिए एटीएम केबिन का उपयोग करना चाहते है। जब गार्ड इन लोगों को रोकना चाहते है तो ये तत्व मारपीट पर अमादा हो जाते है।
केबिन के अंदर लगी रहती है लोगों की भीड़
केबिन गेट के लॉक भी टूटे हुए
गार्ड फरमाते है खाली समय में एटीएम केबिन में आराम
आसामाजिक तत्व षाम को करते है एटीएम में मदिरापान
मुरैना, अगस्त। मुरैना षहर में लगे एटीएम में अब गढ़बढ़ियों की षिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। एटीएम में नोट नकली निकलने एवं उसमें कैष समाप्त होना प्राय: आम बात हो गयी हैं। इसके अलावा एटीएम केबिन में लोगों की भीड़ लगी रहती हैं। जिससे लोगों को पैसा निकालने में भारी परेषानी आती हैं। कभी - कभी तो ये मषीने षो पीस बनने का ही काम करती हैं। और षाम ढलते ही आसामाजिक तत्व इन एटीएम केबिनों में मदिरापान भी करते है।
गौरतलब है कि मुरैना में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर, ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स, बड़ौदा बैंक, आईसीआईसीआई आदि बैकों के एटीएम मषीन कार्यरत हैं। इनमें सबसे ज्यादा भीड़ स्टैट बैंक ऑफ इंडिया एवं इंदौर बैंक के एटीएम में ग्राहकों की काफी भीड़ रहती हैं। लेकिन इन्हीं दोनों बैंकों के एटीएम में अक्सर गढ़बढ़ी रहती हैं। अमूमन हर एक दो दिन बाद उसमें कैष समाप्ह हो जाता हैं। मषीन में समय पर कैष नहीं डाला जाता है। इसके अलावा कई बार एटीएम मषीन से नकली नोट निकलने के मामले भी प्रकाष में आए हैं। उधर नियमानुसार एटीएम के केबिन में पैसे निकालते समय सिर्फ एक व्यक्ति ही होना चाहिए। लेकिन यहॉ पर केबिन लोगों से भरा रहता हैं। जिससे लोगों को पैसे निकालने में काफी परेषानी का सामना करना पड़ता है। एटीएम केबिन के अंदर जाने के लिए हमें गेट में अपना एटीएम कार्ड डालना होता है। पर मुरैना के एटीएम में लॉक ही टूटा हुआ है। जिससे पैसे निकालने वाले केबिन के अंदर भीड़ लगाते हैं। हालांकि एटीएम मषीन की सुरक्षा के लिए वहां पर गार्ड तैनात किए गए है। पर वह भी कभी - कभी नजर आते है। पर गार्ड के होने ना होने से कोई अंतर नजर नहीं आता दिखता। गार्ड तो केवल एक दर्षक की भांति होता है। वह केबिन में लोगों की भीड़ को देखता तो रहता है। पर उन्हें भीड़ लगाने से रोकता नहीं है। यही कारण है कि एटीएम केबिन में जो एयरकंडीषनर भी लगाए गए है, प्राय: वह बंद ही रहते है। कभी - कभी तो उनमें छेड़छाड़ करने की षिकायत भी मिलती रहीं है। इन सब को रोकना गार्ड का काम है। पर वह भी अपना काम करने की वजाय इधर - उधर घूमते रहते हैं। और जब एटीएम केबिन लोगों की भीड़ से खाली हो जाता है। तो उसमें अपनी कुर्सी डालकर आराम फरमाने लगते हैं। जबकि एटीएम केबिन के अंदर सिर्फ कार्डधारी ग्राहक की जा सकता है। इस बारे में एक तथ्य यह भी है कि षाम ढलते ही असामाजिक तत्व एटीएम में उपलब्ध एयरकंडीषनर की सुविधा की चलते मंदिरा पान करने के लिए एटीएम केबिन का उपयोग करना चाहते है। जब गार्ड इन लोगों को रोकना चाहते है तो ये तत्व मारपीट पर अमादा हो जाते है।
टिप्पणियाँ