भ्रष्टाचारमुक्त खुशहाल देश बनाने का सपना जीवटता से पूरा करें - राज्यपाल

भ्रष्टाचारमुक्त खुशहाल देश बनाने का सपना जीवटता से पूरा करें - राज्यपाल डॉ. जाखड़ का आव्हान

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की सम्मान निधि चार हजार से बढ़ाकर छह हजार करने की घोषणा

राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ ने स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर भोपाल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान समारोह में आव्हान किया कि वे देश को भ्रष्टाचारमुक्त और खुशहाल बनाने का सपना उसी जीवटता के साथ पूरा करें जिस जीवटता के साथ स्वाधीनता के लिये सेनानियों ने बलिदान दिये हैं। आपने अमरशहीद भगत सिंह और अशफाक उल्लाह खाँ की माता जी के साथ के संस्मरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि हम सब उनके ज़ज्बे और भावनाओं के प्रति नतमस्तक हैं। आपने कहा कि स्वाधीनता के लिये उन्होंने भी डंडे खाये हैं। हमने लोगों की आंखों में आंसू नहीं लहू देखा है। आपने समारोह में उपस्थित स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रध्दा व्यक्त करते हुए कहा कि आज उनकी उपस्थिति हमारी प्रेरणा के लिये जरूरी है ताकि हम उसी जूनून के साथ देश के विकास के लिये, धार्मिक सहिष्णुता के लिये और आपसी भाईचारे के लिये काम कर सकें।

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आजादी की लड़ाई में भाग लेने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की सम्मान निधि को चार हजार से बढ़ाकर छह हजार करने की घोषणा की है। श्री चौहान आज यहां रवीन्द्र भवन में दैनिक सांध्य प्रकाश द्वारा आयोजित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ और मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का शाल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया।

श्री चौहान ने आजादी की लड़ाई में शहीद हुए अमर सेनानियों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति नमन करते हुए कहा कि उनके त्याग और बलिदान से हमें आजादी मिली है। आजादी की लड़ाई के समय देश पर मर मिटने की जरूरत थी किंतु आज देश के नवनिर्माण के लिये जीने की जरूरत है। ईमानदारी, लगन और निष्ठा से दीन-दुखियों की सेवा करने की आवश्यता है। श्री चौहान ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में बनाये गये कानूनों को बदला जायेगा। पुलिस एक्ट को भी बदला जा रहा है। श्री चौहान ने कहा कि आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले सेनानियों को भी सम्मानित किये जाने पर विचार किया जा रहा है।

श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों को सलामी देने की परंपरा को समाप्त किया जा रहा है। प्रजातंत्र में जनता ही मालिक होती है। सलामी के काम में लगने वाले पुलिस कर्मी कानून एवं व्यवस्था के काम में लगाये जायेंगे। शासकीय वाहनों में लाल बत्ती लगाने की भी समीक्षा की जायेगी। आम जनता को जिससे तकलीफ हो ऐसी पुरानी परंपराओं को बदला जायेगा। विशिष्ट व्यक्तियों के लिये यातायात नहीं रोका जाना चाहिये इससे आम जनता को तकलीफ होती है। कार्यक्रम को संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा, भोपाल के महापौर श्री सुनील सूद, नगरनिगम के अध्यक्ष श्री रामदयाल प्रजापति ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के सूत्रधार श्री भरत पटेल ने पधारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रबंध संपादक श्रीमती भारती पटेल ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अनेक बुजुर्ग स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान उनके स्थान पर जाकर किया। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर को भी शाल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह से अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के साथ सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री सुंदरलाल पटवा, वित्त मंत्री श्री राघवजी सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

 

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