नाभिकीय ईंधन उत्पादन, भारी जल इत्यादि बनाने वाले औद्योगिक संस्थाओं की सेवाएं जनोपयोगी सेवाएं बनी रहेंगी

नाभिकीय ईंधन उत्पादन, भारी जल इत्यादि बनाने वाले औद्योगिक संस्थाओं की सेवाएं जनोपयोगी सेवाएं बनी रहेंगी

परमाणु ईंधन और उपकरण, भारी जल और सहयोगी रसायन तथा परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करने वाले औद्योगिक संस्थाओं की सेवाएं औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत 26 अगसत, 2007 से अगले छह महीनों के लिए जनोपयोगी सेवाएं बनी रहेंगी । श्रम मंत्रालय द्वारा यहां जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह कदम जनहित में उठाया गया है । केन्द्र सरकार इसके पहले उपरोक्त सेवाओं को 26 फरवरी, 2007 से छह महीने के लिए जनोपयोगी सेवाओं के रूप में घोषित कर चुकी है । परिणामस्वरूप इस उद्योग के कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने के छह सप्ताह पहले अपने नियोक्ता को नोटिस देना होगा ताकि बातचीत के जरिये समाधान की करवाई शुरू की जा सके । समाधान की कारवाई के दौरान और इसके समापन के सात दिन बाद तक कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकते ।

 

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