इसरो और मध्यप्रदेश शासन के बीच प्राकृतिक संसाधन और सूचना प्रणाली को सुदृढ़ करने का फैसला
इसरो और मध्यप्रदेश शासन के बीच प्राकृतिक संसाधन और सूचना प्रणाली को सुदृढ़ करने का फैसला
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा 'इसरो' के अध्यक्ष डॉ. नायर के साथ चर्चा
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक संसाधनों और सूचना प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए 'इसरो' का सहयोग लेगी। उन्होंने कहा कि विज्ञान को आम आदमी से जोड़कर उसे समृध्दि का लाभ दिलाने के लिए काम करने की आवश्यकता है। वैज्ञानिकों का यह दायित्व है कि वे वैज्ञानिक विधियों को सहज और सरल भाषा में प्रस्तुत कर उसे जनसामान्य, किसानों और छोटे शिल्पकारों के लिए उपयोगी बनाने में सहयोग करें जिससे प्रदेश में आर्थिक समृध्दि लाई जा सके। श्री चौहान आज यहाँ मुख्यमंत्री निवास में भोपाल में आयोजित भारतीय विज्ञान सम्मेलन-2007 की संचालन समिति को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गनाईजेशन 'इसरो' के अध्यक्ष डॉ. जी. माधवन् नायर और सुप्रसिध्द वैज्ञानिक और सी-डेक पुणे के पूर्व अध्यक्ष श्री विजय भाटकर और अन्य वैज्ञानिक उपस्थित थे।
श्री चौहान ने कहा कि भारतीय विज्ञान सम्मेलन में जो निर्णय लिये जाएंगे उनके निष्कर्षो को मध्यप्रदेश में क्रियान्वित किया जएगा। भोपाल में आयोजित विज्ञान सम्मेलन को मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिक पंचायत की संज्ञा देते हुए आशा व्यक्त की कि सम्मेलन के मंथन से जो अमृत निकलेगा उसका लाभ प्रदेश के नागरिकों को भी मिलेगा।
'इसरो' के अध्यक्ष डॉ. माधवन् के साथ हुई बैठक में 'इसरो' और मध्यप्रदेश शासन के बीच प्राकृतिक संसाधनों और सूचना प्रणाली को सुदृढ़ करने का निर्णय लिया गया। डॉ. माधवन नायर ने बताया कि 'इसरो' तकनीकी जानकारी मध्यप्रदेश को उपलब्ध कराएगा। डॉ. नायर ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि देश में एक हजार विलेज रिसोर्स सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसरो द्वारा डिजिटल मेपिंग के माध्यम से गाँव का डाटा, नक्शे और अन्य जानकारी कम्प्यूटर के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है, जिसका लाभ प्रदेश सरकार ले सकती है। कम्प्यूटर के माध्यम से शिक्षा देने का काम भी 'इसरो' करेगा। इसरो द्वारा 30 लाख लोगों को कम्प्यूटर से शिक्षित किया गया है। देश में चार हजार केन्द्र 'इसरो' चला रहा है। डॉ. नायर ने बताया कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत द्वारा जो शोध किए गए हैं उससे आम लोगों को परिचित कराने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने डॉ. माधवन् नायर से कहा कि मध्यप्रदेश भौगोलिक रूप से देश के केन्द्र में होने के कारण 'इसरो' की जो गतिविधियाँ बढ़ेंगी उसका लाभ आसपास के राज्यों को भी मिलेगा। इस दृष्टि से मध्यप्रदेश में 'इसरो' अपनी गतिविधियों का विस्तार कर सकता है। प्रदेश सरकार 'इसरो' को सभी आवश्यक सुवधिएँ उपलब्ध कराएगी। प्रदेश में टेलीमेडीसिन के नए प्रोजेक्ट का भी विस्तार किया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 'इसरो' के अध्यक्ष डॉ. माधवन् नायर और प्रो. विजय भाटकर का सम्मान किया। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक प्रो. महेश शर्मा, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.बी. शर्मा, प्रमुख सचिव विज्ञान और प्रौद्योगिकी श्री आई.एस. दाणी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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