कृषि की ''आत्मा'' योजना अब सभी जिलों में लागू

कृषि की ''आत्मा'' योजना अब सभी जिलों में लागू

प्रदेश में कृषि विभाग की 'आत्मा' (एग्रीकल्चर टेक्नालॉजी मैनेजमेंट एजेंसी) अब प्रदेश के सभी 48 जिलों में लागू की जा रही है। योजना के तहत राज्य के अंश की राशि के रूप में एक करोड़ 12 लाख रूपये का प्रावधान किया जाना प्रक्रियाधीन है। यह योजना कृषक कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा संचालित की जा रही है।

किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं में सहभागी बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2005-06 में आत्मा योजना का प्रस्ताव कर भारत सरकार को प्रेषित किया गया था। इस प्रस्ताव के अनुसार प्रदेश में कृषि विस्तार सेवाओं में सुधार, कृषि तकनीकी प्रसार पध्दतियों में सुधार, किसानों की विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति तथा कृषि विभाग के अमले को सक्षम बनाना है।

इसके अनुसार प्रदेश में लागू की जाने वाली कृषि योजनायें शासन स्तर पर तैयार की जाकर कृषि विभाग के क्षेत्रीय अमले को क्रियान्वयन के लिए सौंप दी जाती है। इस प्रक्रिया से किसानों को वास्तविक आवश्यकता की अनदेखी होती है।

कृषि योजनायें चूकि ग्रामीण कृषकों के हित में बनाई जाती है इसलिए उन्हें इसका सीधा लाभ मिले तथा जो योजनाये बनाई जाये वे ग्राम स्तर पर ही बनें। 'आत्मा' योजना में यह प्रावधान किया गया है कि ग्राम स्तर पर गठित कृषकों की समिति द्वारा योजनायें तैयार की जायेगी जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।

'आत्मा' योजना प्रथम चरण में 15 जिलों में लागू की गई थी। इन जिलों में एग्रीकल्चर टेक्नालॉजी मैनेजमेंट एजेंसी (आत्मा) गठित की गई थी। योजना के तहत वर्ष 2005-06 में 95.28 ललाख रूपये तथा 2006-07 में 43.46 लाख रूपये व्यय किये गये है।

इस वर्ष से यह योजना प्रदेश के शेष सभी 33 जिलों में भी लागू की जा रही है। इसके लिए राज्यांश के रूप में एक करोड़ 12 लाख रूपये का प्रावधान किया जाना प्रक्रियाधीन है। योजना में 10 प्रतिशत राज्यांश तथा शेष राशि केन्द्र द्वारा प्रावधानित की जायेगी।

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