बरगी जलाशय के आस-पास बसे व निचले क्षेत्र के निवासियों को वर्षा काल में सतर्क रहने की सलाह

बरगी जलाशय के आस-पास बसे व निचले क्षेत्र के निवासियों को वर्षा काल में सतर्क रहने की सलाह
संजय गुप्‍ता(मांडिल) मुरैना ब्‍यूरो चीफ 17जून08/रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना पुनर्वास संभाग बरगी हिल्स जबलपुर के कार्यपालन यंत्री ने बरगी जलाशय के आस-पास बसे सभी ग्राम वासियों और बांध के निचले क्षेत्रों के नदी तटों तथा घाटों का उपयोग करने वाले स्नानार्थियों को वर्षा ऋतु में नदी के जलस्तर बढ़ने से होने वाले खतरों के मद्देनजर आगाह किया है।
कार्यपालन यंत्री ने बरगी जलाशय के आस-पास बसे ग्रामवासियों को सतर्क रहने के लिये आगाह करते हुये कहा है कि वे जलाशय के पूर्ण जलस्तर एवं अधिकतम जलस्तर के मध्य प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश नहीं करें। यदि प्रतिबंधित क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से अस्थाई निर्माण बनाये गये हो या कृषि व्यवसाय किया जा रहा हो, तो उन्हें वर्षा काल के पहले निर्माण संरचना और कब्जा तत्काल ही हटा लेना चाहिये। साथ ही डूब क्षेत्र में असुरक्षित स्थानों में बसे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गयी है।
बरगी बांध के निचले क्षेत्रों के नदी तटों एवं घाटों का उपयोग करने वाले स्नानार्थियों एवं व्यवसायी बन्धुओं की जानकारी के लिये बताया गया कि वर्षाकाल में बरगी बांध के जल द्वार किसी भी समय खोले जा सकते हैं, जिसके कारण जलस्तर बढ़ सकता है। अत: जान-माल की सुरक्षा के लिये वर्षाकाल में घाटों का उपयोग अत्यन्त सावधानी पूर्वक करना चाहिये। प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना देना, किसी सामाजिक या धार्मिक कार्य के लिये एकत्र होना पूरी तरह से वर्जित किया गया है।
यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करता है और किसी तरह की जान-माल की हानि होती है तो ऐसी क्षति के लिये प्रशासन की किसी भी प्रकार से जिम्मेदारी नहीं होगी।
ज्ञातव्य है कि रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना (बरगी बांध) के जलाशय को प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष 2008 में पूर्ण जल स्तर 422.76 मीटर तक भरा जाना है। अत्याधिक वर्षा होने की स्थिति में बांध का जल स्तर 424.28 मीटर तक बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति में जलाशय के चारों तरफ (पेरीफेरी) और निचले क्षेत्र में जल स्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की स्थिति निर्मित हो सकती है। अतिवर्षा के समय घाटों का उपयोग नहीं करने की सलाह भी दी गयी है। जलाशय के जल भराव से आस-पास का क्षेत्र दलदली हो जाता है।

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