1857 के मुक्ति संग्राम के डेढ़ सौ वर्ष को समारोह पूर्वक मनाया जाएगा

1857 के मुक्ति संग्राम के डेढ़ सौ वर्ष को समारोह पूर्वक मनाया जाएगा

स्वाधीनता संग्राम में म.प्र. के योगदान को रेखांकित करने 50 फेलोशिप, स्वतंत्रता की 60वीं वर्ष गांठ पर मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा शहीदों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का पुण्य स्मरण

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि 1857 के मुक्ति संग्राम के डेढ़ सौ वर्ष पूरे होने पर मध्यप्रदेश में समारोह पूर्वक आयोजन किया जाएगा। स्वाधीनता संग्राम में मध्यप्रदेश के समग्र योगदान को रेखांकित करने के लिए 50 फेलोशिप स्थापित की जायेगी ताकि 1857 के पहले उस दौरान तथा देश को आजादी मिलने तक का लेखा-जोखा तैयार किया जा सके। पांच लाख रूपये की एक 'राष्ट्रीय स्वाधीनता फैलोशिप' स्थापित की जाएगी। 10 मई 2007 को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की स्मृति में पूरे प्रदेश में ग्राम सभाओं का विशेष आयोजन किया गया था। 1857 के अमर रणबांकुरों पर विशेष चित्रकथाओं का प्रकाशन किया जाएगा। 'वतन का राग' के माध्यम से आजादी के यादगार तराने देश-प्रदेश में गूंज रहे हैं। आजादी की संघर्ष कथाओं पर आधारित कार्यक्रम 'हिन्दोस्तां हमारा' शीध्र प्रारंभ किया जाएगा। श्री चौहान आज यहां मोतीलाल नेहरू स्टेडियम पर स्वतंत्रता की 60वीं वर्ष गांठ पर ध्वजा रोहण तथा भव्य परेड की सलामी लेने के बाद प्रदेश के नागरिकों को संबोधित कर रहे थे।

श्री चौहान ने अपने संदेश में प्रदेश के तीब्र विकास की प्रतिबध्दता को दोहराया है। अधोसंरचना के विकास के लिए सड़क, बिजली और सिंचाई के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। खेती को लाभप्रद बनाने, महिला सशक्तिकरण,औद्योगिक विकास, ग्रामीण विकास,शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। किसानों, वनवासियों, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यकों, संगठित तथा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, शासकीय कर्मचारियों, पेंशनरो, शिक्षकों और पंचायत कर्मियों की लंबित समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। 32 हजार कि.मी. लंबाई की अच्छी सड़के, 2400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन क्षमता और 4 लाख हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता निर्मित होने से प्रदेश की पहचान तेजी से बढ़ते हुए प्रदेश की बनी है। आगामी वर्षों में भी इन योजनाओं पर बड़े पैमाने पर काम जारी रहेगा। पंचवर्षीय योजना में 8 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इंदिरा सागर के बाद अब ओंकारेश्वर और अमरकंटक ताप विद्युत गृह से विद्युत उत्पादन शुरू किया गया है। सिंचाई परियोजनाओं के डूब क्षेत्र में प्रभावितों तथा विकास योजनाओं के लिए जमीन देने वाले किसानों के योगदान को ध्यान में रखते हुए उन्हें पर्याप्त मुआवजे की व्यवस्था की गई है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान किसानों को राहत राशि में दो गुनी वृध्दि की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क गणवेश, पाठय पुस्तकें, साइकिल की सुविधा, प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं तथा शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों के निर्माण और शासकीय अस्पतालों में नि:शुल्क दवाओं की आपूर्ति करके उपलब्धि अर्जित की है। शिक्षा के लोकव्यापीकरण के लिए आठवीं कक्षा तक के सभी एक करोड़ 12 लाख बच्चों को मुफ्त किताबें दी जा रही हैं। 55 लाख बालिकाओं को नि:शुल्क गणवेश और दूसरे गांव के स्कूल में नौवी कक्षा की पढ़ाई के लिए जाने वाली सभी लड़कियों को मुफ्त साइकिलें दी जा रही हैं। अनुसूचित वर्ग की लड़कियों को मुफ्त साइकिल की सुविधा छठवीं कक्षा से दी जा रही है। गांव की बेटी योजना में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाली सभी बालिकाओं को कालेज की पढ़ाई के लिए 500 रूपये प्रति माह छात्रवृत्ति दी जा रही है। शाला के बाहर रहने वाले गांव के 96 हजार बच्चों को गैर आवासीय ब्रिज कोर्स शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कुशल आर्थिक प्रबंधन के कारण विभिन्न विकास विभागों के लिये दोगुनी राशि तक के लिये उपलब्ध कराई गई है। राज्य की वित्तीय स्थिति में बहुत अधिक सुधार हुआ है। आधारभूत सुविधाओं के विस्तार से खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश में वृध्दि हो रही है। अनेक देश और विदेश के उद्योगपति प्रदेश में निवेश के लिए उत्सुक है। आगामी अक्टूबर माह में इन्दौर में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट आयोजित की जा रही है। प्रदेश में सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग विकास अधिनियम के प्रभावशील हो जाने से इन उद्योगों के विकास में मदद की जा सकेगी। श्री चौहान ने कहा कि चुनाव के समय किसानों को सुविधाएं देने के लिए जो वायदे किए थे उन्हें पूरा किया गया है। खेती के लिए सहकारी ऋणों की ब्याज दर घटाकर 7 प्रतिशत की गई है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा किसानों को बिजली की बढ़ाई गई दरों का बोझ न पड़े इसके लिए सरकार किसानों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए विद्युत कंपनियों को 617 करोड़ रूपये का अनुदान देगी। किसानों के लिये खेत तालाब योजना, बलराम ताल योजना तथा प्रत्येक विधानसभा में पांच छोटी सिंचाई योजनाओं का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सिंचाई क्षमता का पूरा उपयोग करने के लिये कमांड एरिया विकसित करने का कार्यक्रम पुन: प्रारंभ किया गया है। अधूरी सिंचाई योजनाओं को पूरा किया गया है। उद्वहन सिंचाई योजनाओं के संधारण और संचालन का दायित्व पुन: जल संसाधन विभाग को दिया गया है। इससे एक लाख हैक्टेयर भूमि में सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराया जायेगा।

 

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