मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजनांतर्गत नौ लाख त्रिरेसठ हजार नौ सौ भूमिहीन श्रमिक पंजीकृत

मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजनांतर्गत नौ लाख त्रिरेसठ हजार नौ सौ भूमिहीन श्रमिक पंजीकृत
संजय गुप्‍ता (मांडिल),मुरैना ब्‍यूरो
मुरैना 27फरवरी,08/किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा भूमिहीन खेतिहार मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ''मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना 2007'' को प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया है। इसमें ऐसे सम2स्त खेतीहर मजदूर जिनके परिवार के किसी भी सदस्य के नाम खेती की भूमि न हो तथा जो जीविकोपार्जन के लिए कृषि, उद्यानिकी वनरोपण तथा वनोपज संग्रह आदि में नियोजित होकर सामान्यत: मध्यप्रदेश के निवासी हो। अभी तक इस योजनांतर्गत 9 लाख 63 हजार 845 भूमिहीन श्रमिकों को पंजीकृत किया गया है।
इस योजनांतर्गत पंजीयन के लिये ग्राम पंचायतों को पंजीकरण के अधिकार दिए गए है। भूमिहीन श्रमिकों के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत करने पर दस रूपये का शुल्क लेकर तीन वर्ष के लिए पंजीकृत किया जावेगा। पंजीयन के बाद ग्राम पंचायते मजदूर को फोटो परिचय पत्र जारी करेगी यदि पंजीयन के समय फोटो उपलब्ध कराना संभव नही हो तो भी पंजीयन किया जा सकेगा किन्तु इस योजनांतर्गत कोई भी आर्थिक सहायता स्वीकृत करने के पूर्व पंजीबध्द व्यक्ति के फोटो प्राप्त कर परिचय पत्र पर उसका प्रमाणीकरण कर दिया जायेगा।
तीन वर्ष बाद तत्समय निर्धारित नवीनीकरण शुल्क लेकर ग्राम पंचायतों द्वारा नियमानुसार पंजीयन का नवीनीकरण किया जा सकेगा। जारी किये गये परिचय पत्र संबंधित के अपात्र होने के पर्याप्त कारण होने पर ग्राम पंचायत द्वारा निरस्त किये जा सकेंगे। ग्राम पंचायत द्वारा पंजीयन का आवेदन अमान्य करने अथवा पात्र पाये जाने पर पंजीयन निरस्त करने के अधिकार के विरूध्द तहसीलदार#नायब तहसीलदार के समक्ष अपील की जा सकेगी। कोई भी व्यक्ति योजना के तहत पात्रता रखने वाले किसी भी मजदूर का पंजीयन निरस्त कराने के लिए तहसीलदार#नायब तहसीलदार को अपील कर सकेगा। तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार ग्राम पंचायत को स्वयं अथवा सूचना प्राप्त होने पर भी पात्र व्यक्तियों#अपात्र व्यक्तियों का पंजीयन करने अथवा अपात्र व्यक्तियों का पंजीयन निरस्त करने संबंधी निर्देश ग्राम पंचायत को दे सकेगा। इस योजना के क्रियान्वयन के लिये मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना निधि की स्थापना की गई है। प्रारंभिक चरण में इस निधि के लिये चार करोड़ की राशि मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड (मण्डी बोर्ड) द्वारा मण्डी फीस के माध्यम से 'कृषि अनुसंधान एवं अधोसंरचना विकास निधि' में प्राप्त होने वाली राशि में से उपलब्ध कराई गई है। योजना के क्रियान्वयन के लिये शेष आवश्यक राशि विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी। इस निधि का संचालन संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। आगामी वर्षों के लिए आवश्यक राशि विभाग के वार्षिक बजट में प्रावधानित कराई जायेगी।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

राज्य सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न

11वीं योजना के दौरान 78,000 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता जोड़ने का प्रस्ताव

आज विद्युत बंद रहेगी