बीमा क्षेत्र में 37 कंपनियों के प्रवेश से इस क्षेत्र में तीव्र गति

नई पेंशन व्यवस्था मई के अंत तक कार्यान्वित होने की संभावना
आर्थिक समीक्षा 2007-2008
28 फरवरी 08/आर्थिक सर्वेक्षण 2007-08 के अनुसार बीमा क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों की संख्या 37 हो गयी है जबकि वर्ष 2000 में इनकी संख्या केवल 6 थी । ये कंपनियां जीवन बीमा, गैर जीवन बीमा और पुर्नबीमा क्षेत्र में कार्य करती हैं । इनमें विशेषत: बीमा करने वाली कंपनियां इस प्रकार से हैं- एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन, कृषि बीमा कंपनी और अन्य दो स्वास्थ्य बीमा कंपनियां हैं । 17 जीवन बीमा कंपनियों में से 15 कंपनियां विदेशी भागीदारों के साथ मिलकर संयुक्त उद्यम चला रही हैं ।
जीवन बीमा उद्योग में कुल अंकित प्रीमियम 34,898 करोड़ रूपए से बढक़र वर्ष 2006-07 में 156,041 करोड़ रूपए हो गया है । रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान जोखिम अंकित प्रथम वर्ष प्रीमियम पिछले वर्ष की इसी अवधि के 44073 करोड़ रूपए की तुलना में 44696 करोड़ रूपए था ।
चालू वित्त वर्ष में गैर जीवन बीमाकर्ताओं ने अप्रैल से नवम्बर, 2007 के दौरान 18509 करोड़ रूपए का प्रीमियम जोखिम अंकित किया था जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 16560 करोड़ रूपए था । टेरिफ मुक्त करने के बाद यद्यपि दरों में कटौती के कारण प्रीमियम की वृध्दि में कमी आई है और जोखिम अंकित पॉलिसियों की संख्या में बढोतरी हुई है ।
इकोनोमिक सर्वे के अनुसार संविधि के तहत गठित बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण आईआरडीए बीमा क्षेत्र की विनियामक संस्था है । चालू वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ने साधारण बीमा क्षेत्र को टैरिफ मुक्त करने, 1 अप्रैल, 2007 से प्रभावी मोटर पुल के निर्माण, लघु बीमा विनियमनों के क्रियान्वयन एवं ग्रामीण व सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े दायित्वों को पूरा करने के लिए संशोधन करने की प्रक्रिया को आगे बढाया है ।
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण पीएफआरडीए ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नयी पेंशन प्रणाली के तहत संचित निधि के प्रबंधन के लिए यथोचित विचार करने के बाद पेंशन निधियों के लिए तीन प्रयोजक नियुक्त किए हैं । ये हैं भारतीय स्टेट बैंक, यूटीआई -एसेट मैंनेजमेंट कंपनी प्राईवेट लिमिटेड और भारतीय जीवन बीमा निगम । एनपीएस की पूरी संरचना के 31 मई, 2008 तक चालू होने की उम्मीद है । आर्थिक सर्वेक्षण का कहना है कि बीमा और पेंशन निधियों की महता बढने क़े कारण सरकारी प्रतिभूति बाजार में तीव्रता और व्यापक व्यापकता आएगी ।
गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के संवर्धन में लगी सभी राज्य सरकारों के प्रयासों के एकीकरण के मद्देनजर आईआरडीए ने राज्य सरकारों से अपनी विविध एजेंसियों के जरिए लघु बीमा की आवधारणा का प्रचार करने के लिए कहा है । 1 फरवरी, 2008 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार नई पेंशन व्यवस्था के अंतर्गत 2 लाख 85 हजार कर्मचारी हैं । सरकारी अंशदान और ब्याज घटक सहित लगभग 1177 करोड़ रूपए पेंशन के खाते में जमा किए गए हैं । 19 राज्य सरकारों ने भी अपने नए भर्ती किये कर्मचारियों के लिए भी ऐसी ही योजनाएं अधिसूचित की हैं

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