भारतीय पूंजी बाजार ने 2007 में नयी ऊंचाई छूई

गत वर्ष की तुलना में 2007 में पूंजी बाजार लगभग दोगुना बढा
28 फरवरी 08/भारतीय पूंजी बाजार ने 2007 के दौरान और अधिक व्यापकता और विस्तार हासिल किया । 2007-08 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार बम्बई स्टाक एक्सचेंज का सूचकांक 2007 की समाप्ति पर 20000 अंक तक पहुंच गया । बम्बई स्टाक एक्सचेंज (बीएससी) के सूचकांक में 2003 के उत्तरार्ध से ही उछाल आ रहा था । नेशनल स्टाक एक्सचेंज का सूचकांक 2007 के अंत में 6100 से ऊपर पहुंच गया । दोनों सूचकांक 2003 और 07 के बीच तीन गुणे से भी अधिक बढ गए । भारतीय पूंजी बाजार में व्यवसाय की वृध्दि के साथ-साथ पिछले कुछ वर्षों में विनियामक और निरीक्षण मानदण्डों में सुधार हुआ है जिससे बाजार की मजबूती और स्थायित्व सुनिश्चित हुआ है ।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार द्वितीयक बाजार के खण्ड में बाजार कार्यकलाप का 2007-08 के दौरान और विस्तार हुआ । जनवरी, 2008 में बम्बई स्टाक एक्सचेंज और नेशनल स्टाक एक्सचेंज क्रमश: 21000 और 6300 की नई ऊंचाई पर पहुंचे । कैलेण्डर वर्ष 2007 के दौरान नेशनल स्टाक एक्सचेंज के सूचकांकों में निपऊटी और निपऊटी जूनियर दोनों ने क्रमश: 54.8 प्रतिशत और 75.7 प्रतिशत के रिकार्ड वार्षिक इक्विटी प्रतिफल दिए हैं ।
भारत में 2007 के दौरान पूंजी बाजार लगभग दोगुना हो गया । बम्बई स्टाक एक्सचेंज की पूंजी 64,70,881 करोड़ रूपए की हो गयी जबकि बम्बई स्टाक एक्सचेंज की पूंजी 28,61,341 करोड़ रूपए, निपऊटी 35,22,527 करोड़ रूपए और निपऊटी जूनियर 6,43,623 करोड़ रूपए तक पहुंच गई । मूल्य से आय का अनुपात पिछले वर्ष के 21 की तुलना में दिसम्बर, 2007 के आखिर में बढक़र करीब 27 हो गया ।

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