सूचना प्रौद्योगिकी विभाग सीबीआई को सॉफटवेयर उपकरणों के लिए 3.5 करोड़ रूपए देगा

सूचना प्रौद्योगिकी विभाग सीबीआई को सॉफटवेयर उपकरणों के लिए 3.5 करोड़ रूपए देगा

सुरक्षा आश्वासन फ्रेमवर्क के वास्ते रणनीति

       भारत सरकार ने राष्ट्रीय ई-प्रशासन योजना को मंजूरी दी है । इस योजना में 27 मिशन मोड परियोजनाएं, 100,000 आम सेवा केन्द्र, ब्लॉक स्तर से ग्राम स्तर तक वायरलेस कनेक्टिविटी के प्रावधान के साथ ब्लॉक स्तर तक कनेक्टिविटी के लिए स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क, राज्य डाटा केन्द्र शामिल हैं । संचार तथा प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ए राजा ने आज यहां सातवें इंटरपोल साइबर अपराध सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी । उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य सभी सरकारी सेवाएं आम आदमी की पहुंच के अन्दर लाना तथा किफायती लागत पर आम आदमी को ये सेवाएं कुशलतापूर्वक, पारदर्शिता और विश्वसनियता के साथ उपलब्ध कराना है ।

       श्री राजा ने कहा कि इस योजना के कार्यान्वयन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य सुरक्षा, प्राइवेसी आदि के मुद्दों से निबटने की नीतियों, मानकों और प्रणालियों को परिभाषित करना भी है । इन मुद्दों से निबटने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने एक कार्य नीति तैयार की है जिसमें सुरक्षा आश्वासन फ्रेमवर्क, सूचना सुरक्षा में घुसपैठ के मामले में साइबर समुदाय के लिए चेतावनी प्रणाली, कानूनी ढांचा, सूचना सुरक्षा तथा साइबर वैज्ञानिक जाँच के क्षेत्र में अनुसंधान तथा विकास और प्रशिक्षण के बारे में जागरुकता लाना शामिल है ।

       संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को साइबर अपराध से संबंधित मामलों की जाँच पड़ताल में पूरा सहयोग दे रहा है । उन्होंने कहा कि मंत्रालय सीबीआई को 3.5 करोड़ रूपए उपलब्ध कराएगा ताकि ब्यूरो आधुनिकतम सॉपऊटवेयर उपकरण स्थापित कर सके । इससे उनके अधिकारियों को साइबर अपराधों से संबंधित मामलों की जांच पड़ताल के कार्य में प्रशिक्षण दिलाने में मदद मिलेगी और साथ ही इंटरपोल के साथ सूचना के परस्पर आदान-प्रदान में भी सहयोग मिलेगा ।

       श्री राजा ने कहा कि सूचना तथा प्रौद्योगिकी विभाग ने भारत में सीडैक, तिरुवनंतपुरम में साइबर वैज्ञानिक जाँच पड़ताल के लिए एक संसाधन केन्द्र स्थापित किया है । केन्द्र को साइबर वैज्ञानिक जांच पड़ताल उपकरणों का विकास करने और कानून लागू करने वाले लोगों को साइबर अपराधों की जांच पड़ताल में इन उपकरणों के इस्तेमाल के बारे में प्रशिक्षण देने का काम सौंपा गया है ।

       मंत्री महोदय ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 को कानूनी रूप देने के बाद भारत दुनिया के उन कुछ देशों में शामिल हो गया है जिन्होनें साइबर अपराधों से निबटने के लिए विशेष कानून बनाया है । उन्होंने कहा कि दरअसल, पिछले सात सालों के अनुभवों और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय निकायों से प्राप्त जानकारी के आधार पर इस अधिनियम की व्यापक समीक्षा की जा रही है

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

राज्य सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न

11वीं योजना के दौरान 78,000 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता जोड़ने का प्रस्ताव

आज विद्युत बंद रहेगी