भारत में चिकित्सा पर्यटन

भारत में चिकित्सा पर्यटन

1. पर्यटन मंत्रालय ने अगस्त 2006 में नई दिल्ली में अतुल्य भारत: चिकित्सा पर्यटन पुस्तिका और सीडी जारी की । पर्यटन मंत्री श्रीमती अम्बिका सोनी ने इनका विमोचन किया था । इनके अनुपूरक के रूप में इंडियन हेल्थ केयर फेडरेशन (भारतीय उद्योग परिसंघ से सम्बध्द एक गैर-सरकारी संगठन) द्वारा मूल्य श्रृंखला भी जारी की गई । इस मूल्य श्रृंखला में विभिन्न विशेषज्ञताओं और इन पर आने वाले खर्  े साथ-साथ अस्पतालों की सूची भी दी गई थी ।

2. भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने नवम्बर, 2006 में लंदन में आयोजित वर्ल्ड ट्रैवल मार्ट, 2006 में तथा मार्च, 2007 में बर्लिन में आयोजित इंटरनेशनल टूरिज्म बोउर्से (आईटीबी) में भाग लिया । इन आयोजनों में भाग लेने का उद्देश्य भारत को इलाज के मामले में एक नए उभरते गंतव्य के रूप में विज्ञापित करना तथा चिकित्सा पर्यटन पर आने वाले खर्च की जानकारी प्रसारित करना था । भारत के प्रयासों की अच्छी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई और संभावित पर्यटकों, चिकित्सा पर्यटन कंपनियों, स्वास्थ्य बीमा कंपनियों, पर्यटन तथा भ्रमण ऑपरेटरों ने ब्रिटेन में चिकित्सा पर्यटन के संवर्ध्दन के बारे में कई प्रकार की जानकारी प्राप्त की ।

3. पर्यटन मंत्रालय ने फरवरी, 2007 में आयोजित न्यूयार्क टाइम्स ट्रैवल शो में भाग लिया । न्यूयार्क स्थित भारतीय पयर्टन कार्यालय, भारतीय उच्चायोग और भारतीय उद्योग परिसंघ न  ारतीय स्वास्थ्य सेवाओं के संवर्ध्दन तथा देश में निवेश आमंत्रित करने के लिए भी संगोष्ठियां आयोजित कीं ।

4. मेडीकल वीजा की एक नई श्रेणी शुरू की गई है । यह वीजा भारत में इलाज के लिए आने वाले विदेशी पर्यटकों को दिया जा सकता है । शुरूआत में यह वीजा मरीज और उसके एक साथी को एक वर्ष की अवधि के लिए दिया जाता है, जिसे बाद में तीन वर्ष की अवधि के लिए बढाया जा सकता है । लेकिन इसके वास्ते कुछ शर्तों को पूरा करना होगा तथा मान्यता प्राप्त चिकित्सा संस्थानों और संबंधित वीजा प्राधिकरणों द्वारा इसकी अनुशंसा की जानी होगी ।

5. अतुल्य भारत पर विशेष परिशिष्ट: ग्लोबल हेल्थ केयर डेस्टिनेशन - ब्रिटेन के रीडर्स डाइजेस्ट के सभी ग्राहकों को इसकी प्रति वितरित की गई ।

 

       पिछले कुछ वर्षों में भारत में चिकित्सा पर्यटन में तेजी आई है । इसका कारण भारत में किफायती इलाज और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के मामले में भारत का एक आकर्षक स्थल के रूप में उभरना रहा है । वर्ष 2004 में विश्व के विभिन्न देशों से इलाज के लिए लगभग 1,50,000 मरीज भारत आए । इन देशों में अमरीका, ब्रिटेन, मध्य-पूर्व, अफ्रीका, सार्क संगठन के देश शामिल हैं । देश में पिछले वर्ष चिकित्सा पर्यटकों की संख्या मे 20 प्रतिशत की वृध्दि हुई है । वर्ष 2004 में भारत में चिकित्सा पर्यटन का बाजार 3330 लाख अमरीकी डॉलर का था । इसमें 25 प्रतिशत की दर से वृध्दि हो रही है, और अनुमान है कि 2012 तक यह प्रति वर्ष 2 अरब अमरीकी डॉलर मूल्य तक पहुंच जाएगा ।

 

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