श्री श्याम बेनेगल को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार

श्री श्याम बेनेगल को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार

       भारतीय फिल्म जगत की अग्रणी हस्तियों में से एक श्री श्याम बेनेगल को वर्ष 2005 के लिए सम्मानित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना गया है । भारत सरकार की ओर से यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाता है । माननीया राष्ट्रपति महोदया इस वर्ष के अंत में श्री श्याम बेनेगल को एक समारोह में पुरस्कार से सम्मानित करेंगी । पुरस्कार के रूप में 2,00,000 रूपए नकद, एक स्वर्ण कमल और एक शॉल दिया जाता है ।

      श्री बेनेगल को देश के अग्रणी फिल्म निर्माताओं में गिना जाता है । उनकी पहली फीचर फिल्म अंकुर थी, जिसने 1970 के दशक में सिने परम्परा में नए आयाम स्थापित किए थे । पिछले तीन दशकों से उनकी फिल्में भारत और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित की जा चुकी हैं और उनकी व्यापक सराहना भी हुई है । उनकी फिल्मों के मूल विषय हालांकि भिन्न रहे हैं लेकिन वे मुख्य रूप से वे समसामयिक भारतीय अनुभवों के आसपास ही केन्द्रित रहे हैं । उनकी सभी फिल्मों में विकास से जुड़ी समस्याएं, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन से जुड़ी समस्याएं कई स्तरों पर दिखाई पड़ती हैं । फीचर फिल्मों के अलावा उन्होंने सांस्कृतिक मानवविज्ञान और औद्योगीकरण की समस्याओं से लेकर संगीत आदि जैसे विभिन्न विषयों पर कई वृत्तचित्र भी बनाए हैं ।

      टेलीविजन के लिए उन्होंने कई लोकप्रिय धारावाहिक बनाए हैं । ये धारावाहिक ख्यातिप्राप्त भारतीय लेखकों की अंतर्राष्ट्रीय कहानियों और लघु कथाओं पर आधारित हैं । उन्होंने भारत के इतिहास पर 53 भागों की एक विशाल धारावाहिक तैयार किया जो पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया (भारत एक खोज) पर आधारित है । उन्होंने ग्रामीण बच्चों के लिए एक नैतिक शिक्षा पर आधारित धारावाहिक भी तैयार किया है । इसे यूनिसेफ ने प्रायोजित किया था।

      श्री बेनेगल ने वर्ष 1966 से लेकर 1973 तक जनसंचार तकनीक के अध्यापन का कार्य किया और बाद में 1980-83 और 1989-92 के दौरान भारतीय फिल्म टेलीविजन संस्थान के चेयरमैन के रूप में फिल्म शिक्षा को एक ठोस स्वरूप प्रदान करने में सकारात्मक भूमिका निभाई । वह 1986 से लेकर 1989 तक राष्ट्रीय एकता परिषद और राष्ट्रीय कला परिषद से जुड़े रहे । भारत सरकार उन्हें दो सबसे अधिक सम्मानित पुरस्कारों - पद्मश्री (1976) और पद्मभूषण  (1991) से सम्मानित कर चुकी है ।

      उन्होंने सिनेमा के लिए 24 फीचर, कई वृत्तचित्र और टी वी धारावाहिक तैयार किए हैं । निशांत, मंथन, भूमिका, कोंडुरा, जुनून, कलयुग, मंडी, त्रिकाल, सूरज का सातवां घोड़ा, मम्मो, सरदारी बेगम, समर, द मेकिंग ऑफ द महात्मा, जुबैदा और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस उनकी कुछ अन्य महत्वपूर्ण फिल्में हैं ।

      फिलहाल श्री बेनेगल राज्य सभा के सदस्य हैं ।

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