अनुकरणीय कार्य

''हर अच्‍छे,श्रेष्‍ठ और महान कार्य में तीन चरण होते हैं, प्रथम उसका उपहास उड़ाया जाता है, दूसरा चरण उसे समाप्‍त या नष्‍ट करने की हद तक विरोध किया जाता है और तीसरा चरण है स्‍वीकृति और मान्‍यता, जो इन तीनों चरणों में बिना विचलित हुये अडिग रहता है वह श्रेष्‍ठ बन जाता है और उसका कार्य सर्व स्‍वीकृत होकर अनुकरणीय बन जाता है'' स्‍वामी विवेकानन्‍द

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मतदाता फोटो पहचानपत्र

प्रत्येक मतदान केन्द्र पर मतदाता की थर्मल स्क्रीनिंग होगी, कर सकेंगे मतदान

पीड़ित व्यक्तियों को 29 लाख रूपये की सहायता दी गई