फसल संगोष्ठी में पाया कृषकों ने अपनी समस्याओं का समाधान

फसल संगोष्ठी में पाया कृषकों ने अपनी समस्याओं का समाधान
संजय गुप्‍ता (मांडिल) मुरैना ब्‍यरो
मुरैना 07मार्च 08/ कृषि, पशु पालन, बागवानी एवं कृषि आधारित उद्योग धंधों से जुड़े किसानों के प्रश्नों एवं जिज्ञासाओं का गत 5 मार्च को आचंलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र मुरैना में आयोजित फसल संगोष्ठी में दस विशेषज्ञों ने समाधान किया । इस संगोष्ठी का आयोजन दूरदर्शन ग्वालियर द्वारा किया गया जिसका सीधा प्रदेश व्यापी प्रसारण भी हुआ । कृषि विशेषज्ञ डा. एस.एस. तोमर ने किसान को 20 से 25 दिन के दौरान पहला पानी, 60 से 65 दिन पर दूसरा तथा दूधिया अवस्था आजाने पर तीसरा पानी लगाने की सलाह दी । उन्होंने कम वर्षा वाले क्षेत्र के किसानों को खरीफ में बाजरा तथा रबी में सरसों तथा चना लगाने की भी सलाह दी ।
आंचलिक कृषि अनंसुधान केन्द्र के निर्देशक डा. वाई.एम. कूल ने कृषि जल प्रबंधन पर कृषकों की समस्याओं का समाधान किया । वॉटर शैड की अवधारणा पर प्रकाश डालने के साथ- साथ उन्होंने जल संरक्षण पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि चंबल संभाग में 365 दिन में औसतन 25 से 28 दिन ही वर्षा होती है जो 650 एम.एम. है । उन्होंने 25 हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्र में एक हेक्टेयर का दो से तीन मीटर गहरा तालाब बनाने की सलाह दी ।
मधुमक्खी पालन संबंधी प्रश्नों का उत्तर देते हुए वैज्ञानिक डा. अरबिन्द कौर ने बताया कि एक मधुमक्खी परिवार से औसतन 60 किलो शहद प्राप्त होता है । इसके अलावा मोम भी मिलता है । उन्होंने किसानों से प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत ही मधुमक्खी पालन की किसानों को सलाह दी । संगोष्ठी में डा. पी.पी. सिंह ने पशु पालन, डा. एम.एल.शर्मा ने कीट नियंत्रण तथा डा. धर्मेन्द्र सिंह ने खरपतवार नियंत्रण से संबंधित उपयोगी जानकारी दी ।
संगोष्ठी में बीजोपचार के महत्व कृषि उपकरणों , मत्स्य पालन, आंवले में तना, मक्खी का समय रहते बचाव, सावधानियां एवं उपचार , राज्य शासन की कृषक हितकारी योजनाओं सहित विविध जानकारियाँ दी गई ।
केन्द्र निदेशक दूरदर्शन डा.आर.बी. भण्डारकर ने प्रारंभ में फसल संगोष्ठी की पृष्ठ भूमि पर प्रकाश डाला और वैज्ञानिकों तथा कृषकों का स्वागत भी किया । संगोष्ठी में सर्वश्री एन.आर. भास्कर, उप संचालक कृषि मुरैना, गोबिन्द प्रसाद परते, सहायक संचालक उद्यानिकी, डा. वाई एम. कूल ,डा. एस.एस. तौमर, डा. एम.एल.शर्मा, डा.एस.के. त्रिवेदी , इंजी के.किशोर , डा. धर्मेन्द्र सिंह, डा. सुश्री अरविन्दर कौर तथा डा. पी.पी. सिंह ने बतौर विषय विशेषज्ञ ने भाग लिया । संगोष्ठी का संचालन कृषि महाविद्यालय के सहायक संचालक प्रध्यापक श्री यशंवत इन्द्रापुरकर ने किया । श्री ऋषिमोहन श्रीवास्तव ने एंकर फील्ड तथा श्री आर.के. यादव एवं श्री आर.ए. झलानी ने प्रस्तुतकर्ता की भूमिका निभाई ।

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